डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म फोनपे (PhonePe) ने अपनी सालाना रिपोर्ट जारी कर दी है. इसके अनुसार कंपनी का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2024 में 5000 करोड़ से भी ऊपर पहुंच गया है. कंपनी के ऑपरेशन से हुए रेवेन्यू में 73.8 फीसदी की तगड़ी तेजी आई है, जिसके बाद यह 5064 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. वहीं दूसरी ओर कंपनी का नेट लॉस 28.6 फीसदी घटकर 1996 करोड़ रुपये पर आ गया. पिछले साल यह 2795 करोड़ रुपये था.

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इस तेजी की एक बड़ी वजह ये है कि फोनपे ने General Atlantic, Walmart, Tiger Global और कुछ अन्य निवेशकों से 2023 में 1 अरब डॉलर की फंडिंग उठाई थी. इस फंडिंग की वजह से ही कंपनी को अपना रेवेन्यू बढ़ाने में मदद मिली.

कंपनी का मुख्य रेवेन्यू सोर्स पेमेंट सर्विस ही रहा, लेकिन कंपनी को मिली 195 मिलियन डॉलर की एक फंडिंग के चलते रेवेन्यू में 661 करोड़ रुपये की ब्याज से हुई इनकम भी शामिल हो गई. इस तरह कंपनी का कुल रेवेन्यू 5725 करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले साल 3085 करोड़ रुपये ही था.

फोनपे ने सोमवार को कहा कि वह भारतीय बाजार में वित्तीय समाधान प्रदान करने में अपने नजरिए के तहत पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए प्रतिबद्ध है. कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट के माध्यम से अपने विजन, रणनीति, शासन और वित्तीय प्रदर्शन को शेयर किया है. कंपनी ने बताया कि वह देश में डिजिटल नेटिव्स के विकास में अगली पीढ़ी को सशक्त बनाने के लिए घरेलू समाधान जारी रखेगी.

कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में फर्स्ट इंडिया रणनीति और विजन पर जोर दिया है. इसमें कहा गया है कि फोनपे ने भारत में अपना स्थान बदलने से लेकर देशभर में 20 हजार से अधिक रोजगार पैदा करने, भारत की डीपीआई पहल को शुरू करने और भारतीय इंटरनेट इकोसिस्टम में उद्योग अग्रणी निवेश करने, वित्तीय समावेशन और डिजिटल विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध रहा है.

फोनपे ने बयान में कहा, "उसका उद्देश्य एक बहु-पीढ़ी वाली भारतीय कंपनी बनाना है, जिस पर कर्मचारियों, ग्राहकों, भागीदारों और निवेशकों को गर्व हो. इस विजन की नींव मजबूत संगठनात्मक संस्कृति और मूल्य हैं. एक अनुभवी नेतृत्व टीम, प्रमुख निवेशक और एक पेशेवर निदेशक मंडल के साथ कंपनी लंबे समय तक चलने वाला विकास, मजबूत शासन और नियमों को प्राथमिकता देती है."

फोनपे समूह वित्तीय क्षेत्रों में कई व्यवसायों का संचालन करता है, जो आरबीआई, सेबी, आईआरडीएआई और यूआईडीएआई द्वारा विनियमित हैं. कंपनी ने कहा, "फोनपे एक मजबूत तकनीकी आधार पर असाधारण उत्पादों का निर्माण कर रहा है. रिपोर्ट में इनोवेशन को बढ़ावा देने वाले प्रमुख प्लेटफार्मों को दर्शाया गया है और फोनपे की रणनीति को डायनमिक मार्केट में तकनीकी लचीलापन और स्केलेबिलिटी में सुनिश्चित करता है."

फोनपे के सीईओ और संस्थापक समीर निगम ने कहा, "फोनपे पर हमारा लक्ष्य ऐसा इंटरनेट प्लेटफॉर्म बनाना है, जो भारतीय नागरिकों को उनके जीवन में सुधार लाने और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सशक्त बनाते हैं. हमारा मानना है कि भारत की स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ तक एक आधुनिक और विकसित अर्थव्यवस्था को आकार देने के लिए निरंतर इनोवेशन महत्वपूर्ण हैं."

निगम ने आगे कहा, "मुक्त बाजार प्रतिस्पर्धा ही प्रोडक्ट इनोवेशन और सर्विस एक्सीलेंस से चलती है, जो भविष्य है. पारदर्शिता इसका केंद्र है, यही वजह है कि हमें अपनी पहली वार्षिक रिपोर्ट जारी करने पर गर्व है. हमें उम्मीद है कि इससे लोगों को हमारी पारदर्शिता, संस्कृति और शासन मॉडल और हमारी व्यापार रणनीति की बेहतर समझ मिलेगी." बता दें कि फोनपे के साथ 570 मिलियन से अधिक यूजर्स रजिस्टर्ड हैं और 40 मिलियन से अधिक व्यापारी इससे जुड़े हुए हैं. फोनपे तेजी के साथ भारत का डिजिटल भुगतान ऐप बन गया है.

(IANS से इनपुट के साथ)