आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस सर्च कंपनी Perplexity AI हाल ही में यूनिकॉर्न बनी थी. अब भारतीय मूल के शख्स के इस स्टार्टअप ने अगले फंडिंग राउंड की तैयारी शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि कंपनी अपनी मौजूदा वैल्युएशन के दोगुने से भी ज्यादा वैल्युएशन पर फंडिंग उठा सकती है. 

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वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार यह स्टार्टअप अगले राउंड में करीब 8 अरब डॉलर के वैल्युएशन पर फंडिंग उठाने की तैयारी में है. रिपोर्ट के अनुसार इस मामले से जुड़े एक शख्स ने बताया कि कंपनी करीब 500 मिलियन डॉलर का नया फंडिंग राउंड कर रही है. बता दें कि  SoftBank Group Corp के Vision Fund 2 ने इसी साल स्टार्टअप में करीब 3 बिलियन डॉलर के वैल्युएशन पर निवेश किया था.

हाल ही में बनी थी यूनिकॉर्न

कुछ समय पहले ही अमेरिका में भारतीय मूल के फाउंडर ने अपने एआई स्टार्टअप Perplexity को यूनिकॉर्न (Unicorn) बना दिया. Perplexity ने 62.7 मिलियन डॉलर यानी करीब 5200 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की थी. यह फंडिंग 1.04 बिलियन डॉलर के वैल्युएशन पर हुई थी.

कंपनी के इस फंडिंग राउंड में NVIDIA, Jeff Bezos, Shopify के फाउंडर Toby Lutke, OpenAI के को-फाउंडर और पूर्व टेस्ला एग्जिक्युटिव Andrej Karpathy, Y Combinator के सीईओ Garry Tan, Angel List के फाउंडर Naval Ravikant, Figma के CEO Dylan Field और Jakob Uszkoreit ने हिस्सा लिया था.

भारतीय मूल के अरविंद श्रीनिवास ने की थी शुरुआत

Perpelexity AI की शुरुआत 2022 में भारतीय मूल के अरविंद श्रीनिवास ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर की थी. अरविंद ने आईआईटी मद्रास से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है. उन्होंने 2017 में यहां से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में ड्यूअल डिग्री हासिल की है. इसके बाद उन्होंने बार्कले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की है. पीएचडी के दौरान ही उन्होंने OpenAI, DeepMind और Google जैसी कंपनियों में इंटर्नशिप भी की. इसके बाद ही उन्होंने 2022 में Perplexity AI की शुरुआत की.

गूगल को दे रहा है टक्कर

वैसे तो यह स्टार्टअप ChatGPT की तरह सेवाएं देता है, लेकिन कई वजहों के चलते इसके गूगल का सीधा कॉम्पटीटर माना जा रहा है. यहां तक कि यह स्टार्टअप गूगल के अच्छे कर्मचारियों को अपनी ओर खींचने की कोशिश भी करता है. पिछले दिनों एक ऐसा मामला सामने आया भी था, जिसके बारे में खुद अरविंद श्रीनिवास ने एक वीडियो में बताया था. 

कुछ वक्त पहले गूगल के एक कर्मचारी को इस स्टार्टअप (Startup) ने ज्यादा सैलरी (Salary) पर जॉब ऑफर (Job Offer) की थी. जैसे ही गूगल को इसका पता चला, उसने कर्मचारी को मिल रहे ऑफर से चार गुना ज्यादा सैलरी ऑफर कर दी, ताकि उसे कंपनी में ही रोके रखा जा सके.