भारत के ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म Ullu के वित्तीय नतीजे (Financial Result) सामने आ रहे हैं. कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 93.1 करोड़ रुपये का रेवेन्यू (Revenue) हासिल किया है. बता दें कि पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का रेवेन्यू 46.8 करोड़ रुपये था. इस तरह कंपनी का रेवेन्यू एक साल में दोगुना होगा गया है. रेवेन्यू बढ़ने पर सबसे पहली चीज जो मन में आती है, वह ये होती है कि कंपनी को मुनाफा (Profit) भी हो रहा है या फिर सिर्फ नुकसान ही बढ़ता जा रहा है?

मुनाफा 4 गुना बढ़ा

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फंडिंग विंटर के बीच जहां एक ओर अधिकतर कंपनियां मुश्किल से बिजनेस को बढ़ा पा रही हैं. वहीं दूसरी ओर Ullu का मुनाफा बढ़कर 4 गुना हो गया है. वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का मुनाफा सिर्फ 3.90 करोड़ रुपये था, जो 2023 में करीब 3.87 गुना बढ़कर 15.10 करोड़ रुपये हो गया है. कंपनी के नतीजे दिखा रहे हैं कि यह स्टार्टअप कितने बेहतर तरीके से अपना बिजनेस चला रहा है.

क्या है Ullu?

Ullu एक मेंबरशिप वाला प्लेटफॉर्म है, जो वेब सीरीज, फिल्में और दूसरे तरह के कॉन्टेंट स्ट्रीम करता है. कंपनी की कमाई का एकमात्र सोर्स इसका सब्सक्रिप्शन है, जिसे बेचकर यह स्टार्टअप पैसे कमाता है. स्टार्टअप डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म द क्रेडिबल के अनुसार कंपनी के फाउंडर और सीईओ विभु अग्रवाल के पास कंपनी की करीब 65 फीसदी की हिस्सेदारी है. वहीं उनकी पत्नी मेघा अग्रवाल के पास बाकी की 35 फीसदी की हिस्सेदारी है.

विज्ञापन और प्रमोशन पर खर्च 4 गुना बढ़ा

इस ओटीटी प्लेटफॉर्म का कॉस्ट ऑफ प्रोडक्शन कंपनी के कुल खर्चों का करीब 50 फीसदी है. यह कॉस्ट वित्त वर्ष 2023 में 87 फीसदी बढ़कर 35.9 करोड़ रुपये हो गई है, जो 2022 में 19.2 करोड़ रुपये थी. बता दें कि कंपनी के विज्ञापन और प्रमोशन के खर्चों में वित्त वर्ष 2023 में करीब 4 गुना यानी लगभग 300 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है.

इसके अलावा कर्मचारियों के दिए जाने वाले बेनेफिट, लीगल और प्रोफेशनल कामों पर खर्च, रेंट, आईटी और अन्य खर्चे भी साल 2023 में 74.64 फीसदी बढ़े हैं और 72.3 करोड़ रुपये पर पहुंच गए हैं. बता दें कि वित्त वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 41.4 करोड़ रुपये था.