MSME National Summit: बदलते दौर में वर्कफोर्स की अपस्किलिंग-रीस्किलिंग जरूरी
MSME National Summit: नए दौर में MSMEs अपनी टीम्स को कैसे तैयार करें. वहीं डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के बीच वर्कफोर्स के हुनर को तराशने से जुड़े विभिन्न आयामों पर इंडस्ट्री के विशेषज्ञों ने अपनी राय रखते हुए उद्यमियों का मार्गदर्शन किया.
MSME National Summit: वैश्विक मौकों के बीच बिज़नेस करने का माहौल भी तेज़ी से बदल रहा है. लाज़मी है कि MSME सेक्टर से जुड़े उद्यमी भी अपने कारोबार के विभिन्न आयामों पर बारीकी से मंथन करें और आगे की राह तलाशने के लिए अनुकूल स्ट्रैटेजी के साथ कदम बढ़ाएं. ऐसे में वर्कफोर्स को मौजूदा ज़रूरतों के मुताबिक तैयार करना बेहद ज़रूरी है. दरअसल, ये इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कारोबार को न सिर्फ नई दिशा देने बल्कि इसे आगे बढ़ाने में भी इसका खास रोल रहता है.
माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइज़ेज यानि (MSMEs) का देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है. ये सेक्टर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है. लेकिन, बदलते परिदृश्य में इकोनॉमी की बैकबोन कहे जाने वाले MSME सेक्टर में ग्रोथ के अवसरों को भुनाने के लिए हम MSME NATIONAL SUMMIT & AWARDS SEASON 3 में अलग-अलग विषयों पर न सिर्फ़ मंथन कर रहे हैं बल्कि इंडस्ट्री की नब्ज़ का जायज़ा भी ले रहे हैं. तो फिर आज का हमारा सेशन Motivating teams & New Age Skills पर केंद्रित है.
नए दौर में MSMEs अपनी टीम्स को कैसे तैयार करें. वहीं डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के बीच वर्कफोर्स के हुनर को तराशने से जुड़े विभिन्न आयामों पर इंडस्ट्री के विशेषज्ञों ने अपनी राय रखते हुए उद्यमियों का मार्गदर्शन किया.
सेशन में पुणे से HR Neeti की फाउंडर डायरेक्टर Annada Ranade और भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM) इंदौर की प्रोफ़ेसर Kajari Mukherjee ने तेज़ी से बदल से माहौल के बीच वर्कफोर्स के मुद्दे पर 360 डिग्री नज़रिया पेश करते हुए उद्यमियों की हैंडहोल्डिंग की. वहीं, इस वेबिनार का संचालन ज़ी बिज़नेस के SME Editor सौरभ मनचंदा ने किया.
बदलते दौर में वर्कफोर्स की अपस्किलिंग-रीस्किलिंग की ज़रूरतों पर चर्चा करते हुए HR Neeti की फाउंडर डायरेक्टर Annada Ranade ने कहा कि यदि हम नए दौर की अर्थव्यवस्था के साथ कदम बढ़ा रहे हैं तब हमे वर्कफोर्स के चयन में कुछ पहलुओं पर बारीक़ी से ग़ौर करना चाहिए. मसलन, ऐसे वर्कफोर्स को जोड़ना चाहिए जो कारोबार के अनुरूप विविध आयामों में डिजिटल रूप से उपयोग होने वाली नई तकनीकों के बारे में जानकार भी हो.
चर्चा के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि आज हम ऐसे क्षेत्र में हैं जहां आपके हर काम के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है. बात कार्यक्षमता बढ़ाने की हो या फिर प्रभावशाली बनाने की हो. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी की बात करें तो बाज़ार में विभिन्न चीज़ों के लिए बहुत से अच्छे एप्लीकेशंस मौजूद हैं. वहीं, स्किल्स के मोर्चे पर पुराने वर्कफोर्स और नई वर्कफोर्स के बीच गैप भी है.
नई टेक्नोलॉजी और नई स्किल्स के तालमेल के साथ कदम बढ़ाने से जुड़े पहलू पर नज़रिया रखते हुए IIM इंदौर की प्रोफेसर Kajari Mukherjee ने कहा कि सबसे पहले हमें मानना पड़ेगा कि पारंपरिक तौर पर MSMEs डिजिटल माध्यम से ज़्यादातर जुड़े नहीं होते हैं. ऐसे में कामकाज के क्षेत्र में उन्हें डिजिटल मोड को बढ़ावा देने की ज़रूरत है.
चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति (IR-4.0) के बारे में काफी बातचीत करते हैं. लेकिन क्या हमारी वर्कफोर्स भी (IR-4.0) को समझती है. बदलते परिदृश्य में विभिन्न टेक्नोलॉजीज़ में बदलाव हो रहा है, जो कि हमारी दुनिया को बहुत तेज़ी से बदल रही है. लिहाज़ा हमें पहले वर्कफोर्स के अंदर (IR-4.0) को लेकर समझ विकसित करनी होगी. इसके लिए जागरूकता सत्र का आयोजन करने के साथ-साथ हम बाहर से विशेषज्ञों को भी बुलाकर वर्कफोर्स के बीच उनका तज़ुर्बा भी साझा कर सकते हैं.
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