केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को बैंकों से सरकार की नीतियों और वित्तीय गारंटी के अनुरूप अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित करते हुये युवाओं एवं छोटे उद्यमियों को कर्ज उपलब्ध कराने का आग्रह किया. सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्री ने एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए छोटे उद्यमियों के वित्तीय समावेशन की आवश्यकता पर जोर दिया. जिनके बिना देश का विकास नहीं हो सकता है.

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सिंह ने एनपीए और फंसे कर्ज को लेकर बैंकिंग क्षेत्र की चिंताओं की सराहना की. उन्होंने कहा कि सरकार की एमएसएमई उद्योग में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति उद्यमियों को उद्योग के दूसरे उद्यमियों के बराबर लाने की इच्छुक है. उनके लिए विशेष वित्तीय योजनाएं शुरू की गई हैं.

केंद्रीय मंत्री ने एमएसएमई क्षेत्र के लिये पिछले साल शुरू की गई 12 पहलों का जिक्र करते हुये उनसे 59 मिनट में ऋण स्वीकृति वाले पोर्टल का लाभ उठाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि सीमित संसाधन होने के बावजूद सरकार ने पिछले चार साल के दौरान एमएसएमई के विकास के लिये काफी कुछ किया है.

एमएसएमई सचिव अरुण कुमार पांडा ने इस अवसर पर कहा कि एमएसएमई को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये समय पर सस्ती पूंजी उपलब्ध कराना, प्रौद्योगिकी उन्नयन, बाजार पहुंच और कुशल कार्यबल उपलब्ध कराना इस क्षेत्र के विकास के लिये जरूरी चीजें हैं जिन्हें उपलब्ध कराया गया है.