भारतीय गुणवत्ता परिषद (QIC) ने मंगलवार को कहा कि उसने लघु उद्योग भारती की सदस्य कंपनियों के बीच केंद्र की ‘एमएसएमई कॉम्पिटिटिव लीन स्कीम’ में जागरूकता और भागीदारी बढ़ाने पर सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. क्यूसीआई और लघु उद्योग भारती (एलयूबी) के बीच समझौता ज्ञापन राज्य और जिला स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों, शिविरों और परामर्श सहित सहयोगात्मक पहल के लिए एक रूपरेखा तैयार करता है. इसका मकसद है कि सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों के सदस्यों को योजना के तहत सरल सिद्धांतों और टिकाऊ व्यवहार को अपनाने की सुविधा मिल सके. 

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नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (एनएबीईटी), जो कि क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया का एक घटक बोर्ड है, एलयूबी सदस्यों को एमएसएमई कॉम्पिटिटिव लीन स्कीम के लिए पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. देश में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए एमएसएमई प्रतिस्पर्धी लीन योजना (एमसीएलएस) शुरू की गई है. 

एनएबीईटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वरिंदर कंवर ने कहा, ‘‘हमारा ध्यान एमएसएमई को प्रभावी ढंग से लीन कार्यप्रणाली अपनाने, दक्षता बढ़ाने, लागत कम करने और एमएसएमई प्रतिस्पर्धी लीन योजना के माध्यम से प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने में सक्षम बनाने पर है.’’ लघु उद्योग भारती के महासचिव ओम प्रकाश गुप्ता ने कहा, ‘‘हम विभिन्न बैठकों और कार्यक्रमों के जरिये एनएबीईटी को अपने सदस्यों तक पहुंचने में सक्रिय रूप से मदद करेंगे.’’