हाल ही में मामाअर्थ का आईपीओ (Mamaearth IPO) खुला था, जो 2 नवंबर को बंद हुआ है. वैसे तो आईपीओ और शेयर बाजार से जुड़े तमाम एक्सपर्ट कंपनी को ओवर वैल्यूड मान रहे थे और इसकी तुलना पेटीएम से कर रहे थे, लेकिन यह आईपीओ करीब 7.6 गुना सब्सक्राइब हुआ है. इस पर भारतपे के पूर्व को-फाउंडर अश्नीर ग्रोवर (Ashneer Grover) ने इस आईपीओ को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ अहम बातें कही हैं. उन्होंने आईपीओ के इतना ज्यादा सब्सक्राइब होने पर स्टार्टअप को को-फाउंडर्स को बधाई दी और साथ ही बताया कि उन्होंने भी चुपके से इस आईपीओ में पैसे लगा दिए हैं. बता दें कि गुरुग्राम की सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल कंपनी की स्थापना 2016 में पति-पत्नी की जोड़ी वरुण अलघ और गजल अलघ ने की थी. इसने मामाअर्थ ब्रांड के साथ शुरुआत की थी. कंपनी के शेयर बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध होंगे. 

क्या बोले अश्नीर ग्रोवर?

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अश्नीर ग्रोवर ने ट्विटर पर लिखा- 'मामाअर्थ के वरुण अलघ और गज़ल अलघ को कंपनी का आईपीओ 8 गुना ओवर-सब्सक्राइब होने के लिए बधाई!! साथ ही सभी ट्विटर आईपीओ पंडितों/वैल्युएशन एक्सपर्ट्स को गलत साबित करने और स्टाइल से उनका मुंह बंद कर देने के लिए Kudos!!' इसके साथ ही अश्नीर ने एक डिस्क्लेमर डालते हुए लिखा- 'मैंने इस आईपीओ में चुपके से और हैंडसम तरीके से पैसे लगाए हैं- ट्वीटर पर इसे Diss करने (मामाअर्थ आईपीओ को भला-बुरा कहने) से पैसे नहीं बनते, आईपीओ सब्सक्राइब करने से फिर भी बन सकते हैं!'

क्या कहा जा रहा था आईपीओ को लेकर?

मामाअर्थ के आईपीओ को लेकर सोशल मीडिया पर सबसे बड़ी बहस तो वैल्युएशन को लेकर ही चल रही थी. बहस इस बात पर हो रही थी कि कंपनी काफी बड़े वैल्युएशन पर आईपीओ ला रही है, ऐसे में यह दूसरा पेटीएम साबित हो सकता है. कंपनी के बिजनेस को लेकर भी कई सवाल उठ रहे थे, क्योंकि कंपनी का मार्जिन बहुत कम है और रिटर्निंग यूजर भी काफी कम हैं. सवाल उठ रहे थे कि कंपनी मार्केटिंग पर बहुत ज्यादा खर्च कर रही है और उसी के दम पर बिजनेस कर रही है.

तो क्या लोगों ने इन आरोपों को नकार दिया है?

जिस तरह मामाअर्थ का आईपीओ ओवर-सब्सक्राइब हुआ है, उसे देखकर ये कहा जा रहा है कि लोगों ने कंपनी पर पूरा भरोसा दिखाया है. अश्नीर ग्रोवर ने भी यही कहा है कि लोगों ने कंपनी के आईपीओ को ओवर-सब्सक्राइब कर के ट्विटर के आईपीओ पंडितों और एक्सपर्ट्स को मुंहतोड़ जवाब दिया है. अश्नीर ग्रोवर का ये कहना कुछ हद तक ठीक है, लेकिन पूरी तरह नहीं. इस आईपीओ में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स ने आईपीओ को 11.5 गुना सब्सक्राइब किया और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने करीब 4.02 गुना सब्सक्राइब किया है. इनके अलावा कंपनी के कर्मचारी कोटा के तहत 4.88 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ है. वहीं अगर रिटेल की बात करें, जिसके तहत हम और आप जैसे लोग पैसे लगाते हैं, वह सिर्फ 1.35 गुना सब्सक्राइब हुआ है. बता दें कि कंपनी ने कुल मिलाकर करीब 5 करोड़ शेयर आईपीओ के तहत रखे थे, जिसमें से रिटेल के लिए इसका सिर्फ 10 फीसदी हिस्सा था, मतलब सिर्फ 50 लाख. ऐसे में शेयरों के 1.35 गुना सब्सक्राइब होने पर ये नहीं कहा जा सकता है यह बहुत शानदार है.

ट्विटर पर भी लोग उठा रहे सवाल

अश्नीर ग्रोवर के ट्वीट के बाद से ट्विटर पर लोग ये सब बातें कर रहे हैं. एक यूजर अभय यादव ने कहा है कि रिटेल ने सिर्फ 1.25 गुना सब्सक्राइब किया है, जो इस आईपीओ सीजन का सबसे कम सब्सक्रिप्शन है. जनता को वैल्युएशन का गेम समझ आ गया है.

ऐसे में एक अन्य यूजर ने अश्नीर ग्रोवर से कहा है कि पेटीएम वाले ट्वीट का क्या?

इसी तरह कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि इससे पहले नायका, जोमैटो जैसे आईपीओ भी आए थे, जिनके शेयरों की वैल्यू आज बहुत ज्यादा गिर चुकी है. यह भी कहा जा रहा है कि बात में पता चलेगा, जब शेयर लिस्ट होगा. वैल्युएशन गलत की गई है. बहुत सारे लोग इसे दोगलापन कह रहे हैं.