महादेव ऐप Scam के 'मास्टरमाइंड' तक पहुंचे पुलिस के हाथ! 4 लोग पहले ही हो चुके हैं गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के चर्चित महादेव ऐप (ऑनलाइन सट्टा) से जुड़े दीपक नेपाली को मंगलवार की देर रात को पुलिस ने भिलाई के वैशाली नगर से गिरफ्तार कर लिया. लंबे अरसे से पुलिस को दीपक नेपाली की तलाश थी.
छत्तीसगढ़ के चर्चित महादेव ऐप (ऑनलाइन सट्टा) से जुड़े दीपक नेपाली को मंगलवार की देर रात को पुलिस ने भिलाई के वैशाली नगर से गिरफ्तार कर लिया. लंबे अरसे से पुलिस को दीपक नेपाली की तलाश थी. बताया गया है कि वह महादेव ऐप (Mahadev App Scam) से जुड़ा रहा है और उस पर अपहरण, लूट सहित कई मामले दर्ज हैं. उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत भी अपराध पंजीबद्ध है.
वह महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि चंद्राकर के भी संपर्क में रहा है. दीपक नेपाली को महादेव ऐप का मास्टरमाइंड माना जाता है. उससे जुड़े चार लोगों को पहले ही पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है और लंबे अरसे से पुलिस को उसकी तलाश थी आखिरकार मंगलवार की रात को पुलिस को कामयाबी मिली और उसे भिलाई के वैशाली नगर से गिरफ्तार किया गया. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है.
कुछ समय पहले ही रवि उप्पल को लिया था हिरासत में
इस महीने की शुरुआत में ही खबर आई थी कि महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के दो मुख्य मालिकों में से एक रवि उप्पल को दुबई में स्थानीय पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुरोध पर इंटरपोल की तरफ से जारी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर यह कदम उठाया गया था. सूत्रों के मुताबिक, उप्पल (43) को पिछले हफ्ते हिरासत में लिया गया था और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी उसे भारत लाने के लिए दुबई के अधिकारियों के संपर्क में हैं.
प्रवर्तन निदेशालय कथित अवैध सट्टेबाजी से जुड़े धन शोधन मामले में उप्पल के खिलाफ जांच कर रहा है. निदेशालय के अलावा छत्तीसगढ़ पुलिस और मुंबई पुलिस भी जांच कर रही हैं. संघीय जांच एजेंसी ने अक्टूबर में छत्तीसगढ़ के रायपुर में ‘धन शोधन निवारण अधिनियम’ (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत के समक्ष उप्पल और इंटरनेट-आधारित मंच के एक अन्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर के खिलाफ धन शोधन मामले में आरोप पत्र दायर किया था. बाद में प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर इंटरपोल ने एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था.
एजेंसी ने आरोप पत्र में अदालत को बताया था कि उप्पल ने प्रशांत महासागर में एक द्वीप देश वानुआतु का पासपोर्ट लिया है तथा उसने भारतीय नागरिकता नहीं छोड़ी है. इसमें आरोप लगाया गया था कि उप्पल एक सहायक पुलिस उपनिरीक्षक "चंद्रभूषण वर्मा" और कुछ अन्य लोगों के माध्यम से छत्तीसगढ़ के नौकरशाहों और नेताओं को रिश्वत के पैसे पहुंचाने की देखरेख कर रहा था. प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, इस मामले में अपराध से हुई अनुमानित आय लगभग 6,000 करोड़ रुपये है.