कूरियर कंपनी XpressBees ने लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन फर्म Trackon का अधिग्रहण कर लिया है. इस अधिग्रहण से यूनीकॉर्न स्टार्टअप (Unicorn Startup) XpressBees को SME कूरियर स्पेस मे घुसने में मदद मिलेगी. XpressBees अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर के पूरे देश में Trackon के बिजनेस को फैलाने में मदद करेगी. यह डील कितने रुपये में हुई है, अभी इसके बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.

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इस अधिग्रहण के बाद Trackon के सीएमडी और फाउंडर प्रभात कुमार आनंद पहले की तरह ही कम से कम अगले दो सालों तक बिजनेस को चलाते रहेंगे. अन्य तीन को-फाउंडर प्रमोद कुमार सिंह, दिनेश रौतेला और योगिंदर कुमार डबास ने डील की शर्तों के तहत कंपनी से इस्तीफा दे दिया है और आगे बढ़ गए हैं. Trackon के को-फाउंडर और सीएमडी प्रभात कुमार आनंद ने कहा है कि वह Xpressbees के साथ मिलकर अपने मौजूदा क्लाइंट्स को सर्विस देते रहेंगे. 

20 साल से लॉजिस्टिक्स बिजनेस में है Trackon

करीब 20 साल पुरानी Trackon का दावा है कि कंपनी करीब 350 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट करती है. यह कंपनी देश के लगभग 5600 पिन कोड में अपनी सेवा मुहैया करती है. अब कंपनी का प्लान है कि अगले कुछ सालों में यह अपनी सेवाओं को 12,000 से भी अधिक पिन कोड तक पहुंचाए. अभी कंपनी के वित्त वर्ष 2023 के नतीजे नहीं आए हैं. वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का रेवेन्यू करीब 283 करोड़ रुपये था और कंपनी ने 8.22 करोड़ रुपये का मुनाफा भी कमाया था.

तीसरी सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनी है XpressBees

वहीं दूसरी ओर XpressBees भारत की तीसरी सबसे बड़ी न्यू-एज लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन कंपनी है. इससे बड़ी सिर्फ दो ही लॉजिस्टिक्स कंपनियां हैं, Ecom Express और Delhivery. XpressBees का वित्त वर्ष 2022 का रेवेन्यू करीब 2000 करोड़ रुपये रहा था. अभी तक इसके वित्त वर्ष 2023 के आंकड़े नहीं आए हैं. XpressBees फरवरी 2021 में 300 मिलियन डॉलर के फंडिंग राउंड के बाद यूनीकॉर्न बन गई थी. वहीं कंपनी ने अगस्त 2022 में करीब 65 मिलियन डॉलर का एक सेकेंडरी ट्रांजेक्शन भी किया था.