भारत की अर्थव्यवस्था में तेज गति से वृद्धि होने के कारण खपत में भी इजाफा हो रहा है. इस वजह से निवेशक (Investor) भी खपत से जुड़े स्टार्टअप (Retail Startups) में जमकर निवेश कर रहे हैं. डेटा इंटेलिजेंस फर्म ट्रैक्सन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2024 की पहली छमाही में रिटेल सेक्टर की फंडिंग 32 प्रतिशत बढ़कर 1.63 अरब डॉलर हो गई है, जो कि 2023 की पहली छमाही में 1.23 अरब डॉलर थी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 2024 की पहली छमाही में कुल फंडिंग राउंड में से आठ में 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा की फंडिंग हुई है. फ्लिपकार्ट ने 350 मिलियन डॉलर, अपोलो 24/7 ने 297 मिलियन डॉलर और मीशो ने 275 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है, जो यह दिखाता है कि रिटेल सेक्टर को लेकर निवेशक काफी आशावादी हैं.

भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है. वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी विकास दर 8.2 प्रतिशत रही थी, जो कि चालू वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है. अर्थव्यवस्था की तेज गति के कारण भारत में खपत भी तेजी से बढ़ रही है.

यूबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक दशक में भारत में खपत बढ़कर करीब दोगुनी हो गई है. पिछले वर्ष यह 2.1 ट्रिलियन डॉलर पर थी. भारत 2026 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. पिछले साल भारत में खपत दुनिया की अन्य बड़ी अर्थव्यवस्था जैसे चीन, अमेरिका और जर्मनी के मुकाबले तेजी से बढ़ी थी.

घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण के अनुसार, 2011-12 से ग्रामीण इलाकों में खर्च में 164 प्रतिशत और शहरी इलाकों में खर्च में 146 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. सर्वेक्षण में बताया गया कि मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय (एमपीसीई) 2022-23 में 2011-12 की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में खर्च 164 प्रतिशत बढ़कर 3,773 रुपये और शहरी इलाकों में खर्च 146 प्रतिशत बढ़कर 6,459 रुपये हो गया है.