भारतीय स्टार्टअप्स की फंडिंग (Startup Funding) में इस साल की पहली छमाही (H1) यानी जनवरी से जून की अवधि तक में करीब 72 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में सामने आ रहा है, जिसे Tracxn Geo Semi-Annual Report: India Tech- H1 2023 नाम की रिपोर्ट में पब्लिश किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार पहली छमाही में भारत के स्टार्टअप्स (S( को सिर्फ 5.5 अरब डॉलर की फंडिंग ही मिली है.

करीब एक तिहाई रह गई फंडिंग राउंड की संख्या

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इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि फंडिंग राउंड की संख्या में भी गिरावट देखने को मिली है. इस साल की पहली छमाही में करीब 536 फंडिंग राउंड हुए हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में ये आंकड़ा 1500 था, जो पिछले साल दूसरी छमाही में 946 रह गया था. Tracxn की को-फाउंडर नेहा सिंह कहती हैं कि इस गिरावट के बावजूद भारत तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और भारत के स्टार्टअप-ईकोसिस्टम में अभी काफी तेजी से बढ़ने की क्षमता है.

2021 में हुई थी रेकॉर्ड स्टार्टअप फंडिंग

फंडिंग के अलावा भारत में पहली छमाही में नए यूनिकॉर्न बनने की संख्या में भी गिरावट आई है. स्टार्टअप्स में छंटनी भी काफी ज्यादा हुई. यह भी माना जा रहा है कि जैसी रेकॉर्ड फंडिंग साल 2021 में देखने को मिली थी, वैसी अब दोबारा शायद ही देखने को मिले. साल 2021 में तमाम कंपनियों को तगड़ा वैल्युएशन मिला, कई कंपनियों के आईपीओ भी आए, जिसने उन स्टार्टअप में पैसा लगाने वाले निवेशकों ने तगड़ी कमाई की. उस दौरान क्रिप्टो मार्केट भी तेजी से आगे बढ़ रहा था. हालांकि, 2022 की दूसरी छमाही और फिर 2023 में भी ब्याज दरें बहुत ही कम हैं, वैल्युएशन गिरा है और क्रिप्टो मार्केट तो जैसे धराशाई ही हो गया है.

शुरुआती 5 महीनों में ही दिखने लगा था ये ट्रेंड

पिछले साल से तुलना में इस साल के शुरुआती 5 महीनों में ही स्टार्टअप्स की फंडिंग में करीब 79 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल की तरफ से लगातार स्टार्टअप को दी जाने वाली फंडिंग में गिरावट देखने को मिली. यही वजह है कि एक के बाद एक कई स्टार्टअप ने लोगों को नौकरी (Startup Layoffs) से निकाला. पिछले साल यानी 2022 में जनवरी से लेकर मई तक तमाम स्टार्टअप्स को करीब 15.7 अरब डॉलर की फंडिंग मिली थी. वहीं इस साल इन 5 महीनों के दौरान महज 3.3 अरब डॉलर यानी करीब 27,000 करोड़ रुपये की ही फंडिंग मिली है. जहां पिछले साल स्टार्टअप्स ने फंडिंग के करीब 613 राउंड किए थे, वहीं इस साल शुरुआती 5 महीनों में महज 247 राउंड की फंडिंग ही हुई.