सिलिकॉन वैली से पीएम मोदी के पास आई खास मांग, Startups को कंट्रोल करने वाले नियमों की समीक्षा करने को कहा
टीआईई सिलिकॉन वैली (TiE Silicon Valley) के पूर्व अध्यक्ष वेंकटेश शुक्ला ने कहा कि (भारत) सरकार को स्टार्टअप और व्यवसायों पर अनुपालन बोझ को कम करने पर ध्यान देना चाहिए.
सिलिकॉन वैली के एक टॉप भारतीय-अमेरिकी उद्यम पूंजीपति (Indian-American Venture Capitalist) ने भारत से स्टार्टअप (Startup) को कंट्रोल करने वाले नियमों और विनियमों की समीक्षा के लिए एक अल्पकालिक अंतर-मंत्रालयी आयोग बनाने का आग्रह किया है. टीआईई सिलिकॉन वैली (TiE Silicon Valley) के पूर्व अध्यक्ष वेंकटेश शुक्ला ने कैलिफोर्निया में ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में ये बात कही. उन्होंने कहा कि (भारत) सरकार को स्टार्टअप और व्यवसायों पर अनुपालन बोझ को कम करने पर ध्यान देना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सबसे महत्वपूर्ण कदम जो वह उठा सकते हैं, वह एक अंतर-मंत्रालयी, अंतर-विभागीय अल्पकालिक आयोग या एक समिति बनाना है... जो सभी विभागों में स्टार्टअप को नियंत्रित करने वाले नियमों व विनियमों पर नए सिरे से विचार करे..’’ शुक्ला देश में स्टार्टअप से संबंधित मुद्दों पर भारत सरकार और कई राज्य सरकारों के सलाहकार रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘एक प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि स्टार्टअप की सफलता भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. वे नई नौकरियों का सृजन करते हैं. वे अर्थव्यवस्था में गतिशीलता लाते हैं.... अमेरिका के सौ से अधिक वर्षों से इतने सफल होने का कारण नवाचार है.’’ शुक्ला ने कहा, ‘‘दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में अमेरिका की सापेक्ष जीडीपी पीढ़ी दर पीढ़ी नवाचार के कारण काफी हद तक स्थिर बनी हुई है.’’
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ऐसी कोई वजह नहीं है कि भारत उस स्तर पर नहीं पहुंच सकता. मेरा मानना है कि जब नवाचार की बात आती है, बुद्धिमता की बात आती है, तो भारतीय किसी से पीछे नहीं हैं. गूगल क्यों नहीं है? फेसबुक क्यों नहीं है? भारत से कोई ओपन एआई क्यों नहीं आ रहा है?...यह उनके प्रबंधन (और विनियम संबंधी मुद्दों) के कारण है.’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत भारत ने डिजिटल क्षेत्र में आश्चर्यजनक प्रगति की है. शुक्ला ने कहा, ‘‘(भारत) सरकार को केवल स्टार्टअप और व्यवसायों पर अनुपालन बोझ को कम करने पर ध्यान देना चाहिए. बाकी काम भारत में मौजूदा प्रतिभाएं कर देंगी.’’