Startups: UP ने गुजरात को पछाड़ा, महाराष्ट्र है टॉप पर, यहां देखिए टॉप-5 राज्यों की पूरी लिस्ट
भारत में स्टार्टअप (Startup) ईकोसिस्टम तेजी से बढ़ रहा है. देश में स्टार्टअप्स की संख्या 1.40 लाख से भी अधिक हो गई है. अभी सबसे ज्यादा स्टार्टअप महाराष्ट्र में हैं. 25 हजार से भी अधिक (25,044) स्टार्टअप के साथ महाराष्ट्र पहले नंबर पर है.
भारत में स्टार्टअप (Startup) ईकोसिस्टम तेजी से बढ़ रहा है. देश में स्टार्टअप्स की संख्या 1.40 लाख से भी अधिक हो गई है. अभी सबसे ज्यादा स्टार्टअप महाराष्ट्र में हैं. 25 हजार से भी अधिक (25,044) स्टार्टअप के साथ महाराष्ट्र पहले नंबर पर है. वहीं 15,019 स्टार्टअप्स के साथ कर्नाटक इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है. वहीं तीसरे नंबर पर दिल्ली है, जहां 14,734 स्टार्टअप हैं.
स्टार्टअप्स की इस लिस्ट में सबसे हैरान करने वाले आंकड़े उत्तर प्रदेश से आए हैं. उत्तर प्रदेश में कुल मिलाकर 13,299 स्टार्टअप हैं और लिस्ट में यूपी चौथे नंबर पर है. बिजनेस के मामले में सबसे आगे रहने वाला गुजरात भी स्टार्टअप्स के मामले में यूपी से पीछे है. गुजरात में स्टार्टअप्स की संख्या 11,436 है और इसी के साथ गुजरात स्टार्टअप्स के मामले में पांचवें नंबर पर है. ये जानकारी वाणिज्य एंव उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्य सभा में एक लिखित जवाब में दी है.
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग यानी डीपीआईआईटी (DPIIT) के मुताबिक, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना के तहत 30 जून तक इनक्यूबेटर्स ने स्टार्टअप्स के लिए 90.52 करोड़ रुपये मंजूर किए. बता दें कि 2023 में यह आंकड़ा 186.19 करोड़ रुपये था. पिछले साल के 1025 स्टार्टअप्स के मुकाबले इस साल इनक्यूबेटर्स ने 592 स्टार्टअप्स को चुना है.
अगर बात फंड ऑफ फंड्स की करें तो इसके तहत समर्थित वैकल्पिक निवेश फंड ने 30 जून तक स्टार्टअप्स में 805.86 करोड़ रुपये लगाए. पिछले साल यह आंकड़ा 3366.48 करोड़ रुपये था. बता दें कि एआईएफ समर्थित स्टार्टअप्स की कुल संख्या 30 जून तक 96 रही. यह संख्या पिछले साल यानी 2023 में 148 थी.
साल भर में ONDC का लेनदेन 99 लाख
अगर ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स यानी ओएनडीसी की बात करें तो इस पर 5.7 लाख से अधिक सेलर और सर्विस प्रोवाइडर हैं. ओएनडीसी का मकसद डिजिटल नेटवर्क पर वस्तुओं और सेवाओं के लेन-देन के सभी पहलुओं के लिए खुले नेटवर्क को बढ़ावा देना है. जनवरी, 2023 में ओएनडीसी पर 1,000 से अधिक लेनदेन हो रहे थे. जून, 2024 तक यह आंकड़ा 99 लाख से अधिक लेनदेन तक पहुंच चुका है.