दुनिया भर में स्टार्टअप्स (Startups) की संख्या के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है. खुद पीएम मोदी ने भी 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से इस बात की घोषणा की थी. हालांकि, पिछले कुछ महीनों से तमाम स्टार्टअप फंडिंग (Startup Funding) को लेकर काफी संघर्ष कर रहे हैं. वहीं इस फंडिंग विंटर (Funding Winter) के बीच भी पैसे जुटाने के मामले में भारत के स्टार्टअप ज्यादा पीछे नहीं हैं, बल्कि दुनिया में चौथे नंबर पर हैं. अमेरिका, चीन और यूके के बाद भारत चौथे नंबर पर है. इस रिपोर्ट को बनाने के लिए रिसर्च फर्म ने करीब 40 देशों के 80 से भी अधिक शहरों में स्टडी की.

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स्टार्टअप्स से जुड़ा डेटा मुहैया कराने वाली अमेरिका की रिसर्च फर्म Startup Genome की Scaleup Report ने ये जानकारी दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वेंचर कैपिटल फर्म से 50 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग जुटाने वाले स्टार्टअप्स के मामले में भारत चौथे नंबर पर है. यानी अमेरिका, चीन और यूके के बाद भारत में सबसे ज्यादा ऐसे स्टार्टअप हैं, जिन्होंने 50 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग जुटाई है.

किस देश में कितने स्टार्टअप को मिली बड़ी फंडिंग?

रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 429 ऐसे स्टार्टअप हैं, जिन्हें 50 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग मिली है. इन स्टार्टअप्स को कुल 127 अरब डॉलर की वीसी इन्वेस्टमेंट मिली है. वहीं टोटल टेक इन्वेस्टमेंट की वैल्यू 446 अरब डॉलर है. रिपोर्ट के अनुसार भारत के करीब 50 फीसदी स्टार्टअप ऐसे हैं, जिनके ग्राहक घरेलू ना होकर विदेशों से हैं.

पहली छमाही में ही Startup Funding में 72% की गिरावट

भारतीय स्टार्टअप्स की फंडिंग में इस साल की पहली छमाही (H1) यानी जनवरी से जून की अवधि तक में करीब 72 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में सामने आ रहा है, जिसे Tracxn Geo Semi-Annual Report: India Tech- H1 2023 नाम की रिपोर्ट में पब्लिश किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार पहली छमाही में भारत के स्टार्टअप्स को सिर्फ 5.5 अरब डॉलर की फंडिंग ही मिली है.

इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि फंडिंग राउंड की संख्या में भी गिरावट देखने को मिली है. इस साल की पहली छमाही में करीब 536 फंडिंग राउंड हुए हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में ये आंकड़ा 1500 था, जो पिछले साल दूसरी छमाही में 946 रह गया था. Tracxn की को-फाउंडर नेहा सिंह कहती हैं कि इस गिरावट के बावजूद भारत तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और भारत के स्टार्टअप-ईकोसिस्टम में अभी काफी तेजी से बढ़ने की क्षमता है.

2021 में हुई थी रेकॉर्ड स्टार्टअप फंडिंग

फंडिंग के अलावा भारत में पहली छमाही में नए यूनिकॉर्न बनने की संख्या में भी गिरावट आई है. स्टार्टअप्स में छंटनी भी काफी ज्यादा हुई. यह भी माना जा रहा है कि जैसी रेकॉर्ड फंडिंग साल 2021 में देखने को मिली थी, वैसी अब दोबारा शायद ही देखने को मिले. साल 2021 में तमाम कंपनियों को तगड़ा वैल्युएशन मिला, कई कंपनियों के आईपीओ भी आए, जिसने उन स्टार्टअप में पैसा लगाने वाले निवेशकों ने तगड़ी कमाई की. उस दौरान क्रिप्टो मार्केट भी तेजी से आगे बढ़ रहा था. हालांकि, 2022 की दूसरी छमाही और फिर 2023 में भी ब्याज दरें बहुत ही कम हैं, वैल्युएशन गिरा है और क्रिप्टो मार्केट तो जैसे धराशाई ही हो गया है.