टेक स्टार्टअप (Startup) में काम करने वाले एक शख्स ने सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म रेडिट पर अपने स्टार्टअप के खराब वर्क कल्चर के बारे में बताया है. इस शख्स ने कंपनी ने को-फाउंडर और टेक हेड पर मानसिक उत्पीड़न और अपमान करने का आरोप लगाया है. कर्मचारी ने बताया कि उसे इतना परेशान किया गया कि एक गूगल मीट के दौरान वह रो पड़ा.

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अपनी पोस्ट में कर्मचारी ने लिखा है कि वहां पर कर्मचारी बिना सही गाइडेंस और ट्रेनिंग के 12-15 घंटे काम करते हैं. हमने अपनी उम्मीद छोड़ दी है कि हमें कभी सराहा जाएगा. अब हमें बस यह उम्मीद होती है कि हमारी बेइज्जती ना की जाए.

कर्मचारी ने एक प्रोजेक्ट के लिए दिशा-निर्देशों की स्पष्टता पर भी सवाल उठाया। आरोप है कि टेक हेड ने न केवल जवाबदेही से बचने की कोशिश की, बल्कि कर्मचारी को बुरा-भला भी कहा. साथ ही अपने बर्ताव को सही ठहराने की कोशिश की। कर्मचारी ने लिखा- 'वह बस अपनी बात सही साबित करने के लिए गोल-गोल बातें कर रहे थे और मुझे बुरा महसूस करवा रहे थे.'

कर्मचारी ने आगे कहा- 'मैं अपने आंसुओं को रोक नहीं सका और रोने लगा. मैं मानसिक रूप से काम करने की हालत में नहीं था, इसलिए मैंने गूगल मीट के कुछ घंटों बाद कहा कि मैं छुट्टी ले रहा हूं.' उस शख्स ने अपना एक पुराना वाकया भी साझा किया, जब को-फाउंडर ने उसे बुरा-भला कहा था. बिना किसी ट्रेनिंग और टेक्नोलॉजी के काम करने का दवाब उसे निराश कर रहा था. अपना गुस्सा निकालने हुए कर्मचारी ने लिखा- 'इतनी मेहनत करने के बाद भी आपको अपमान झेलना पड़ता है.'