सफेद चीनी को जहां सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है, वहीं गुड़ को सेहत का खजाना बताया गया है. उत्तर प्रदेश में गुड़ का बड़े पैमाने पर उत्पादन और कारोबार होता है. खासकर यूपी का मुजफ्फरनगर तो गुड़ मंडी के नाम से ही मशहूर है. बाजार में गुड़ को बढ़ावा देने के मकसद से मुजफ्फरनगर में गुड़ महोत्सव का आयोजन किया गया है. इस समारोह में केंद्रीय मंत्री संजीव कुमार बाल्यान ने कहा कि गुड़ को जीएसटी के दायरे से बाहर निकालने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि गुड़ उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सस्ती दर पर बिजली मुहैया कराने की योजना है.

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मुजफ्फरनगर की गुड़ मंडी देश की सबसे बड़ी गुड़ मंडी है. यहां के श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेज में तीन दिवसीय गुड़ महोत्सव का आयोजन किया गया. इस मौके पर केंद्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि गुड़ से जीएसटी समाप्त कराना उनका काम है. उनका प्रयास रहेगा कि गुड़ को कृषि उत्पाद मान लिया जाए. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर के गुड़ को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए 100 से भी ज्यादा आधुनिक गुड़ उत्पादक इकाइयां मुजफ्फरनगर में स्थापित की जाएंगी जहां चॉकलेट एवं अन्य उत्पादों को गुड़ से तैयार किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि सरकार गुड़ उत्पादकों की मांग पर ध्यान देगी. इसमें माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट, उत्पादक इकाइयों को सस्ती बिजली और गुड़ को कृषि उत्पाद में शामिल करने की मांग शामिल है.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में मंत्री रहते हुए उन्होंने लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से गुड़ कैसे बने और दूसरे गन्ने का रस कैसे स्टोर हो सके, पर काम किया था. इनमें से एक काम पूरा हो गया. नवीनतम तकनीक से अब एक कमरे के अंदर पूरा कोल्हू लग जाता है. मुजफ्फरनगर में भी एक कोल्हू लग चुका है. कहा कि कम से कम ऐसे 100 कोल्हू लगें, तभी गुड़ महोत्सव का फायदा होगा. गुड़ के साथ पेपर और लोहा इंडस्ट्री भी हमारी पहचान है.