राजनेता से लेकर अभिनेता तक, सभी हैं गुलाबजी की खास 'चाय' के दीवाने
गुलाबजी की चाय की महक गुलाबी नगरी में जब फैलती है तो हर कोई उसकी ओर खिंचा चला आता है. उनकी चाय के दीवानों में राजनेता से लेकर अभिनेता तक शामिल हैं.
आम हो या खास चाय अमूमन सबकी पसंद होती है. कोई नुक्कड़ पर पीता है तो कोई फाइव स्टार होटल में. देशभर के शहरों में अलग-अलग चायवाले हैं जो किसी खास वजह से अलग पहचान रखते हैं. पिंक सिटी यानी जयपुर वैसे तो महलों और हेरिटेज के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन गुलाबी नगरी में एक शख्स की चाय भी खूब मशहूर है. गणपति प्लाजा पर गुलाबजी की चाय खास पहचान रखती है, जहां मुख्यमंत्री से लेकर बॉलीवुड सेलिब्रिटी, सिंगर चाय पीने के लिए आते रहते हैं.
गुलाबजी की चाय की महक गुलाबी नगरी में जब फैलती है तो हर कोई उसकी ओर खिंचा चला आता है. गुलाबीजी 91 वर्ष की उम्र में भी उसी जोश और उत्साह के साथ अपने ग्राहकों को चाय पिलाते हैं जैसे कभी जवानी में लोगों की खिदमत किया करते थे.
शुद्ध दूध की चाय
गुलाबजी की चाय एक गिलास 20 रुपए की मिलती है. यहां के 20 रुपए लोगों को अखरते नहीं हैं. यह चाय प्योर दूध से बनी हुई होती है. इसके अलावा चाय में वह एक खास मसाला भी डालते हैं, जिसका केवल उन्हें पता है. हालांकि गुलाबजी तो कहते हैं कि लोगों से मिलने वाला स्नहे और प्यार उनकी चाय को खास बनाता है.
खूब होती है कमाई
गुलाबजी समाज सेवा में भी पीछे नहीं रहते. उन्होंने बताया कि चाय की बिक्री से उनकी खूब आमदनी होती है और इस आमदनी की ज्यादातर हिस्सा वह समाजसेवा पर खर्च कर देते हैं. गुलाबजी दुकान पर आने वाले गरीब और जरूरतमंद 200 से 250 लोगों को रोजाना निशुल्क चाय पिलाते हैं. इतना ही नहीं 11 बजे जरूरतमंदों को पराठा सब्जी भी खिलाते हैं. जिसके लिए उन्होंने लिमिट तय कर रखी है. रोजाना 120 लोगों को कूपन बांटते हैं, जिनको कूपन मिल जाता है उन्हें खाना खिलाते हैं. कमाई का एक निश्चित हिस्सा समाज सेवा के लिए देते हैं.
छोड़ दी जमीन, जागीर
जयपुर से 22 किलोमीटर दूर सरना चोड़ के रहने वाले गुलाबजी कहते हैं कि देश आजाद भी नहीं हुआ था, अपनी जमीन भाई-बहनों को दे दी. जागीर थी किसानों को संभला दी. मन में सोचा जो कमाना है खुद की मेहनत से करना है. किसी को 130 रुपए दिए हुए थे. उनसे पैसे लेकर बर्तन खरीदे और जयपुर आकर रेहडी पर चाय बेचना शुरू किया. उस समय 11 रुपए का 40 किलो दूध आता था. धीरे-धीरे लोगों को चाय का स्वाद पसंद आने लगा और लोगों के लिए उनकी चाय खास होती चली गई.
समाज का भी झेलना पड़ा विरोध
राजपूत समाज से ताल्लुक रखने के कारण चाय की रेहड़ी लगाना समाज के लोगों को अच्छा नहीं लगा. उन्होंने कहा काम से शर्म महसूस नहीं होती, इसलिए काम को करने से कोई नहीं रोक सकता. समाज के विरोध के बावजूद उन्होंने चाय की रेहड़ी लगाना जारी रखा. आज समाज के लोग विभिन्न कार्यक्रमों में बुलाकर गुलाबजी को सम्मानित करते हैं. गुलाबजी कहते हैं कि अगर आप आलसी हैं तो आप कुछ नहीं कर सकते. पर अगर आपने अपने जीवन में संघर्ष किया, तो आप खुद ही प्रेरित महसूस करते हैं.
राजनेता से अभिनेता, सभी दीवाने
स्व. पूर्व राष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत जब राजस्थान के मुख्यमंत्री थे, रोजाना चाय पीने उनके यहां आते थे. गुलाबजी कहते हैं कि शहनाई वादक बिस्मिल्ला ख़ाँ जब भी जयपुर आते थे, उनकी हाथ की चाय पीकर जाते थे. इनके अलावा शहर के कई चर्चित नाम हैं जो आते रहते हैं. अभी भी सरकार के कई मंत्री सप्ताह में यहां आते रहते हैं. शहर के लोगों के लिए तो यह जगह चर्चित हो गई है.
(रिपोर्ट- भरत राज/जयपुर)