सरकार ने मंगलवार को 2,000 से अधिक इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट स्टार्टअप का एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने में मदद करने की घोषणा की. भारत का इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट सेक्टर 2034 तक 60 अरब डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है. इससे 20 लाख से अधिक नौकरियां पैदा होंगी.

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इसके लिए उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने सोशल गेमिंग और इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म विंजो के साथ साझेदारी की है, जो 2,000 से अधिक स्टार्टअप, इनोवेटर्स और छात्रों के इकोसिस्टम के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगा और उन्हें मार्गदर्शन के साथ इंडस्ट्री इनसाइट्स और वैश्विक अवसरों तक पहुंच प्रदान करेगा.

यह पहल देश को इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करने और 300 अरब डॉलर के ग्लोबल गेमिंग मार्केट में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी हासिल करने में काफी मदद करेगी. डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव संजीव सिंह ने कहा, "एमओयू पेशेवरों को कोडिंग, एनीमेशन, गेम डिजाइन और डेवलपमेंट में अत्याधुनिक कौशल से लैस करके क्षेत्र में प्रतिभा अंतर को पाटने पर केंद्रित है."

डीपीआईआईटी-व‍िंजो की साझेदारी को हैकथॉन, वर्कशॉप, एक्सेलेरेटर प्रोग्राम और क्यूरेटेड पिच इवेंट के माध्यम से स्टार्टअप को बढ़ावा देकर इस क्षमता का उपयोग करने के लिए डिजाइन किया गया है. दो वर्षों तक चलने वाले इस एमओयू का उद्देश्य इनोवेशन को बढ़ावा देकर कुशल प्रतिभा तैयार करना है. साथ ही वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए स्टार्टअप्स को बढ़ावा देकर घरेलू इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट सेक्टर के विकास में तेजी लाना है.

डीपीआईआईटी के निदेशक (स्टार्टअप इंडिया), डॉ. सुमित कुमार जारंगल ने कहा, यह पहल "उद्योग भागीदारों के साथ सहयोग करके उद्यमियों के लिए एक संपन्न इकोसिस्टम के निर्माण की हमारी प्रतिबद्धता" का एक प्रमाण है." विनजो की सह-संस्थापक सौम्या सिंह राठौड़ ने कहा, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और भविष्य के लिए तैयार बौद्धिक संपदा (आईपी) के निर्माण को बढ़ावा देकर, "हम इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट के एक नए युग की नींव रख रहे हैं."