सरकार का अगले दो वर्षों में सीजीटीएमएसई योजना के जरिये सूक्ष्म और लघु उद्यमों को दी जाने वाली क्रेडिट गारंटी को पांच लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य है. अतिरिक्त सचिव और विकास आयुक्त (सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम) रजनीश ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) के जरिये चार लाख करोड़ रुपये की ऋण गारंटी दी गई. 

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रजनीश ने यहां फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा, ''22 वर्षों में सीजीटीएमएसई ने कुल 2.6 लाख करोड़ रुपये की ऋण गारंटी दी. लेकिन, पिछले दो वर्षों में हम चार लाख करोड़ रुपये की ऋण गारंटी देने में सक्षम रहे हैं और अगले दो वर्षों में हम इसे पांच लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का इरादा रखते हैं.'' 

उन्होंने आगे बताया कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में एमएसएमई के औपचारिकीकरण में एक बड़े अंतर को पाट दिया है. उद्यम पंजीकृत एमएसएमई की कुल संख्या एक साल पहले के 1.65 करोड़ इकाई से बढ़कर पांच करोड़ इकाई हो गई है.