पिछले कुछ सालों में भारत में स्टार्टअप (Startup) कल्चर तेजी से बढ़ा है. हालांकि, कोरोना काल के बाद से स्टार्टअप्स को फंडिंग की काफी समस्या झेलनी पड़ रही है. इसी बीच भारत के G-20 शेरपा अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान स्टार्टअप को लेकर अहम बात कही है. उन्होंने कहा कि इनोवेशन और स्टार्टअप ईको सिस्टम आज दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों का सॉल्यूशन निकालने में बेहद मजबूत स्थिति में है. साथ ही वह बोले कि जिन स्टार्टअप का बिजनेस मॉडल (Business Model) अच्छा और मजबूत है, उनके लिए फंड की कोई कमी नहीं है.

‘फंड ऑफ फंड’ पर ध्यान देने की जरूरत

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अमिताभ कांत ने यह बात स्टार्टअप20 शिखर कार्यक्रम में कही. उन्होंने एक मजबूत स्टार्टअप ईको सिस्टम के लिए ‘फंड ऑफ फंड’  (ऐसा कोष जो दूसरे कोष में निवेश करता है), कर्ज आसान बनाने से जुड़ी योजनाएं और बेहतर संचालन व्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत बताई. वह बोले कि भारतीय स्टार्टअप ने कम लागत पर स्तरीय समाधान आसानी से उपलब्ध कराया है.

फंड की कोई कमी नहीं

कांत ने कहा कि स्टार्टअप क्षेत्र में फंड की कोई कमी नहीं है और अच्छे स्टार्टअप के लिए पूंजी हमेशा उपलब्ध है. दुनिया में फंड पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और उनकी नजर हमेशा अच्छी परियोजनाओं पर होती है. कांत ने भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे … बायोमेट्रिक आईडी, डिजिटल भुगतान और इस संदर्भ में स्टार्टअप परिवेश की मजबूत सफलता के बारे में भी बात की.

1 लाख से ज्यादा स्टार्टअप, 108 यूनिकॉर्न

उन्होंने कहा कि देश ने डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा, भारत में 1,00,000 से अधिक स्टार्टअप और 108 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) हैं. कांत ने स्टार्टअप और उद्यमियों के लिए स्व-नियमन और बेहतर संचालन व्यवस्था की जरूरत भी बताई.

उन्होंने कहा, ‘…आज का स्टार्टअप कल फॉर्च्यून 500 कंपनी होगी. इसलिए वित्तीय स्तर पर सूझ-बूझ के साथ कदम और संचालन व्यवस्था का मुद्दा महत्वपूर्ण है.’