Chandrayaan-2 के वैज्ञानिकों ने शुरू किया है ये Startup, प्री-सीड राउंड में ही जुटा लिए 5 करोड़ रुपये
स्पेसटेक स्टार्टअप PierSight ने हाल ही में प्री-सीड राउंड की फंडिंग (Pre-Seed Round Funding) में 6 लाख डॉलर यानी करीब 5 करोड़ रुपये जुटाए हैं. इस स्टार्टअप की शुरुआत साल 2023 में ISRO के साइंटिस्ट रह चुके Gaurav Seth और पूर्व नेशनल इंस्ट्रुमेंट्स के अधिकारी विनीत बंसल ने की है.
स्पेसटेक स्टार्टअप PierSight ने हाल ही में प्री-सीड राउंड की फंडिंग (Pre-Seed Round Funding) में 6 लाख डॉलर यानी करीब 5 करोड़ रुपये जुटाए हैं. इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व किया All In Capital ने. इसके अलावा इस राउंड में स्टार्टअप एक्सीलरेट Techstars और Andreas Klinger, Vismay Agrawal और Nikunj Jalan जैसे एंजल निवेशकों ने भी पैसे लगाए हैं. बता दें कि इस स्टार्टअप की शुरुआत साल 2023 में ISRO के साइंटिस्ट रह चुके Gaurav Seth और पूर्व नेशनल इंस्ट्रुमेंट्स के अधिकारी विनीत बंसल ने की है.
PierSight का मकसद Synthetic Aperture Radar (SAR) इमेजिंग और Automatic Identification System (AIS) सैटेलाइट्स के जरिए समुद्र के सर्विलांस की सुविधा उपलब्ध कराना है. यह स्टार्टअप हर 30 मिनट में समुद्र में हो रही गतिविधियों की मॉनिटरिंग की सुविधा देने की तैयारी कर रहा है. स्टार्टअप के अनुसार चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग में गौरव सेठ ने इंट्रुमेंटल की भूमिका निभाई थी.
PierSight ने एक बयान में कहा है कि हाल ही में मिले पैसों का इस्तेमाल सैटेलाइट सबसिस्टम को एडवांस बनाने में किया जाएगा. इसके लिए कंपनी अपने टैलेंट पूल को बेहतर करेगी और जरूरी इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट का इंतजाम करेंगे. यह स्टार्टअप दावा करता है कि Techstars Space Accelerator programme के लिए चुने जाने वाला यह भारत का पहला और दुनिया के 12 स्टार्टअप्स में से एक है. इस प्रोग्राम के तहत स्टार्टअप का चुनाव NASA के Jet Propulsion Laboratory और United States Space Force के साथ पार्टनरशिप में किया जाता है.
PierSight ने कहा है कि अभी वह अपनी तकनीक को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा है. साथ ही किसी सोशल या पर्यावरण से जुड़ी किसी एजेंसी से पार्टनरशिप भी करना चाहता है. इस स्टार्टअप का मकसद है कि वह अगले 2 सालों में दुनिया का पहला कमर्शियल सैटेलाइट लॉन्च करे, जिसमें SAR और AIS क्षमताएं हों. यह स्टार्टअप समुद्र की हर 30 मिनट के अंतराल में रीयल टाइम मॉनिटरिंग की सुविधा देने पर विचार कर रहा है. स्टार्टअप के अनुसार इसकी सेवाओं से शिपिंग, इंश्योरेंस, डिफें, कोस्टगार्ड और तेल-गैस सेक्टर को काफी मदद मिलेगी.