ई-कॉमर्स (E-Commerce) की दिग्गज कंपनी फ्लिपकार्ट (Flipkart) ने शुक्रवार, 14 जुलाई को अपने कर्मचारियों को 700 मिलियन डॉलर यानी करीब 5,745 करोड़ रुपये का कंपनसेशन देना शुरू कर दिया है. कंपनी की तरफ से यह कंपनसेशन (ESOP Payouts) फ्लिपकार्ट से फोनपे के डीमर्जर (Flipkart-Phonepe Demerger) के तहत दिया जा रहा है. अगर भारत के स्टार्टअप ईकोसिस्टम (Startup Ecosystem) की बात करें तो यह पहला स्टार्टअप (Startup) है, तो ये पहला स्टार्टअप है जो एक बार में इतना बड़ा अमाउंट ESOP Payout के तौर पर दे रहा है. दिसबंर 2022 में फोनपे (PhonePe) अपनी पैरेंट कंपनी फ्लिपकार्ट से अलग हुआ था, जिसके करीब 7 महीनों बाद कंपनी अपने कर्मचारियों को भुगतान कर रही है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति का एक इंटरनल ईमेल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें इसके बारे में कुछ बातें कही हैं. उन्होंने कहा कि कंपनी और बोर्ड इस बात पर राजी हुए हैं कि फ्लिपकार्ट के शेयर्स के लिए नया शेयर प्राइस 165.83 डॉलर है, जो बिना फोनपे के फ्लिपकार्ट की वैल्यू को दिखाता है. ऐसे में आपके फ्लिपकार्ट के शेयरों में फोनपे की वैल्यू के अनुपात में एक वन-टाइम कैश का भुगतान किया जा रहा है.

कंपनी के बोर्ड ने हर स्टॉक ऑप्शन के लिए योग्य कर्मचारियों को 43.67 डॉलर का भुगतान करने की मंजूरी दे दी है. यह भुगतान कंपनी के मौजूदा और पूर्व सभी कर्मचारियों को किया जा रहा है. इस ट्रांजेक्शन की एग्जिक्यूशन की तारीख 23 दिसंबर 2022 रखी गई है. बता दें कि इसी दौरान फ्लिपकार्ट और फोनपे का डीमर्जर हुआ था. उम्मीद की जा रही है कि 31 जुलाई तक ये कैश भुगतान की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

क्या होता है इंप्लॉई स्टॉक ऑप्शन?

Employee Stock Options Plan (ESOP) के तहत कंपनी की तरफ से उसके कर्मचारियों को कंपनी के कुछ शेयर दिए जाते हैं. इससे एक तरह से कर्मचारी को उस कंपनी में एक छोटी सी हिस्सेदारी मिल जाती है.  ESOP का फायदा ये होता है कि इससे कर्मचारी कंपनी की ग्रोथ में अपना ज्यादा योगदान देते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा सीनियर मैनेजमेंट के लोगों को हायर करने में होता है. कंपनी के बड़े अधिकारियों को मोटी सैलरी देना छोटे स्टार्टअप या कंपनी के लिए आसान नहीं होता, ऐसे में कंपनी उन्हें ESOP का हिस्सा बनाते हुए कंपनी के कुछ शेयर यानी कंपनी की हिस्सेदारी देते हैं. इससे कर्मचारी को फायदा होता है कि अगर कंपनी कई गुना ग्रो कर गई, तो कर्मचारी का मुनाफा भी कई गुना हो जाएगा. वहीं कंपनी को ये फायदा होता है कि अपना फायदा बढ़ता हुआ देख हर कर्मचारी खुश होता है, जिससे वह कंपनी की ग्रोथ में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है.