आप भी बन सकते हैं FLIPKART, JABONG जैसी कंपनियों के मालिक, जानिए कैसे
ई-कॉमर्स इंडस्ट्री शुरू करने की प्लानिंग कर रहे लोगों के लिए भारतीय बाजार में सबकुछ मौजूद है. बस समझने की जरूरत है कि शुरुआत कहां से और कैसे की जाए.
चीन की अलीबाबा, अमेरिका की अमेजन और भारत में फ्लिपकार्ट, जबॉन्ग और स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों ने शॉपिंग को एक नया अंदाज दिया. आज के समय में ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं. भारत में ई-कॉमर्स इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ी संभावना है. विदेशी कंपनियां भी यहां निवेश करने को तैयार हैं, लेकिन भारतीयों के लिए ये वक्त सबसे अनुकूल है. ई-कॉमर्स इंडस्ट्री शुरू करने की प्लानिंग कर रहे लोगों के लिए भारतीय बाजार में सबकुछ मौजूद है. बस समझने की जरूरत है कि शुरुआत कहां से और कैसे की जाए. हम आपको वो आसान तरीके बता रहे हैं जिनसे आप अपनी ई-कॉमर्स कंपनी शुरू करके फ्लिपकार्ट और स्नैपडील कंपनी के बराबर खड़े हो सकते हैं.
फ्लैट में शुरू हुई थी फ्लिपकार्ट
आपको रेफ्रेंस के लिए बता दें, ई-कॉमर्स कारोबार शुरू करने के लिए बहुत ज्यादा इन्वेस्टमेंट की जरूरत नहीं है. फ्लिपकार्ट की शुरुआत 2007 में हुई. तब एक फ्लैट से ही सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने कंपनी की शुरुआत की. शुरुआती निवेश भी ज्यादा नहीं था, सिर्फ 60 हजार कैश इन्वेस्टमेंट और निवेशक और इन्वेंट्री मिलाकर 4 लाख रुपए से हुई थी. फ्लिपकार्ट की शुरुआत ऑनलाइन किताबें बेचने वाले एक स्टार्टअप के रूप में हुई, लेकिन इसके बाद इसने भारतीय ई-कॉमर्स मार्केट में धूम मचा दी.
ऑनलाइन बिजनेस शुरू करने की प्लानिंग कर रहे लोग इन 5 स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं-
1- जरूरत को पहचानें और उसे पूरा करने का तरीका ढूंढ़ें
बहुत सारे लोग किसी ऑनलाइन बिजनेस को शुरू करने से पहले लोगों की जरूरत न जानकर सीधे उन्हें प्रोडक्ट देने की सोच लेते हैं. यहां पर ध्यान रखने की बात यह है कि पहले लोगों की जरूरत को समझें और फिर उन्हें उसी हिसाब से प्रोडक्ट दें. अपनी सफलता के चांस बढ़ाने के लिए एक मार्केट रिसर्च कर लेनी चाहिए. इसके लिए लोगों के ऐसे समूह से बात की जा सकती है, जो किसी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन ढूंढ़ रहे हैं.
इंटरनेट करेगा आपकी मदद-
- ऑनलाइन फोरम पर जाएं और देखें कि लोग किस तरह की परेशानियों का समाधान ढूंढ़ने की कोशिश कर रहे हैं.
- लोगों की परेशानियों के समाधान करने वाली वेबसाइट्स पर जाएं और देखें कि इससे लोग संतुष्ट हो रहे हैं या नहीं. यह भी देखें कि वहां आपके लिए कितने मौके हैं. यदि आप लोगों को अन्य वेबसाइट्स से अच्छा समाधान दे सकते हैं तो यहां आपकी खोज खत्म होती है.
2- अपनी वेबसाइट बनवाएं-
जैसे ही आपको मार्केट और प्रोडक्ट मिल जाए तो अगला स्टेप आता है अपने बिजनेस के लिए वेबसाइट डिजाइन का. वेबसाइट डिजाइन करते या करवाते समय कुछ बातें का विशेष ध्यान रखें-
- => बैकग्राउंड को साधारण रखें. सफेद बैकग्राउंड रखना अधिक अच्छा है.
- => पेज के नेविगेशन को बहुत ही आसान रखें, ताकि इस्तेमाल करने में यूजर को कोई परेशानी न हो.
- => ग्राफिक, ऑडियो और वीडियो का इस्तेमाल तभी करें जब वह आपके प्रोडक्ट या सर्विस के लिए बहुत जरूरी हो.
- => किसी प्रोडक्ट को खरीदने की प्रक्रिया सरल रखें, ताकि कम से कम क्लिक करके ही यूजर प्रोडक्ट खरीद सके.
- => अपनी वेबसाइट को कस्टमर फ्रेंडली बनाएं.
3- टारगेट यूजर्स को अपनी वेबसाइट तक लाने के लिए सर्च इंजन का प्रयोग करें
पे पर क्लिक (प्रति क्लिक के पैसे देना) एडवर्टाइजिंग अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने का सबसे सही तरीका है. पे पर क्लिक एडवर्टाइजिंग में आप अलग-अलग तरह के कीवर्ड का इस्तेमाल करके उन्हें टेस्ट कर सकते हैं. जिन कीवर्ड से अधिक ट्रैफिक जनरेट होता है आप उन कीवर्ड को अपनी वेबसाइट के सभी संबंधित पेजों पर ले जा सकते हैं.
4- अपनी वेबासाइट पर एक एक्सपर्ट रेप्युटेशन बनाएं
लोग इंटरनेट का प्रयोग सूचना पाने के लिए करते हैं. लोगों के लिए विभिन्न तरह की एक्पर्ट्स की जानकारियों को फ्री में उपलब्ध कराएं, जो आपकी वेबसाइट के लिए ट्रैफिक लाने का काम करेगी और बेहतर सर्च इंजन रैंकिंग देगी. इसके लिए एक्पर्ट कंटेट का आर्टिकल और वीडियो बनाकर इंटरनेट पर फैला दें.
यह काम सोशल नेटवर्किंग साइट से सबसे अच्छे तरीके से किया जा सकता है. फेसबुक जैसी वेबसाइट न केवल कंटेट, बल्कि वीडियो को भी लोगों तक पहुंचाने का एक अच्छा तरीका है. अपने कंटेट में सेंड टू ए फ्रेंड (SEND TO A FRIEND) लिंक लगाना भी काफी अच्छा होता है, ताकि लोग आपसे जुड़े रहें.
5- ई-मेल मार्केटिंग की ताकत का इस्तेमाल करें
- अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए ई-मेल मार्केटिंग का इस्तेमाल करना भी बहुत ही जरूरी है. इसके कई फायदे होते हैं-
- ई-मेल मार्केटिंग से विजिटर्स के साथ आपका रिलेशन काफी अच्छा होता है.
- इसकी सहायता से आप अपने विजिटर्स को उनकी परेशानी का समाधान तो दे ही सकते हैं, साथ ही उन्हें नए ऑफर्स के बारे में भी बता सकते हैं.
- ई-मेल मार्केटिंग की एक अच्छी बात यह भी है कि इसमें प्रतिक्रिया को मेजर किया जा सकता है. कुछ लोग प्रोडक्ट को लेकर पॉजिटिव फीडबैक देंगे, कुछ निगेटिव और कुछ की भी प्रतिक्रिया नहीं देंगे.
- ई-मेल मार्केटिंग की सबसे अच्छी बात यह है कि यह टीवी, रेडियो और प्रिंट की तुलना में काफी सस्ता होता है.
इसी तरह से अपने बिजनेस को आगे बढ़ाते रहें और विजिटर्स की मांग के हिसाब से अपने प्रोडक्ट या सर्विस में बदलाव लाते रहें.
इन पर भी दें ध्यान
- यदि आप कंटेट प्रोवाइड कर रहे हैं तो उसकी भाषा पर खास ध्यान दें.
- यदि आप किसी प्रोडक्ट में डील कर रहे हैं तो उन परेशानियों के बारे में बताएं, जो आपका प्रोडक्ट सॉल्व कर सकता है.
- विजिटर की परेशानी का समाधान करने अपनी क्रेडिबिलिटी बढ़ाएं.
- जिसने आपके प्रोडक्ट को इस्तेमाल किया है उनका फीडबैक लिखें.
- यूजर को प्रोडक्ट के बारे में और उसके फायदों के बारे में बताएं.
- प्रोडक्ट के साथ कुछ ऑफर दें.