बच्चों के प्रोडक्ट बेचने वाले स्टार्टअप (Startup) फर्स्टक्राई (FirstCry) ने हाल ही में आईपीओ (IPO) के लिए सेबी (SEBI) के पास दस्तावेज जमा किए हैं. इस दस्तावेज से पता चला है कि कंपनी के सीईओ (CEO) सुपम माहेश्वरी (Supam Maheshwari) को कितनी सैलरी (Salary) मिलती है. आंकड़ों से पता चला है कि उनकी सैलरी में पिछले साल की तुलना में एक बड़ी गिरावट देखने को मिली है. उनकी सैलरी करीब 49 फीसदी गिरकर लगभग आधी रह गई है.

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सुपम माहेश्वरी की सैलरी की बात करें तो उन्हें वित्त वर्ष 2024 के शुरुआती 9 महीनों यानी अप्रैल 2023 से दिसंबर 2023 तक सैलरी के रूप में कुल 77.5 करोड़ रुपये दिए गए. इस तरह उनकी मंथली सैलरी करीब 8.6 करोड़ रुपये निकलती है. वहीं वित्त वर्ष 2023 के लिए उन्हें 200.73 करोड़ रुपये चुकाए गए थे. यानी 2023 में कंपनी ने उन्हें हर महीने औसतन 16.7 करोड़ रुपये की सैलरी दी थी.

सैलेरी: हर दिन 28 लाख, हर घंटे एक लाख से ज्यादा

अगर उनकी 8.6 करोड़ रुपये की मौजूदा सैलरी को एक आम आदमी से तुलना करते हुए देखें तो आंकड़े आपको हैरान कर देंगे. अगर महीने के 30 दिन के हिसाब से देखें तो उन्हें हर दिन करीब 28 लाख रुपये मिलते हैं. इस तरह अगर दिन के 24 घंटे के हिसाब से देखें तो वह हर घंटे करीब 1.16 लाख रुपये कमाते हैं.

आईपीओ के लिए जमा किए दस्तावेज

फर्स्टक्राई की पैरेंट कंपनी ब्रेनबीज सॉल्यूशंस लिमिटेड ने IPO के जरिए पैसे जुटाने के लिए SEBI के पास नए सिरे से शुरुआती दस्तावेज दाखिल किए हैं. कुछ समय पहले भी कंपनी ने दस्तावेज दाखिल किए थे, लेकिन आईपीओ लाने में कामयाबी हासिल नहीं हो पाई थी. आईपीओ दस्तावेज के अनुसार, पुणे स्थित कंपनी के आईपीओ के आकार में कोई बदलाव नहीं है. प्रस्तावित आईपीओ में 1,816 करोड़ रुपये तक के नए शेयर जारी किए जाएंगे और मौजूदा शेयरधारकों द्वारा 5.44 करोड़ शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) लाई जाएगी.

कैसे रहे हैं कंपनी के नतीजे?

कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 में ऑपरेशन से 5,632 करोड़ रुपये का राजस्व (Revenue) दर्ज किया. वहीं इसका घाटा (Loss) छह गुना से अधिक बढ़कर 486 करोड़ रुपए हो गया है. वित्त वर्ष 2022 में इसका घाटा 79 करोड़ रुपए था.

सॉफ्टबैंक समर्थित यूनिकॉर्न (Unicorn) ने राजस्व में लगभग 2.4 गुना वृद्धि दर्ज की लेकिन घाटा भी काफी बढ़ गया. रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास दाखिल वित्तीय विवरणों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में उत्पादों की बिक्री से होने वाली आय कुल परिचालन राजस्व का 98 प्रतिशत यानी 5,519 करोड़ रुपये थी.