एडटेक यूनिकॉर्न (Unicorn) वेदांतु (Vedantu) को वित्त वर्ष 24 में 157 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. यह आंकड़ा वित्त वर्ष 23 में 373 करोड़ रुपये पर था. इस स्टार्टअप (Startup) वेदांतु का वित्त वर्ष 24 में कुल खर्च सालाना आधार पर 33.5 प्रतिशत घटकर 368 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 553 करोड़ रुपये था.

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कंपनी की लागत का सबसे बड़ा हिस्सा कर्मचारियों पर खर्च है. पिछले वित्त वर्ष में कुल खर्च में इसकी हिस्सेदारी 47 प्रतिशत रही. वित्त वर्ष 24 में यह 43.8 प्रतिशत घटकर 176 करोड़ रुपये रह गया है. वित्त वर्ष 2024 में वेदांतु के कर्मचारी खर्च में कमी आने की वजह, कंपनी द्वारा पिछले वित्त वर्ष में की गई छंटनी है.

वित्त वर्ष 24 में वेदांतु का विज्ञापन पर खर्च 70 प्रतिशत घटकर 23 करोड़ रुपये रह गया है. यह वित्त वर्ष 23 में 76 करोड़ रुपये पर था. इसके अलावा कंपनी के अन्य खर्च में टीचर्स की आउटसोर्सिंग, किताबों की खरीद, कानूनी खर्च और अन्य शामिल है.

वित्त वर्ष 24 में वेदांतु की परिचालन से कुल आय वित्त वर्ष 23 के 153 करोड़ रुपये के मुकाबले सालाना आधार पर करीब 20 प्रतिशत बढ़कर 185 करोड़ रुपये हो गई है. वहीं, वित्त वर्ष 24 में हुई 14 करोड़ रुपये की अन्य आय को भी शामिल कर दिया जाए तो पिछले वित्त वर्ष में कंपनी की कुल आय 199 करोड़ रुपये रही है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 175 करोड़ रुपये थी.

वित्त वर्ष 24 में नुकसान के कारण वेदांतु का आरओसीई और एबिटा मार्जिन (-) 37 प्रतिशत और (-) 51.8 प्रतिशत रहा है. वित्त वर्ष 24 में एडटेक स्टार्टअप ने एक रुपये की आय आर्जित करने के लिए 1.99 रुपये खर्च किए हैं. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी की कुल संपत्ति 174 करोड़ रुपये थी. इसमें 54 करोड़ रुपये का कैश और बैंक बैलेंस शामिल है.

वेदांतु कक्षा 6 से 12 के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करता है. साथ ही कक्षा 1 से 12 के लिए अध्ययन सामग्री और जेईई की तैयारी के लिए छात्रों को कक्षाएं उपलब्ध कराता है. कंपनी द्वारा हाल के वर्षों में कई ऑफलाइन कोचिंग सेंटर भी लॉन्च किए गए हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल के वर्षों में वेदांतु को बाहरी फंडिंग हासिल करने में मुश्किल का सामना करना पड़ा है. कंपनी ने सितंबर में स्ट्राइड वेंचर्स से ऋण और इक्विटी के मिश्रण के माध्यम से 19.25 करोड़ रुपये (लगभग 2.3 मिलियन डॉलर) जुटाए, जो पिछले तीन वर्षों में इसका पहला निवेश था. वेदांतु ने अब तक टाइगर ग्लोबल, कोट्यू, जीजीवी कैपिटल और वेस्टब्रिज सहित प्रमुख निवेशकों से 300 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए हैं.