एडटेक कंपनी Byju's ने एक बार फिर से छंटनी (Byju's Layoff) की है. खबर है कि इस बार करीब 1000 लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है. इस छंटनी का असर Byju's की सहायक कंपनी वाइटहैट जूनियर के कर्मचारियों पर भी देखने को मिल सकता है. मुश्किल के दौर से गुजर रही Byju's को रेवेन्यू कमाने में बहुत मशक्कत करनी पड़ रही है. नतीजा ये हो रहा है कि कंपनी लगातार अपनी लागत में कटौती कर रही है और इसके तहत कर्मचारियों को कंपनी से निकाला जाना जारी है.

पहले भी हो चुकी है छंटनी

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पिछले साल अप्रैल से ही पूरी दुनिया में छंटनी का जो दौर शुरू हुआ था, वह रुकने का ना नहीं ले रहा है. इस छंटनी के दौरान में Byju's के मार्केटिंग, सेल्स और बिजनेस डेवलपमेंट के साथ-साथ प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी की टीमों के कर्मचारियों पर असर पड़ने की उम्मीद है. यह भी कहा जा रहा है कि छंटनी में वाइटहैट जूनियर के कर्मचारी भी शामिल हैं.

अधिकतर कर्मचारी थर्ड पार्टी कॉन्ट्रैक्ट के

Byju's की तरफ से की गई छंटनी में अधिकतर कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें थर्ड पार्टी के जरिए कॉन्ट्रैक्ट पर रखा गया था. बता दें कि तमाम कंपनियां ये प्रैक्टिस करती हैं, जब उन्हें आने वाले दिनों में बिजनेस को लेकर कोई अनिश्चितता होती है. अगर लगता है कि रेवेन्यू या मुनाफा घट सकता है तो कंपनी पहले से ही कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारी रखती है, ताकि बाद में कंपनी की लागत अधिक ना हो जाए.

लगातार जारी है छंटनी का सिलसिला

ऐसा नहीं है कि पहली बार कंपनी ने ये छंटनी की है. पिछले साल अक्टूबर में भी कंपनी ने कॉस्ट कटिंग यानी लागत घटाने की बात कही थी. उसके बाद कंपनी ने करीब 2500 कर्मचारियों को छंटनी के दौरान कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया था. उसके बाद फरवरी में भी कंपनी ने करीब 1000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था, जिसमें बहुत सारे ऐसे अधिकारी भी शामिल थे, जिनका करोड़ों का पैकेज था. अब एक बार फिर से कंपनी ने लगभग 1000 लोगों की छंटनी की है.

24 घंटे काम करने वाले को भी निकाला

हाल ही में लिंक्डइन पर Byju’s के एक कर्मचारी अर्पित सिंह ने पोस्ट लिखी है और बताया है कि कैसे उनकी नौकरी चली गई. आपको जानकर हैरानी होगी कि अर्पित सिंह इस कंपनी में रिटेंशन मैनेजर थे, यानी वह कर्मचारियों को रिटेन करने की कोशिश करते थे. अब Byju’s ने अपने रिटेंशन मैनेजर को ही निकाल दिया है. अर्पित ने अपनी लिंक्डइन पोस्ट में लिखा है कि वह कभी 10-8 वाले वर्क कल्चर में काम नहीं करते थे, वह कंपनी के 24 घंटे उपलब्ध रहते थे. लेकिन एक दिन एचआर की तरफ से एक फोन आया और उनसे इस्तीफा देने के लिए कह दिया गया.

इस तरह देखा जाए तो साल भर से भी कम में ही अर्पित की नौकरी चली गई. हालांकि, ये वाकया थोड़ा पुराना है. मुमकिन है कि पिछली छंटनी के दौरान अर्पित की नौकरी गई होगी. ये तो सिर्फ एक शख्स की कहानी है, जबकि हजारों लोग निकाले जाने की खबर है और सबकी अपनी-अपनी कोई ना कोई कहानी जरूर होगी.