केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) का फोकस किसानों की इनकम (farmers' Income) बढ़ाने और उनकी लाइफ स्टाइल इम्प्रूव करने पर है. सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए पशुपालन (ANIMAL HUSBANDRY) पर जोर दे रही है. पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हुई हैं और इसके लिए किसानों को आसान किस्तों पर लोन मुहैया कराया जा रहा है. खास बात ये है कि लोन पर अच्छी खासी सब्सिडी भी दी जा रही है.

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यहां हम भेड़ या बकरी पालन (Goat farming) के बारे में बात कर रहे हैं. देश के पशुपालन में भेड़ और बकरी पालन अहम स्थान रखता है. इसकी वजह यह है कि भेड़ या बकरी पालन को कम जगह और कम लागत में शुरू किया जा सकता है. सबसे अच्छी बात यह है कि बकरी या भेड़ पालन से लागत के मुकाबले आमदनी ज्यादा होती है.

सरकार भी किसानों की इनकम और गांवों में रोजगार को बढ़ाने के लिए बकरी या भेड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी दे रही है. 

राष्ट्रीय पशुधन मिशन

केंद्र सरकार ने बकरी पालन और भेड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए 'राष्ट्रीय पशुधन मिशन' (National Livestock Mission) शुरू किया गया है. नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत देश में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी दी जाती है.

नेशनल लाइव स्टॉक मिशन में बहुत सारी योजनाएं हैं, जिसमें अलग-अलग योजना के लिए अलग-अलग सब्सिडी दी जाती है.

नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत अलग-अलग राज्य सरकारों की सब्सिडी की मात्रा भी अलग-अलग होती है क्योंकि, यह केंद्र की योजना है लेकिन कई राज्य सरकारें इसमें अपनी तरफ से सब्सिडी में कुछ अंश को जोड़ देती हैं जिससे सब्सिडी की अमाउंट बढ़ जाती है. 

क्या योजना है

उत्तर प्रदेश में नेशनल लाइवस्टॉक मिशन (National Livestock Mission) के अंतर्गत रूलर बैकयार्ड बकरी या भेड़ पालन योजना चल रही है. इस योजना में 10 बकरी और 1 बकरा या फिर 10 भेड़ और 01 भेड़ा मुहैया कराया जाता है.

कितनी होगी लागत

भेड़ या बकरी पालन के लिए इच्छुक किसान को लागत का केवल 10 परेसंट ही देना होता है. राज्य के पशुपालन विभाग के मुताबिक, इस योजना की कुल लागत तकरीबन 66,000 रुपये है. इसमें किसानों को अपनी तरफ से केवल 6,600 रुपये ही देने होंगे. बची हुई अमाउंट को किसान के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. 

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कैसे करें अप्लाई

जो किसान भेड़ या बकरी पालन करना चाहता है वह इसके लिए एक एप्लीकेशन लिखकर विकास खंड के पशु चिकित्सा अधिकारी के पास जमा कर सकता है. पशु चिकित्सा अधिकारी अपने यहां आईं एप्लीकेशन में से कुछ एप्लीकेशन चुनता है. अब इन एप्लीकेशंस को जिला स्तरीय जिला पशुधन मिशन समिति के पास भेजा जाता है. आखिरी चयन यही समिति करती है.