फेस्टिव सीजन (Festive Season) की शुरुआत हो चुकी है और जल्द ही दिवाली (Diwali) भी आने वाली है. इस दिन देशभर में लोग धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं. हर घर में लोग मिठाई खाते हैं और अपने पूरे घर को रोशनी से जगमग कर देते हैं. ऐसे में अगर आप दिवाली के मौके पर कोई बिजनेस (Business Idea) करना चाहते हैं तो ये 5 बिजनेस कर सकते हैं.

1- डेकोरेशन का सामान

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दिवाली पर हर कोई अपने घर को सजाता है. इसके लिए लोग तमाम तरह के सजावटी सामान इस्तेमाल करते हैं, जिनमें कागज और प्लास्टिक से बनी चीजें भी होती हैं. लोग रंगोली डिजाइन भी बनाते हैं, तो आप तमाम तरह के रंग का बिजनेस कर सकते हैं. रोशनी के लिए मोमबत्ती और दिए जलाए जाते हैं, तो आप डिजाइनर दिए और मोमबत्ती भी रख सकते हैं.

2- झालरों का बिजनेस

हर दिवाली तमाम घरों पर आपको झालरें लगी हुई जरूर दिखती होंगी. तो दिवाली से पहले इस फेस्टिव सीजन में आप झालरों का बिजनेस भी कर सकते हैं. सिर्फ झालर ही नहीं, बल्कि आप रंग बिरंगी लाइट्स समेत और भी इलेक्ट्रिक लाइट्स रख सकते हैं, जो लोग दिवाली के मौके पर अपने घरों को रोशन करने के लिए इस्तेमाल करते हैं.

3- घर की बनी मिठाई और स्नैक्स

दिवाली के मौके पर आप घर की बनी मिठाइयों और स्नैक्स का बिजनेस भी कर सकते हैं. हर बार दिवाली पर अक्सर नकली खोए की मिठाइयां पकड़े जाने की खबरें सामने आती हैं. ऐसे में आप घर की बनी मिठाइयां और स्नैक्स लोगों को मुहैया करा सकते हैं, जो लोगों के लिए हेल्दी भी होगा और आपके लिए कमाई का एक जरिया भी बनेगा. इससे आप कुछ ही दिनों में मोटी कमाई कर सकते हैं.

4- गिफ्ट हैंपर करें तैयार

दिवाली के मौके पर अक्सर देखने को मिलता है कि लोग एक दूसरे से मिलते हैं और उन्हें मिठाई या गिफ्ट देते हैं. आप दिवाली को ध्यान में रखते हुए उन्हें मिठाई, स्नैक्स या तमाम डेकोरेटिव आइटम मिलाकर एक गिफ्ट हैंपर तैयार कर सकते हैं. इसमें आप दीये और मोमबत्ती भी शामिल कर सकते हैं. इसके अलावा चॉकलेट जैसी चीजों को भी गिफ्ट हैंपर में शामिल किया जा सकता है. गिफ्टिंग का ये बिजनेस खूब कमाई कराता है.

5- ग्रीन क्रैकर का बिजनेस

दिवाली से पहले ही देश के कई हिस्सों में प्रदूषण तेजी से बढ़ने लगा है. ऐसे में कई जगह पर दिवाली के मौके पर पटाखे बजाने पर बैन भी लगा दिया गया है. ऐसे में आप ग्रीन क्रैकर का बिजनेस कर सकते हैं, जिससे आपको खूब फायदा होगा. नॉर्मल पटाखों में बारूद और अन्य ज्वलनशील रसायन होते हैं जो जलाने पर फट जाते हैं और भारी मात्रा में प्रदूषण फैलाते हैं. जबकि Green Crackers इको-फ्रेंडली होते हैं. ग्रीन पटाखे फटने के बाद आसपास की धूल को सोख लेते हैं जबकि सिंथेटिक पटाखे ठीक इसके उल्‍टा काम करते हैं.