कम वक्त में ज्यादा क्वाविटी वर्क, सज रहा है Cloud कंप्यूटिंग का बाजार
क्लाउड कंप्यूटिंग एक ऐसी तकनीक है जो हमें इंटरनेट पर तमाम डेटा को उपलब्ध कराती है. इसके लिए हमें अपने सिस्टम पर डेटा खोलने के लिए किसी हार्ड ट्राइव की जरूरत नहीं होती है.
डिजिटल इंडिया की सफलता के साथ देश में क्लाउड कंप्यूटिंग की मांग भी बढ़ती जा रही है. ऐसे में देश की कई जानी मानी कंपनियां अपना कारोबार बढ़ाने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग कंपनियों का सहारा ले रही हैं.
पिछले कुछ वक्त में इंटरनेट कनेक्टिविटी तो बढ़ी ही है इंटरनेट की रफ्तार में भी खासा सुधार हुआ है. इसी के साथ तमाम कॉरपोरेट्स क्लाउड सेवाओं की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. क्लाउड कंप्यूटिंग के जरिए किसी कंपनी का तमाम डाटा इंटरनली सुरक्षित होने की बजाए ऑनलाइन सुरक्षित किया जाता है. यानी आपको अपना डाटा सेव करने के लिए किसी इंटरनल ड्राइव की जरूरत नहीं पड़ती. डाटा की जरूरत पड़ने पर आपका सारा रिकॉर्ड कभी भी इंटरनेट के जरिए उपलब्ध रहता है. कंपनियों के लिए क्लाउड सर्विस देने वाली कंपनियों से टाइअप न सिर्फ उनका वक्त बचाता है, बल्कि तकनीकी बारीकियों का सरदर्द भी उन्हें नहीं रहता.
कई बड़े कॉरपोरेट्स अपनी कार्यकुशलता बढ़ाने और वक्त बचाने के लिए क्लाउड कंपनियों की सेवाएं ले रहे हैं. क्लाउड सर्विस देने वाली अंब्रेला इंफोकेयर ने अडानी, विस्तारा एयरलाइन, पीवीआर सिनेमा, केंट आरओ, पैनासोनिक, डॉक्टर लाल पैथलैब्स जैसी कई कंपनियों के लिए इस तकनीक की मदद से तमाम डिजिटल समाधान विकसित किए हैं.
बढ़ रहा है क्लाउड कंप्यूटिंग का बाजार
देश में क्लाउड कंप्यूटिंग का बाजार पिछले कुछ साल में तेजी से बढ़ा है. वर्ष 2017 में 1.8 बिलियन डॉलर का ये बाजार 2020 तक 4 बिलियन डॉलर पार करने की उम्मीद है. ऐसे में अंब्रेला इंफोकेयर जैसी कंपनियां भी तरक्की की इस लहर पर सवार होकर मुनाफे की ओर बढ़ रही हैं. कंपनी को उम्मीद है कि उसका रेवेन्यू पिछले साल के करीब 52 करोड़ रुपए से बढ़कर इस वित्तीय साल के अंत तक 90 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा.
क्लाउड कंप्यूटिंग
क्लाउड कंप्यूटिंग एक ऐसी तकनीक है जो हमें इंटरनेट पर तमाम डेटा को उपलब्ध कराती है. इसके लिए हमें अपने सिस्टम पर डेटा खोलने के लिए किसी हार्ड ट्राइव की जरूरत नहीं होती है. इस तकनीक के सहारे हम कंप्यूयटिंग, डेटा एक्सेस से लेकर डेटा स्टोर तक का सारा काम नेटवर्क पर ही कर सकते हैं.
क्लाउड वाले कंप्यूटर सिस्टम पर काम करने के लिए न तो हार्ड ड्राइव की जरूरत होती है और न ही मदर बोर्ड की. खास बात ये है कि इस सिस्टम में वायरस का खतरा भी नहीं रहता है.
क्लाउट कंप्यूटिंग में तीन प्रकार की सर्विस होती हैं, इंफ्रास्क्ट्रचर एज ए सर्विस (आईएएएस), प्लेटफॉर्म एज ए सर्विस (पीएएएस) और सॉफ्टवेयर एज ए सर्विस (एसएएएश).