देश में क्रूज टूरिज्म शुरू होने जा रहा है. इंडिया क्रूज लाइंस एसोसिएशन (InCLA) ने क्रूज टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए इस उद्योग को कुछ राहत देने की मांग की है, जिनमें सब्सिडी, तमाम मंजूरी के लिए सिंगल विंडो सिस्टम और नदी किनारे बसे शहरों में क्रूज टर्मिनल डवलप करने समेत कई बिंदुओं पर गौर करने का एक प्रस्ताव तैयार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भेजा है. अब प्रधानमंत्री को क्रूज लाइंस एसोसिएशन के प्रस्ताव पर विचार करना है. जानकार बताते हैं कि अगर प्रधानमंत्री इस उद्योग को हरी झंडी दिखाते हैं तो इस क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं. यह क्षेत्र ढाई लाख रोजगार सृजित करेगा. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इंडिया क्रूज लाइंस एसोसिएशन के संयोजक जुर्गन बैलॉम ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में क्रूज टूरिज्म के बारे में बताया कि भारत के क्रूज टूरिज्म में धीमी लेकिन स्थिर वृद्धि दिखाई दे रही है. लेकिन दुर्भाग्य से इस उद्योग को किसी तरह का कोई नियामक समर्थन नहीं मिलने से कई विदेशी कंपनियां भारत को छोड़ने का मन बना रही हैं. जुर्गन बैलॉम ने प्रधानमंत्री से गुजारिश की है कि क्रूज टूरिज्म बचाए रखने और इसे बढ़ावा देने के लिए इसके लिए एक नियामक ढांचा तैयार करने और उसमें अंतरराष्ट्रीय कंपनियों और यात्रियों को कुछ अलग से सहूलियतें देने की जरूरत है. 

प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि सरकार की उदार कर व्यवस्था, अनुदान और टैक्स छूट से इस उद्योग को पनपने में बड़ा सहारा मिलेगा. क्योंकि यह समय इस उद्योग के सूर्योदय का है. पत्र में यह भी बताया गया है कि उत्तर प्रदेश और आसाम सरकार क्रूज टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी दे रही है. इसलिए केंद्र के स्तर पर इस उद्योग को अगर सब्सिडी और कर में छूट दी जाए तो यह क्रूज टूरिज्म तेजी से आगे बढ़ सकता है. 

अभी केवल 5 शहरों में क्रूज टर्मिनल

इंडिया क्रूज लाइंस एसोसिएशन ने भारत में अपना कारोबार बढ़ाने के लिए कुछ नए स्थान भी चिन्हित किए हैं. इनमें गुजरात का पोरबंदर, द्वारका या ओखा, लक्ष्यद्वीप, अंडमान, पुडुचेरी, कोल्लाम, कोलकाता, आंध्र प्रदेश का विजाग आदि शामिल है. एसोसिएशन चाहती है कि सरकार इन स्थानों पर आधुनिक और वैश्विक स्तर के क्रूज टर्मिनल स्थापित करें. वर्तमान में क्रूज इंडस्ट्री मुंबई, कोच्ची, गोवा, मंगलौर और चैन्नई में ही सीमित है. देश में महज इस 5 जगहों पर ही आधुनिक क्रूज टर्मिनल हैं. 

क्रूज टिकट पर 18 % जीएसटी

क्रूज शिपिंग इंडस्ट्री ने उद्योग के लिए टैक्स की कम दरें अपनाने की बात कही है. इस समय क्रूज टूरिज्म में टैक्स की दरें 18 फीसदी हैं, एसोसिएशन की मांग है कि इस टैक्स को 18 से घटाकर 5 फीसदी किया जाए. एसोसिएशन ने अपनी बात रखने के लिए एयरलाइन टिकट का उदाहरण दिया है. फ्लाइट की इकोनोमिक क्लास की टिकट पर 5 फीसदी और अन्य क्लास पर 12 फीसदी जीएसटी लगता है, जबकि क्रूज इंडस्ट्री में यह टैक्स 18 फीसदी है.

मनोरजंन कानून भी सख्त

मनोरजंन के उद्देश्य से शिपिंग इंडस्ट्री मनोरंजन और जुआ कानूनों में भी बदलाव चाहती है. वर्तमान में क्रूज पर खेल, कैसिनो संचालन और मनोजरंजन को लेकर काफी सख्त नियम हैं. जानकारी के मुताबिक, भारतीय तट से 12/200 नौटिकल मील की दूरी पर क्रूज पर ये सुविधाएं उपलब्ध हैं. एसोसिएशन का तर्क है कि अगर सरकार मनोरंजन के नियमों में कुछ छूट देती है तो इससे सरकार के राजस्व में इजाफा ही होगा और क्रूज इंडस्ट्री को भी बढ़ावा मिलेगा.

वर्तमान में भारत में 158 क्रूज संचालित हो रहे हैं, जबकि इनकी संख्या 700 तक की जाने की क्षमता है. इस तरह यह उद्योग ढाई लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराएगा. 

(मुंबई से अतीक शेख की रिपोर्ट)