Byju's चुकाएगा अपना पूरा Loan, जितने में एक स्टार्टअप 'Unicorn' बन जाता है, उतना तो इस पर सिर्फ कर्जा है
एडटेक स्टार्टअप (Edtech Startup) बायजू (Byju's) ने अपना 1.2 अरब डॉलर का पूरा कर्ज (Byju's Debt) चुकाने के लिए अपनी विदेशी इकाइयों एपिक (Epic) और ग्रेट लर्निंग (Great Learning) को बेचने की योजना बना रही है.
एडटेक स्टार्टअप (Edtech Startup) बायजू (Byju's) ने अपना 1.2 अरब डॉलर का पूरा कर्ज (Byju's Debt) चुकाने के लिए अपनी विदेशी इकाइयों एपिक (Epic) और ग्रेट लर्निंग (Great Learning) को बेचने की योजना बना रही है. एक सूत्र ने पीटीआई को सोमवार को यह जानकारी दी. जानकार सूत्रों ने कहा कि बायजू अपने कर्जदाताओं के साथ संपर्क में रही है और उसने उनके समक्ष अपने विदेशी कारोबारों की बिक्री के जरिये उनका पूरा कर्ज लौटाने का प्रस्ताव रखा है. यह कर्ज 1.2 अरब डॉलर यानी करीब 9,956 करोड़ रुपये का है.
बायजू को उम्मीद है कि बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी कंपनी एपिक और स्किल डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म ग्रेट लर्निंग की बिक्री से उसे 80 करोड़ डॉलर से लेकर 100 करोड़ डॉलर तक की रकम मिल सकती है. इसके अलावा भारतीय कंपनी बायजू को इक्विटी हिस्सेदारी की बिक्री से भी कुछ रकम मिलने की उम्मीद है. वह इन संपत्तियों की बिक्री के लिए रणनीतिक निवेशकों के संपर्क में है. इस बारे में टिप्पणी के लिए बायजू को भेजे गए ईमेल का फिलहाल कोई जवाब नहीं मिला है.
इसी साल किया था आकाश का अधिग्रहण
भारत के सबसे मूल्यवान स्टार्टअप माने जाने वाले बायजू को अगले छह महीनों में 1.2 अरब डॉलर का अपना समूचा सावधि कर्ज चुका देने की उम्मीद है. इस क्रम में उसने अगले तीन महीनों में 30 करोड़ डॉलर चुकाने का प्रस्ताव कर्जदाताओं के समक्ष रखा है. हालांकि अभी तक कर्जदाताओं ने बायजू के प्रस्ताव पर कोई जवाब नहीं दिया है. बायजू ने नवंबर, 2021 में सावधि ऋण सुविधा के जरिये विदेशी निवेशकों से 1.2 अरब डॉलर का कर्ज लिया था. बायजू ने इसी साल कोचिंग संस्थान आकाश का 95 करोड़ डॉलर में अधिग्रहण किया था.
जितने में कोई स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन जाए, कंपनी पर उतना कर्ज
कभी बायजू भारत का सबसे ज्यादा वैल्युएशन वाला स्टार्टअप था, लेकिन अब उसकी हालत बहुत ही खराब हो चुकी है. बायजू पर करीब 1.2 अरब डॉलर का कर्ज है. यानी ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि जितने रुपये में एक स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन जाता है, उतना हो इस कंपनी पर कर्ज है.