संकट में फंसी एडटेक कंपनी बायजू (Byju's) ने अपने सभी कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है. नकदी की कमी से जूझ रही कंपनी ने देश भर में अपने कार्यालयों को खाली कर दिया है. इस घटनाक्रम से परिचित लोगों ने सोमवार को आईएएनएस को बताया कि अपने 20 हजार से अधिक कर्मचारियों के लंबित वेतन का एक हिस्सा देने वाली कंपनी ने लीज समाप्त होने के कारण कार्यालयों को छोड़ दिया है. कंपनी ने केवल बेंगलुरु स्थित मुख्यालय को अपने पास रखा है. कार्यालय छोड़ने का कदम बायजू के भारत के सीईओ अर्जुन मोहन के नकदी बचाने के पुनर्गठन अभ्यास का हिस्सा है.

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बायजू ने 20 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के फरवरी के लंबित वेतन का एक हिस्सा दे दिया है. बायजू ने रविवार को यह जानकारी दी. कंपनी ने हाल ही में बंद हुए राइट्स इश्यू से हासिल फंड का उपयोग करने की इजाजत मिलने पर शेष राशि का भुगतान करने का वादा किया है. 

आईएएनएस द्वारा प्राप्त कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में कंपनी ने कहा, "राइट्स इश्यू फंड उपलब्ध होने के बाद कंपनी शेष राशि का भुगतान करेगी, जिसकी हमें जल्द ही उम्मीद है." कंपनी ने पत्र में यह भी कहा, "अंतरिम रूप से हमने यह सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक फंडिंग की व्यवस्था की है, ताकि आपका दैनिक जीवन बाधित न हो."

निचले स्तर के कर्मचारियों को दी जा रही पूरी सैलरी

कंपनी ने निचले स्तर के कर्मचारियों को पूरा भुगतान किया. जबकि मध्यम से वरिष्ठ कर्मचारियों को वेतन के एक हिस्से भुगतान किया. कंपनी ने कहा कि 11 मार्च को कर्मचारियों के खातों में वेतन आने की उम्मीद है क्योंकि वीकेंड और दूसरे शनिवार के कारण इसमें देरी हुई.

इससे पहले सूत्रों ने कहा था, "कंपनी कर्मचारियों को वर्तमान स्थिति की वजह से वेतन देने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि वीकेंड में बैंक भी बंद रहते हैं." नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की बेंगलुरु पीठ ने बायजू को आदेश दिया था कि राइट्स इश्यू से प्राप्त आय को निवेशकों के साथ मामले के निपटान तक एक अलग खाते में रखा जाए. यह लगभग 25-30 करोड़ डॉलर है.