Byju’s की मुसीबतें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. अभी कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि वह करीब 5000 लोगों को नौकरी से निकाल रहा है. इसी बीच अब कंपनी के नतीजों को लेकर सवाल उठने लगे हैं. वित्त वर्ष 2022 के नतीजे जारी करने के लिए कंपनी ने सितंबर की डेडलाइन (Deadline) दी हुई थी, लेकिन एक बार फिर से कंपनी नतीजे जारी नहीं कर पाई है. तीन डायरेक्टर्स के इस्तीफे के बाद 24 जून को बायजू रवींद्रन और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर अजय गोयल ने शेयरधारकों को वादा किया था कि सितंबर के अंत तक नतीजे जारी कर दिए जाएंगे, लेकिन वैसा नहीं हो सका. ऐसे में अब Byju’s की मूल कंपनी Think and Learn Pvt Ltd ने अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में बोर्ड की बैठक (Board Meeting) बुलाने के लिए नोटिस (Notice) जारी किया है. इसी बैठक में वित्त वर्ष 2022 के कंपनी के वित्तीय नतीजों (Financial Results) को मंजूरी दी जाएगी.

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Byju’s के लिए यह बैठक बहुत ही अहम है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले करीब 2 साल से कंपनी की परफॉर्मेंस ठीक नहीं चल रही है. ऐसे में कंपनी पर तमाम सवाल उठे, जिस बीच कई राउंड की छंटनी भी की गई. वहीं इसी बीच कंपनी अपने 1.2 अरब डॉलर के भारी भरकम लोन को लेकर भी चर्चा में रही. सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या कंपनी में कुछ गड़बड़ चल रही है, जिसके चलते नतीजे जारी करने में इतनी देर हो रही है. बहुत सारे स्टार्टअप ने वित्त वर्ष 2023 तक के तिमाही नतीजे जारी कर दिए हैं, जबकि Byju’s अभी तक 2022 के नतीजे भी जारी नहीं कर पाई है. यही वजह है कि कंपनी की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं. 

कंपनी की विश्वसनीयता पर उठ रहे सवाल

कंपनी की विश्वसनीयता किस कदर खराब हो चुकी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि कंपनी के काम करने के तरीके पर सवाल उठ रहे हैं. बच्चों के माता-पिता पर दबाव बनाने की भी शिकायतें सामने आईं. सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे वीडियो वायरल हुए, जिसमें निकाले गए टीचर्स को उनके पैसे नहीं देने का भी आरोप लगा है. जून के महीने में कंपनी ने करीब 1000 लोगों की छंटनी की थी. बताया रहा है कि अभी तक उनका बकाया भी हीं चुकाया जा सका है.

नतीजों पर भी कितना भरोसा करेंगे लोग?

यहां आपको एक बात बता दें कि Byju’s के बोर्ड में सिर्फ कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन और उनके परिवार के सदस्य- दिव्या गोकुलनाथ और रिजु रवींद्रन ही शामिल हैं. कंपनी में निवेशकों की तरफ से नियुक्त किए गए प्रतिनिधियों ने कुछ समय पहले ही इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद सदस्यों की संख्या घट चुकी है. कंपनी ने बाद में बोर्ड को अहम विषयों पर सलाह देने के लिए एक एडवाइजरी काउंसिल बनाई, जिसमें मोहनदास पई और रजनीश कुमार जैसे इंडस्ट्री के दिग्गज शामिल हैं. ऐसे में नतीजों पर कितना भरोसा किया जाए, इस पर भी सवालिया चिह्न लगा हुआ है. खैर, देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी के नतीजे कैसे रहते हैं. आखिरी बार इस यूनीकॉर्न से साल 2021 के नतीजे जारी किए थे, जिसमें इसे 4,564 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. साल 2011 में शुरू हुआ ये एडटेक स्टार्टअप आज तक नुकसान झेल रहा है और मुनाफा कमाने के लिए बहुत संघर्ष कर रहा है.

डेलॉयट के ऑडिटर पद छोड़ने के बाद चिंता बढ़ी

वैसे तो कंपनी की परफॉर्मेंस पर सवाल उठना कोई बड़ी बात नहीं है, कंपनी का नुकसान में रहना भी बड़ी बात नहीं है, लेकिन जब कुछ महीने पहले डेलॉयट ने Byju’s के ऑडिटर का पद छोड़ दिया, तो कंपनी पहली बार सवालों के घेरे में आई. उसके बाद से ही कंपनी के कर्जों को लेकर भी सवाल उठने लगे. उसी के कुछ समय बाद एक बड़ी छंटनी भी हुई. डेलॉयट ने बायजूज के वित्त वर्ष 2022 के नतीजे आने में देरी होने का हवाला देते हुए कंपनी के ऑडिटर पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद 3 डायरेक्टर्स ने भी इस्तीफा दे दिया, जिसमें निवेशक पीक XV, प्रोसस और चैन जुकरबर्ग के प्रतिनिधि शामिल थे. डेलॉयट के इस्तीफे के कुछ समय बाद ही कंपनी ने  BDO (MSKA & Associates) को नया ऑडिटर नियुक्त कर दिया था. भले ही सब ने इस्तीफे की अपनी वजहें बताईं, लेकिन सबसे बड़ी चिंता ये है कि कहीं कंपनी में फाइनेंस से जुड़ी कुछ गड़बड़ ना हो गई हो.