Byju's Crisis: सुप्रीम कोर्ट ने NCLAT के आदेश को किया खारिज, बायजूज़ की दिवाला प्रक्रिया पर लगाई थी रोक
उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (NCLAT) के उस फैसले को बुधवार को खारिज कर दिया जिसमें उसने संकटग्रस्त शैक्षणिक प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही पर रोक लगा दी गई थी.
उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (NCLAT) के उस फैसले को बुधवार को खारिज कर दिया जिसमें उसने संकटग्रस्त शैक्षणिक प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही पर रोक लगा दी गई थी. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एनसीएलएटी के उस आदेश को भी पलट दिया, जिसमें बायजू को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान को मंजूरी दी गई थी.
न्यायालय ने क्रिकेट बोर्ड को 158.9 करोड़ रुपये की निपटान राशि ऋणदाताओं की समिति के पास जमा करने का निर्देश दिया. पीठ ने एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ अमेरिकी कंपनी ग्लास ट्रस्ट कंपनी एलएलसी की याचिका पर अपना फैसला सुनाया. न्यायालय ने कहा कि एनसीएलएटी ने शैक्षणिक प्रौद्योगिकी प्रमुख के खिलाफ दिवाला कार्यवाही बंद करते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया और मामले में नए सिरे से निर्णय लेने का आदेश दिया.
एनसीएलएटी ने दो अगस्त को भारतीय क्रिकेट बोर्ड के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाया निपटान को मंजूरी देने के बाद बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को बंद करने का आदेश दिया था. यह फैसला बायजू के लिए बड़ी राहत लेकर आया, क्योंकि इसने प्रभावी रूप से इसके संस्थापक बायजू रवींद्रन को फिर से नियंत्रक स्थिति में ला दिया था.
हालांकि, यह राहत थोड़े समय की रही क्योंकि बायजू को झटका देते हुए शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को एनसीएलएटी के फैसले पर रोक लगा दी थी. मामला बीसीसीआई के साथ एक प्रायोजन सौदे से संबंधित 158.9 करोड़ रुपये के भुगतान में बायजू की चूक से जुड़ा है.