एडटेक स्टार्टअप (Edtech Startup) बायजू (Byju's) पर उसके ऋणदाताओं ने जब्ती से बचने के लिए 53.3 करोड़ डॉलर एक अनजान हेज फंड में छिपाकर रखने का आरोप लगाया है. हालांकि, कंपनी ने इससे इनकार किया है. बायजू ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि कर्जदाताओं के साथ उसके ऋण समझौते में पैसों की आवाजाही पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई थी. ‘ब्लूमबर्ग’ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि बायजू की अमेरिकी सब्सिडियरी अल्फा इंक ने अमेरिकी अदालत में जारी कार्यवाही का हवाला देते हुए साल 2022 में 50 करोड़ डॉलर से अधिक राशि कैमशाफ्ट कैपिटल फंड में ट्रांसफर कर दी थी. 

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कंपनी के कर्जदाताओं का कहना है कि यह नकदी 1.2 अरब डॉलर के कर्ज के लिए गिरवी रखी गई थी और बकाये कर्ज का भुगतान न होने पर उसने इस राशि को अपने नियंत्रण में लेने की मांग रखी है. बायजू ने नवंबर, 2021 में अमेरिका के कुछ कर्जदाताओं से 1.2 अरब डॉलर का कर्ज लिया था. हालांकि, इस साल जून में बायजू इस कर्ज पर चार करोड़ डॉलर के ब्याज भुगतान से चूक गई. हालांकि, बायजू ने इस लेनदेन को कर्जदाताओं के साथ हुए ऋण समझौते की शर्तों के पूरी तरह भीतर बताते हुए कहा है कि इसमें इस राशि के हस्तांतरण या निवेश पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई थी. 

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘किसी भी दूसरे बड़े कॉरपोरेट संगठन की तरह बायजू की इकाई अल्फा ने भी अरबों डॉलर के Investment Fund में निवेश किया है. हमारे ऋण समझौते में मिले हुए पैसों को ट्रांसफर या निवेश पर किसी तरह की रोक नहीं है. ऐसे में बायजू को जमानत के तौर पर कोई भी राशि रखने की जरूरत नहीं है.’ अमेरिका की मियामी-डेड काउंटी अदालत में कर्जदाताओं ने दलील दी है कि बायजू ने इस निवेश कोष में 53.3 करोड़ डॉलर की राशि कर्जदाताओं के प्रयासों को नाकाम करने के लिए ही हस्तांतरित की थी.