संकट से जूझ रही शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू (Buju's) के संस्थापक बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) ने कर्मचारियों को एक पत्र लिखकर कहा है कि वह सीईओ बने रहेंगे और प्रबंधन में कोई बदलाव नहीं होगा. निवेशकों द्वारा नेतृत्व परिवर्तन के लिए मतदान करने के एक दिन बाद उन्होंने पत्र में शुक्रवार की ईजीएम को ''तमाशा'' करार दिया. 

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कर्मचारियों के लिए यह पत्र महत्वपूर्ण है, क्योंकि बायजू के शेयरधारकों (प्रमुख निवेशकों) ने शुक्रवार को शिक्षा प्रौद्योगिकी स्टार्टअप में कथित 'कुप्रबंधन और विफलताओं' के चलते संस्थापक-सीईओ रवींद्रन और उनके परिवार को बोर्ड से हटाने के लिए मतदान किया था. 

रवींद्रन ने कंपनी संस्थापकों की अनुपस्थिति में की गई वोटिंग को अमान्य और अप्रभावी बताता है. उन्होंने शनिवार को कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया कि शुक्रवार की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में कई जरूरी नियमों का उल्लंघन किया गया. पीटीआई-भाषा ने इस पत्र की प्रति देखी है. 

'मैं सीईओ बना रहूंगा'

रवींद्रन ने कहा कि उस बैठक में जो भी फैसले किए गए, वह महत्व नहीं रखते हैं, क्योंकि वे नियमों पर आधारित नहीं थे. उन्होंने कहा, ''मैं आपको यह पत्र अपनी कंपनी के सीईओ के रूप में लिख रहा हूं. आपने मीडिया में जो पढ़ा होगा, उसके विपरीत, मैं सीईओ बना रहूंगा. प्रबंधन में कोई बदलाव नहीं होगा और बोर्ड भी वही रहेगा.''

बायजू रवींद्रन को हटाने के लिए हुई वोटिंग

बायजू के बहुलांश शेयरधारकों ने शुक्रवार को लोकप्रिय तकनीकी स्टार्टअप में कथित 'कुप्रबंधन और विफलताओं' को लेकर संस्थापक एवं सीईओ बायजू रवींद्रन और उनके परिजनों को निदेशक मंडल से हटाने के लिए मतदान किया. लेकिन बायजू मंच का संचालन करने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न (टी एंड एल) ने इस मतदान को ‘अमान्य’ बताते हुए इसे नकार दिया.

कंपनी के निदेशक मंडल में फिलहाल रवींद्रन, उनकी पत्नी एवं सह-संस्थापक दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई रिजु रवींद्रन शामिल हैं. कंपनी के छह निवेशकों ने रवींद्रन एवं उनके परिजनों के खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाई थी. लेकिन अंत में 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले शेयरधारकों ने बैठक में लाए गए प्रस्तावों के पक्ष में मत दिए. 

कंपनी ने किया 47 फीसदी हिस्सेदारी होने का दावा

हालांकि, कंपनी ने इस बैठक में सिर्फ 20 प्रतिशत शेयरधारकों के ही शामिल होने और उनके पास सामूहिक रूप से 47 प्रतिशत हिस्सेदारी होने का दावा किया. रवींद्रन और उनका परिवार ईजीएम को ‘प्रक्रियात्मक रूप से अमान्य’ बताते हुए इससे दूर रहा. रवींद्रन और उनके परिवार के पास कंपनी में 26.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है. 

ईजीएम बुलाने वाली एक प्रमुख निवेशक कंपनी प्रोसस ने बयान में कहा, "शेयरधारकों ने मत के लिए रखे गए सभी प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. इनमें बायजू में संचालन, वित्तीय कुप्रबंधन और अनुपालन मुद्दों के समाधान के लिए अनुरोध, निदेशक मंडल का पुनर्गठन और कंपनी के नेतृत्व में बदलाव शामिल है." 

13 मार्च तक लागू नहीं होगा बैठक का नतीजा

घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने कहा कि ईजीएम सुबह 9.30 बजे ही शुरू होने वाली थी लेकिन इसमें एक घंटे की देर हुई. दरअसल बायजू के कुछ कर्मचारियों समेत करीब 200 शेयरधारकों ने ऑनलाइन माध्यम से इस बैठक का हिस्सा बनने की मंजूरी मांगी थी. भले ही ईजीएम में रवींद्रन और उनके परिजनों को कंपनी के निदेशक मंडल से हटाने के पक्ष में मतदान हुआ है लेकिन इस बैठक का नतीजा 13 मार्च तक लागू नहीं होगा. 

दरअसल कर्नाटक उच्च न्यायालय उस दिन ईजीएम बुलाने के कुछ निवेशकों के कदम को चुनौती देने वाली रवींद्रन की याचिका पर सुनवाई करेगा. हालांकि उच्च न्यायालय ने थिंक एंड लर्न (टीएंडएल) में सामूहिक रूप से 32 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले शेयरधारकों द्वारा बुलाई गई ईजीएम पर रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया था. लेकिन उसने कहा था कि बैठक में पारित कोई भी प्रस्ताव अगली सुनवाई तक प्रभावी नहीं होगा. 

ईजीएम के नतीजे अमान्य और अप्रभावी

इस बीच, ईजीएम का नतीजा घोषित होने के पहले ही बायजू ने एक बयान जारी करते हुए प्रस्तावों को अमान्य और अप्रभावी बताया. कंपनी ने कहा, "ईजीएम में चुनिंदा शेयरधारकों का एक छोटा समूह शामिल है. इसमें लागू न हो सकने वाले प्रस्तावों को पारित करना कानून के शासन को चुनौती देने का काम करते हैं. 

ईजीएम होने से पहले बायजू के चार निवेशकों ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की बेंगलुरु पीठ के समक्ष कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ गड़बड़ी और कुप्रबंधन को लेकर बृहस्पतिवार शाम को एक अर्जी लगाई. इस आवेदन में रवींद्रन सहित संस्थापकों को कंपनी चलाने के अयोग्य घोषित करने और नया निदेशक मंडल नियुक्त करने का आग्रह किया गया है. 

राइट्स इश्यू को भी किया अमान्य घोषित

इसके अलावा हाल ही में जारी राइट इश्यू को भी अमान्य घोषित करने का अनुरोध किया गया है. याचिका में कंपनी के फॉरेंसिक ऑडिट और प्रबंधन को निवेशकों के साथ जानकारी साझा करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है. इस समूचे घटनाक्रम पर बायजू की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि कुछ चुनिंदा शेयरधारकों द्वारा पारित प्रस्ताव प्रक्रियागत खामियों एवं गड़बड़ियों की वजह से अमान्य हो जाते हैं. 

'मीडिया ट्रायल के लिए की गई ईजीएम'

कंपनी ने ईजीएम में किसी एक संस्थापक-निदेशक की मौजूदगी न होने से जरूरी सांगठनिक नियमों का उल्लंघन भी बताया. बायजू ने बयान में कहा, "संस्थापकों का मानना है कि इस कथित ईजीएम को ‘मीडिया ट्रायल’ करने के लिए आयोजित किया गया था और मूल रूप से इसमें कोई दम नहीं है. इसे कंपनी और उसके संस्थापकों के खिलाफ एक एजेंडे के तहत कुछ चुनिंदा शेयरधारकों ने अंजाम दिया है." 

महामारी काल में अभूतपूर्व तेजी से बढ़ी बायजू को पिछले एक साल में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. इनमें ऑडिटर का इस्तीफा, ऋणदाताओं द्वारा एक होल्डिंग कंपनी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करना और अमेरिका में ऋण की शर्तों एवं पुनर्भुगतान से संबंधित मुकदमा दायर होना शामिल है. इस कंपनी का उद्यम मूल्यांकन 2022 में 22 अरब डॉलर था लेकिन हाल ही में जारी राइट इश्यू में इसका उद्यम मूल्य सिर्फ 20 करोड़ डॉलर आंका गया है.