सिर्फ ₹10 हजार में शुरू करें अपना प्रदूषण जांच केंद्र, रोजाना कमाएं 5 हजार रुपए
नए नियमों के बाद जिस डॉक्यूमेंट की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस हुई वो पॉल्यूशन सर्टिफिकेट (PUC) है. पॉल्यूशन सर्टिफिकेट न होने पर सबसे अधिक 10 हजार रुपए का जुर्माना है.
न्यू मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद देशभर में चालान को लेकर एक अलग माहौल था. एक महीने तक चालान लगातार सुर्खियों में रहा. बिना डॉक्यूमेंट्स के बेखौफ गाड़ी चलाने वाले भी कागजात तैयार कराने में जुट गए. कागजात नहीं होने पर भारी जुर्माना का प्रावधान है. नए नियमों के बाद जिस डॉक्यूमेंट की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस हुई वो पॉल्यूशन सर्टिफिकेट (PUC) है. पॉल्यूशन सर्टिफिकेट न होने पर सबसे अधिक 10 हजार रुपए का जुर्माना है. वहीं, इसे बनवाने में सिर्फ 20 रुपए से लेकर 200 रुपए तक खर्च होते हैं. सर्टिफिकेट की अवधि के हिसाब से चार्ज अलग-अलग है.
नए नियम लागू होने के बाद से पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने वालों की भीड़ जमा हुई. पेट्रोल पंप पर लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली. लेकिन, इन्हीं नियमों की वजह से कमाई के भी मौके खुले. प्रदूषण जांच केंद्र मोटी कमाई का जरिया बन गया. अपना कारोबार शुरू करने की सोच रहे लोगों के लिए यह धंधा काफी मुनाफा है. कम लागत में तुरन्त प्रदूषण जांच केंद्र शुरू किया जा सकता है. साथ ही पहले दिन से इसमें कमाई होने लगती है. सबसे खास बात यह है कि रोजाना इससे 5 हजार रुपए कमाए जा सकते हैं.
PUC के लिए कैसे अप्लाई करें
- प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए सबसे पहले रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (RTO) से लाइसेंस लेना होगा.
- नजदीकी आरटीओ ऑफिस में इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं.
- प्रदूषण जांच केंद्र कहीं भी पेट्रोल पंप, ऑटोमोबाइल वर्कशॉप के आसपास खोला जा सकता है.
- आवेदन करने के साथ ही 10 रुपए का एफिडेविट देना होगा.
- एफिडेविट में टर्म एंड कंडीशन भी लिखनी होती हैं.
- लोकल अथॉरिटी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना होगा.
- प्रदूषण जांच केंद्र की हर राज्य में अगल-अलग फीस है.
- कुछ राज्यों में ऑनलाइन अप्लाई करने की भी सुविधा है.
- ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए https://vahan.parivahan.gov.in/puc/ पर जाकर रजिस्टर करना होगा.
कहां कितनी फीस (दिल्ली-NCR)
- एप्लीकेशन फीस- 5000 रुपए (सिक्योरिटी डिपॉजिट)
- सालाना फीस- 5000 रुपए
- कुल - 10000 रुपए
क्या है केंद्र खोलने की शर्तें
- प्रदूषण जांच केंद्र पीले रंग के केबिन में ही खोला जा सकता है. यह इसकी पहचान के लिए है.
- केबिन साइज- लंबाई 2.5 मीटर, चौड़ाई 2 मीटर, ऊंचाई 2 मीटर.
- प्रदूषण केंद्र सेंटर पर लाइसेंस नंबर लिखना अनिवार्य है.
- देश का कोई भी नागरिक, फर्म, सोसायटी और ट्रस्ट इसे खोल सकते हैं.
- PUC खोलने के लिए ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, मोटर मैकेनिक्स, ऑटो मैकेनिक्स, स्कूटर मैकेनिक्स, डीजल मैकेनिक्स या फिर इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (ITI) से प्रमाणित सर्टिफिकेट होना चाहिए.
केंद्र खोलने के लिए क्या चाहिए?
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए सबसे जरूरी कंप्यूटर, USB वेब कैमरा, इंकजेट प्रिंटर, पावर सप्लाई, इंटरनेट कनेक्शन, स्मोक एनालाइजर है. यह सभी लाइसेंस फीस से अलग खर्च में जोड़ा जाता है.
खोलने के बाद क्या ध्यान रखें
प्रदूषण जांच केंद्र को गाड़ी के पॉल्यूशन चेक पर प्रिंटेड सर्टिफिकेट देना होगा. सर्टिफिकेट में सरकारी स्टिकर का लगा होना अनिवार्य है. प्रदूषण जांच केंद्र को सभी गाड़ियों की डिटेल्स एक साल तक अपने सिस्टम में रखना जरूरी है. PUC का लाइसेंस जिसके नाम पर है, सिर्फ उसी व्यक्ति के पास इसे ऑपरेट करने का अधिकार होगा. किसी और के ऑपरेट करने पर कार्रवाई की जा सकती है.