BOB World App Scam: जानिए आखिर क्या है ये स्कैम, जिसे Bank Of Baroda के ही कर्मचारियों ने मिलकर दिया था अंजाम!
आपने बहुत सारे फ्रॉड (Fraud) या स्कैम (Scam) के किस्से सुने होंगे. कोई ऑनलाइन तरीके से हुआ तो कोई ऑफलाइन तरीके से. डिजिटल इंडिया (Digital India) के इस दौर में कई स्कैम हैं, जिन्होंने ग्राहकों के पैसे लूट लिया.
आपने बहुत सारे फ्रॉड (Fraud) या स्कैम (Scam) के किस्से सुने होंगे. कोई ऑनलाइन तरीके से हुआ तो कोई ऑफलाइन तरीके से. डिजिटल इंडिया (Digital India) के इस दौर में कई स्कैम हैं, जिन्होंने ग्राहकों के पैसे लूट लिया. आज हम आपको एक ऐसे स्कैम के बारे में बता रहे हैं, जो बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) में हुआ. इस स्कैम (bob World Scam) में सबसे दिलचस्प बात ये है कि इसे बैंक ऑफ बड़ौदा के सैकड़ों कर्मचारियों ने मिलकर अंजाम दिया था. जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा है. इस स्कैम को बैंक ऑफ बड़ौदा के एक-दो नहीं, बल्कि कई सारे राज्यों की ब्रांच के कर्मचारियों ने किया था.
सितंबर 2021 में शुरू होती है कहानी
इस कहानी की शुरुआत होती है सितंबर 2021 में, जब बैंक ऑफ बड़ौदा ने भारतीय स्टेट बैंक के Yono App की तर्ज पर bob World ऐप लॉन्च किया. कोशिश ये थी कि इसे भी योनो ऐप की तरह बनाया जाए, ताकि बैंक का बिजनेस तेजी से बढ़ सके. इस ऐप को लॉन्च करने के बाद कंपनी ने लोगों की डिजिटल ऑनबोर्डिंग शुरू कर दी.
दिक्कत शुरू हुई मार्च-अप्रैल 2022 से
इस ऐप के साथ एक समस्या ये आ रही थी कि इससे बिजनेस में बहुत तेज ग्रोथ नहीं दिख रही थी. ऐसे में मार्च-अप्रैल 2022 के दौरान बैंक की तरफ से कर्मचारियों को टारगेट देने शुरू किए. अब कर्मचारियों को अलग-अलग ब्रांच लोकेशन के हिसाब से अलग-अलग टारगेट दिए जाने लगे. कर्मचारियों को जब टारगेट पूरे करने में दिक्कत हुई तो उन्होंने कुछ ऐसे तरीके अपनाने शुरू कर दिए, जिनकी वजह से यह स्कैम या यूं कहें कि फ्रॉड हो गया.
कर्मचारियों ने ढूंढ लीं खामियां
इस नए ऐप में कुछ खामियां थीं. पहली तो यही थी कि इसमें आप सिर्फ नए नहीं, बल्कि पुराने ग्राहकों को भी उनके मोबाइल नंबर के साथ ऑनबोर्ड कर सकते थे और वह भी आपके टारगेट में जुड़ते थे. सबसे बड़ी खामी यानी लूपहोल ये था कि एक ही मोबाइल नंबर से कई बैंक अकाउंट लिंक हो सकते थे. बताया जाता है कि मध्य प्रदेश में बैंक की कुछ ब्रांच से इस प्रैक्टिस की शुरुआत हुई और वहां पर टारगेट पूरे होने लगे. ये देख बाकी ब्रांच के कर्मचारियों ने भी वही प्रैक्टिस शुरू कर दी.
और फिर खुलने लगी पोल
इस स्कैम के खुलने की शुरुआत हुई जुलाई 2023 में, जब कंपनी के ही एक कर्मचारी (व्हिसलब्लोअर) ने इसके बारे में एक मीडिया हाउस को अंदर की बातें बता दीं. उसने बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा में इस नए ऐप में तेजी से ग्रोथ हासिल करने के लिए कर्मचारियों को टारगेट दिए जा रहे हैं. उन पर ग्राहकों को ऑनबोर्ड करने का दबाव बनाया जा रहा है. इस दबाव की वजह से बहुत सारे कर्मचारियों ने टारगेट पूरे करने के लिए एक ही मोबाइल नंबर को कई बैंक खातों से लिंक कर दिया. इतना ही नहीं, ये मोबाइल नंबर भी किसी के भी इस्तेमाल किए जा रहे थे.
रिजर्व बैंक ने लिया एक्शन, लगाया बैन
मीडिया में ऐसी खबरें आने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक ऑफ बड़ौदा में एक इंटरनल ऑडिट करने को कहा. इंटरनल ऑडिट से भी आरबीआई संतुष्ट नहीं हुआ, क्योंकि एक-दूसरी बैंक ब्रांच आपस में ही एक दूसरे का ऑडिट कर रही थीं और इस बात की आशंका थी कि उनमें से बहुत सारे कर्मचारियों ने इस गलत प्रैक्टिस से अपने टारगेट पूरे किए होंगे.
ऐसे में 10 अक्टूबर 2023 को भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत बैंक ऑफ बड़ौदा को नए ग्राहक ऑनबोर्ड करने से रोक दिया. इसके बाद बैंक के खिलाफ जांच हुई, जिसमें गलत तरीके से बैंक खातों के साथ मोबाइल नंबर लिंक किए जाने के फ्रॉड का पता चला. इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा के कई अधिकारी लेवल के लोगों के सस्पेंड किया गया और बहुत सारे कर्मचारियों के ट्रांसफर किए गए.