जोमैटो और ब्लिंकइट को आज के वक्त में हर कोई जानता है. जोमैटो एक ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी है. वहीं ब्लिंकइट क्विक कॉमर्स कंपनी है, जो महज 10 मिनट में आपके घर पर ग्रॉसरी डिलीवर करती है. जोमैटो ने 2022 में ब्लिंकइट को खरीद लिया था. खैर, अब इस बात को 2 साल बीत चुके हैं और इन 2 सालों में कुछ ऐसा हो गया है जो किसी ने सोचा भी नहीं था. Goldman Sachs के अनुसार इन 2 सालों में ब्लिंकइट की वैल्यू जोमैटो के मूल बिजनेस यानी ऑनलाइन फूड डिलीवरी से भी अधिक हो गई है.

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Goldman Sachs ने हाल ही में एक नोट में कहा है कि ब्लिंकइट की वैल्युएशन करीब 13 अरब डॉलर का हो चुका है, जो मार्च 2023 में महज 2 बिलियन डॉलर का था. बता दें कि जोमैटो का कुल वैल्युएशन करीब 20 अरब डॉलर है, जिसमें से 13 अरब डॉलर तो सिर्फ ब्लिंकइट का वैल्युएशन है.

यह वैल्युएशन SOTP (sum of the parts) मेथर्ड से निकाली जाती है. इसके तहत वैल्युएशन निकालते वक्त कंपनी के हर बिजनेस या सब्सिडियरी का वैल्युएशन निकाला जाता है. इसके बाद हर बिजनेस को साथ जोड़कर फर्म की कुल वैल्यू निकाल जाती है. 

महज 568 मिलियन में खरीदा था ब्लिंकइट

2022 में जोमैटो ने इसे महज 568 मिलियन डॉलर में खरीदा था. गोल्डमैन सैक्स के अनुसार जोमैटो के प्रति शेयर की कीमत अभी करीब 119 रुपये है, जबकि ब्लिंकइट के शेयर की कीमत 98 रुपये पर है.

जोमैटो ने ब्लिंकइट को तब खरीदा था, जब वह बेहद बुरे दौर से गुजर रहा था. उस वक्त कंपनी का नाम ग्रोफर्स हुआ करता था. जोमैटो का ग्रोफर्स को खरीदने का फैसला बहुत ही फायदे वाला रहा. ग्रोफर्स के अधिग्रहण के बाद उसका नाम बदलकर ब्लिंकइट किया गया और वहीं से शुरुआत हुई 10 मिनट में ग्रॉसरी डिलीवरी की. कंपनी का ये बिजनेस तब से ही तेजी से चल रहा है.

अभी तो और बड़ा बनेगा ब्लिंकइट

गोल्डमैन सैक्स के अनुसार अभी जो ब्लिंकइट करीब 30 शहरों में अपनी सेवाएं दे रहा है, उसमें 40-50 शहरों तक पहुंचने की क्षमता है. अगर वित्त वर्ष 2023 के हिसाब से बात करें तो भारत में ग्रॉसरी और नॉन-ग्रॉसरी का कुल बाजार करीब 150 बिलियन डॉलर का है, जिसे ब्लिंकइट भुना सकता है. इसके अनुसार 2024 से 2027 तक ब्लिंकइट के GOV में करीब 53 फीसदी की ग्रोथ रेट देखी जा रही है.