भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने मंगलवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्याधिकरण (NCLAT) के समक्ष प्रौद्योगिकी फर्म बायजू (Byju's) के साथ विवाद में सुनवाई को एक दिन के लिए टालने का अनुरोध किया. इसके साथ ही बीसीसीआई ने कहा कि उसकी बायजू के साथ बातचीत चल रही है, जिससे दोनों पक्षों के बीच समझौते की संभावना का संकेत मिलता है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एनसीएलएटी में दिवाला कार्यवाही के खिलाफ बायजू के प्रवर्तक की याचिका पर सुनवाई शुरू होते ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि दोनों पक्षों के बीच कुछ बातचीत चल रही है. मेहता बीसीसीआई की तरफ से पेश हुए थे. उन्होंने पीठ से एक दिन के लिए सुनवाई को स्थगित करने का अनुरोध किया, जिसे नयी पीठ ने स्वीकार कर लिया. 

वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी अमेरिका स्थित लेनदार गैस ट्रस्ट एलएलसी की ओर से पेश हुए, जिसने 8,000 करोड़ रुपये के ऋण की चूक का दावा किया है. बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन की याचिका न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन और न्यायमूर्ति जतिंद्रनाथ स्वैन की नयी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की गई थी. इससे पहले सोमवार को न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था और कहा था कि वह पदोन्नति से पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड के वकील के रूप में पेश हुए थे. 

एनसीएलएटी रवींद्रन की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू को चलाने वाली थिंक एंड लर्न के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने को चुनौती दी गई थी. बीसीसीआई ने थिंक एंड लर्न के 158.9 करोड़ रुपये की धन अदायगी से चूक करने को लेकर दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया था. एनसीएलटी ने आईबीसी के प्रावधानों के अनुसार, थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के बोर्ड को निलंबित कर दिया है और कर्ज में डूबी इस कंपनी के संचालन के लिए एक अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) नियुक्त किया है.