अमेरिका की असेट मैनेजमेंट कंपनी Baron Capital ने एडटेक यूनिकॉर्न स्टार्टअप Byju’s के वैल्युएशन को लगभग आधा कर दिया है. Baron Capital की जून तिमाही की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी से इसके ऑडिटर और 3 अहम निवेशक बोर्ड मेंबर्स के इस्तीफे के बाद ये नई वैल्यू निकाली गई है. आखिरी बार Byju’s का वैल्युएशन पिछले साल अक्टूबर में 22 अरब डॉलर आंका गया था. उस वक्त कंपनी ने Qatar Investment Authority से करीब 250 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई थी. अगर उस वैल्युएशन से तुलना की जाए तो अभी का वैल्युएशन करीब 44.6 फीसदी कम है, जो लगभग 12 अरब डॉलर पर आ चुका है.

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बैरन कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोविड से जुड़े प्रतिबंध हटने की वजह से कंपनी का बिजनेस काफी घटा है. कोविड के प्रतिबंधों की वजह से ऑनलाइन या डिजिटल एजुकेशन में तगड़ी तेजी देखने को मिली थी. इसके अलावा Byju’s ने यह भी घोषणा की कि कंपनी के ऑडिटर Deloitte ने इस्तीफा दे दिया है और उसकी जगह अब  एक दूसरा टॉप-5 ग्लोबल फर्म में से एक BDO लेगा. कंपनी के 3 बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने भी इस्तीफा दे दिया, जिन्हें निवेशकों ने अप्वाइंट किया था. इन सभी डेवलपमेंट के बाद कंपनी के वैल्युएशन को फिर से एडजस्ट किया गया है.

कोरोना काल में बढ़ी थी कंपनी, लेकिन फिर गिरने लगी...

कोरोना काल में Byju’s का बिजनेस काफी तेजी से बढ़ा था. साल 2020 के दौरान महामारी के चलते सब कुछ बंद हो गया और उस वक्त ऑनलाइन एजुकेशन में तगड़ा बूम देखने को मिला. कंपनी का रेवेन्यू मार्च 2020 में 2800 करोड़ रुपये तक जा पहुंचा. देखते ही देखते Byju’s भारत की दूसरी डेकाकॉर्न कंपनी बन गई, यानी उसकी वैल्यू 10 अरब डॉलर से अधिक हो गई. बता दें कि भारत की पहली डेकाकॉर्न कंपनी पेटीएम है. Byju’s ने बहुत सारी कंपनियों के अधिग्रहण भी किए, जिनमें WhiteHatJr, Aakash, Toppr, Epic और Great Learning जैसे स्टार्टअप शामिल रहे. ये अधिग्रहण भी कंपनी ने काफी ऊंचे वैल्युएशन पर किए, लेकिन बाद में कंपनी को इन्हीं सब की वजह से नुकसान झेलना पड़ रहा है.

Byju’s की मुसीबतें तब बढ़ना शुरू हुईं, जब उसके खिलाफ कुछ पैरेंट्स ने सोशल मीडिया पर शिकायत करनी शुरू की. उन्होंने बताया कि Byju’s की वजह से उन्हें भारी नुकसान हुआ है. कई कर्मचारियों ने भी शिकायतें शुरू कर दीं कि कंपनी का वर्किंग कल्चर बहुत खराब है. उन्हें ऐसे टारगेट दिए जाने का दावा किया गया, जिन्हें पूरा करना बहुत मुश्किल था. साल 2020 में कंपनी में करीब 14 हजार कर्मचारी थे, जिनकी संख्या 2022 तक बढ़ते-बढ़ते 58 हजार के करीब पहुंच गई. हालांकि, उसके बाद कंपनी में छंटनी का ऐसा दौर शुरू हुआ कि आज की तारीख में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 25 हजार के करीब है. हालात इस कदर बिगड़ गए कि 1.2 अरब डॉलर के टर्म लोन को लेकर कंपनी ने Redwood के नेतृत्व वाले कुछ लेंडर्स के खिलाफ न्यूयॉर्क सुप्रीम कोर्ट में केस तक कर दिया. पिछले दिनों में Byju’s में इतना कुछ हुआ है कि कंपनी की इमेज पर भी उसका असर हुआ है. इन्हीं सब का नतीजा है कि कंपनी का वैल्युएशन आज आधा हो चुका है. 

स्विगी का वैल्युएशन बढ़ा

बैरन कैपिटल ने सिर्फ Byju’s का नया वैल्युएशन ही नहीं बताया है, बल्कि स्विगी के वैल्युएशन को भी रिवाइज किया है. मार्च तक कंपनी ने स्विगी का वैल्युएशन करीब 40 फीसदी घटाकर 6.5 अरब डॉलर कर दिया था. वहीं जून तिमाही में कंपनी के वैल्युएशन को 34 फीसदी बढ़ाकर 8.5 अरब डॉलर कर दिया है. हालांकि, पिछले साल जनवरी में कंपनी का वैल्युएशन 10.7 अरब डॉलर था, तो ये कहना गलत नहीं होगा कि अभी तक स्विगी अपने पुराने वैल्युएशन तक नहीं पहुंच पाई है. बता दें कि स्विगी में बैरन कैपिटल की करीब 0.7 फीसदी की हिस्सेदारी है. पिछले साल जनवरी में ही कंपनी ने करीब 76.8 मिलियन डॉलर का निवेश किया था.