अनन्या बिरला की कंपनी Svatantra Microfin Pvt Ltd ने आखिरकार सचिन बंसल के स्टार्टअप Navi की सब्सिडियरी कंपनी Chaitanya India Fin Credit Pvt Ltd. का अधिग्रहण पूरा कर कर लिया है. यह अधिग्रहण 1479 करोड़ रुपये में किया गया है. इसके बारे में अगस्त में ही घोषणा कर दी गई थी, लेकिन अब अनन्या ने खुद ट्विटर के जरिए एक वीडियो पोस्ट करते हुए इसकी जानकारी साझा की है.

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ट्विटर पर अनन्या को बोलते हुए सुना जा सकता है, जिसमें वह कह रही हैं कि अब यह आधिकारिक हो चुका है. हमने चैतन्य के अधिग्रहण की प्रक्रिया को आधिकारिक रूप से पूरा कर लिया है. आज हम स्वतंत्र फैमिली में चैतन्य का तहे दिल से स्वागत करते हैं.

इस अधिग्रहण के साथ ही CreditAccess Grameen के बाद अब Svatantra दूसरी सबसे बड़ी NBFC-MFI हो चुकी है. Microfinance Institution Network ने इसी साल कुछ समय पहले India Microfinance Review नाम की एक रिपोर्ट में कहा था कि स्वतंत्र की तरफ से चैतन्य का अधिग्रहण किया जाना माइक्रोफाइनेंस सेक्टर और स्वतंत्र दोनों के ही लिए अच्छी खबर है.

Svatantra एक ऐसा इंस्टीट्यूशन है जो सीधे अपने ग्राहकों के खातों में पैसे भेजता है. यह इंस्टीट्यूशन ग्राहकों से 19.75 फीसदी से लेकर 24.25 फीसदी तक का ब्याज लेता है और उन्हें छोटे-छोटे लोन देता है. इसके अलावा यह इंस्टीट्यूशन 23 फीसदी की ब्याज दर पर MSME लोन भी मुहैया कराता है.

फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर रहे सचिन बंसल ने साल 2019 में चैतन्य रूरल इंटरमीडिएशन डेवलपमेंट सर्विसेस (CRIDS) का अधिग्रहण कर लिया था. यह अधिग्रहण BAC Acquisitions के जरिए किया गया था, अभी उसका नाम बदल कर Navi Technologies कर दिया गया है. फ्लिपकार्ट के बाद सचिन बंसल का यह पहला कोई बड़ा वेंचर था. CRIDS को बाद में रीब्रांड करते हुए Chaitanya India Fin Credit कर दिया गया. 

चैतन्य का कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो (CAR) अभी Navi Group के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया था. यह 2019 से लेकर 2022 तक के बीच तेजी से गिरता गया. चैतन्य का CAR वित्त वर्ष 2022 में 17.38 फीसदी था, जो भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से सेट किए गए न्यूनतम 15 फीसदी के बेहद करीब पहुंच चुका है. हालांकि, चैतन्य एक मुनाफे वाला बिजनेस है, जिसने 2022 में 52.25 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है. इससे पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का मुनाफा 20.6 करोड़ रुपये था.