एक ओर फंडिंग विंटर (Funding Winter) का दौर जारी है. तमाम स्टार्टअप को फंडिंग (Startup Funding) नहीं मिल पा रही है. नतीजा ये हो रहा है यूनिकॉर्न (Unicorn) तक को छंटनी का सहारा लेना पड़ रहा है. साल 2022 से एक ऐसा फंडिंग विंटर शुरू हुआ है, जो खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. एक के बाद एक तमाम स्टार्टअप ने सैकड़ों और यहां तक कि हजारों के हिसाब से लोगों को नौकरी से निकाला है. इसी बीच TiEcon Delhi 2023 स्टार्टअप कॉन्फेरेंस में भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने स्टार्टअप को लेकर कई अहम बातें कहीं.

अमिताभ कांत के 2 टिप्स, जो दिलाएंगे फंडिंग

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अमिताभ कांत ने स्टार्टअप्स को फंडिंग पाने के लिए दो टिप्स दिए हैं. उन्होंने कहा कि जिन स्टार्टअप में सब कुछ सरकारी नियमों के हिसाब से हो रहा है और दूसरा जिनका बिजनेस मॉडल अच्छा है, उन्हें फंडिंग मिलना जारी रहेगा. वह बोले कि ऐसे स्टार्टअप्स पर वेंटर कैपिटल फंडिंग में गिरावट आने का कोई असर नहीं पड़ेगा. अमिताभ कांत ने यह बात TiEcon Delhi 2023 स्टार्टअप कॉन्फेरेंस में Tata 1mg के सीईओ प्रशांत टंडन से बातचीत के दौरान कही.

तमाम बड़ी कंपनियां स्टार्टअप में लगाएंगी पैसे

सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग के पूर्व प्रमुख अमिताभ कांत ने कहा कि आने वाले दिनों में भारतीय कंपनियां, फैमिली बिजनेस, इंश्योरेंस और पेंशन फंड स्टार्टअप में निवेश करने के लिए पैसे अलग से रखेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता स्टार्टअप्स के लिए कभी पैसों की कमी होगी. जब पूरे देश ही नहीं, बल्कि दुनिया में स्टार्टअप्स को पैसे मिलने में दिक्कत हो रही है, ऐसे में अमिताभ कांत का ये बयान तमाम स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने वाला है.

दुनिया भर के लोग हैं स्टार्टअप्स का मार्केट

भारतीय स्टार्टअप्स के लिए आने वाले दिनों में सिर्फ भारत के 140 करोड़ लोग ही उनका मार्केट नहीं होंगे, बल्कि दुनिया भर के 400-500 करोड़ लोग इन स्टार्टअप्स का मार्केट होंगे. अमिताभ कांत ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को और बेहतर बनाने की भी बात कही, जिसके तहत कंपनियों पर सरकारी नियमों की बाध्यताएं कम की जाएंगी. उन्होंने कहा कि सरकार को सिर्फ पॉलिसी बनानी चाहिए और वेल्थ जनरेट करना प्राइवेट सेक्टर का काम है. साथ ही वह बोले की तमाम स्टार्टअप को हलचल पैदा करने वाले आइडिया पर सोचना चाहिए. 

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बनाया जाएगा और बेहतर

अमिताभ कांत बोले कि ईज ऑफ डूइंग को बेहतर करने के लिए कोई भी नियम 2 पेज से लंबा नहीं होना चाहिए. जो फॉर्म तमाम स्टार्टअप्स को भरना होता है, वह 5-6 कॉलम से ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए. सब कुछ डिजिटल होना चाहिए. किसी को भी सरकारी अधिकारियों से दफ्तरों में जाकर किसी से मिलने की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए.