कभी ₹11000 करोड़ का ऑफर ठुकरा दिया था, अब महज 83 करोड़ में बिक गया ये Edtech Startup
आपने अक्सर ही लोगों को ये कहते सुना होगा कि सही वक्त पर सही फैसला लेना जरूरी होता है. ये बात एक एडटेक स्टार्टअप (Edtech Startup) डाउटनट (Doubtnut) के मामले में बिल्कुल सटीक बैठ रही है.
आपने अक्सर ही लोगों को ये कहते सुना होगा कि सही वक्त पर सही फैसला लेना जरूरी होता है. ये बात एक एडटेक स्टार्टअप (Edtech Startup) डाउटनट (Doubtnut) के मामले में बिल्कुल सटीक बैठ रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि एक वक्त था जब इस कंपनी को देश के सबसे बड़े एडटेक स्टार्टअप बायजूज़ (Byju's) की तरफ से 11 हजार करोड़ रुपये में खरीदने का ऑफर मिल रहा था. उस वक्त डाउटनट ने बिजनेस ना बेचने का फैसला किया, लेकिन बाद में हालात खराब हो गए और अब कंपनी ने अपना बिजनेस महज 83 करोड़ रुपये में बेच दिया है.
हाल ही में डाउटनट को एलन कैरियर इंस्टीट्यूट (ALLEN Career Institute) ने खरीद लिया है. यह डील सिर्फ 83 करोड़ रुपये में हुई है. अगर पिछले 3 सालों की बात करें तो इस स्टार्टअप की वैल्यू करीब 10 हजार करोड़ रुपये घटी है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ डाउटनट की वैल्यू ही गिरी है, बल्कि तमाम एडटेक स्टार्टअप्स को बुरे दौर से गुजरना पड़ रहा है. कोरोना काल में सभी एडटेक स्टार्टअप तेजी से आगे बढ़े थे, लेकिन जैसे ही तमाम स्कूल खुले, इन एडटेक स्टार्टअप का बिजनेस तेजी से नीचे गिरना शुरू हो गया.
खास टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करती है कंपनी
डाउटनट की शुरुआत साल 2016 में तनुश्री नागोरी और आदित्य शंकर ने की थी. दोनों ने ही आईआईटी से पढ़ाई की है और उसके बाद ये एडटेक स्टार्टअप शुरू किया था. यह स्टार्टअप फोटो पहचान तकनीक और मशीन लर्निंग पर काम करता है, जिसकी शुरुआत में तमाम विशेषज्ञों ने काफी तारीफ की थी. इस तकनीक में विज्ञान और गणित के सवालों को सिर्फ दिखाकर उनके जवाब मिलते थे. मौजूदा वक्त में करीब 3.2 करोड़ यूजर्स इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब इस तकनीक का इस्तेमाल एलन इंस्टीट्यूट की तरफ से नए यूजर्स तक पहुंचने में किया जाएगा. अब ये तकनीक एलन इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स के काम आएगी.
बायजूज़ के फाउंडर को गिरवी रखना पड़ा घर
डाउटनट जैसी ही हालत बाकी एडटेक कंपनियों की भी हो गई है. दिग्गज एडटेक कंपनी बायजूज़ को लगातार भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. हालत इतनी खराब है कि पिछले कुछ महीनों में कंपनी कई राउंड की छंटनी कर चुकी है. वहीं दूसरी ओर फंडिंट विंटर के चलते बायजूज़ को पैसे जुटाने में भी दिक्कत आ रही है. कंपनी के पास कर्मचारियों की सैलरी चुकाने तक के पैसे नहीं है. यही वजह है कि सैलरी के पैसे जुटाने के लिए कंपनी के फाउंडर और सीईओ रविंद्रन बायजू को अपना घर तक गिरवी रखना पड़ गया. बता दें कि एक वक्त था जब बायजूज़ की वैल्यू 22 अरब डॉलर तक पहुंच गई थी, लेकिन अब कंपनी की वैल्यू महज 3 अरब डॉलर बची है. हालात इतने खराब हैं कि कंपनी पर पैसे ना चुकाने को लेकर कई केस भी चल रहे हैं.