स्टार्टअप्स (Startup) के लिए अभी फंडिंग विंटर (Funding Winter) का दौर चल रहा है. यानी इन दिनों स्टार्टअप्स को फंडिंग (Startup Funding) नहीं मिल पा रही है. अगर सिर्फ 2023 की पहली छमाही की बात करें तो स्टार्टअप फंडिंग में करीब 72 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. ऐसे में अब तमाम स्टार्टअप मुनाफे (Startups Profitability) में आने की कोशिश कर रहे हैं. अपने स्टार्टअप को मुनाफे में लाने के लिए छंटनी की जा रही है, ताकि पैसे बचाए जा सकें. वहीं कुछ और भी तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिससे मुनाफा बढ़े. ऐसा ही एक तरीका है 'प्लेटफॉर्म फीस' (Platform Fees) का, जिससे मुनाफा बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. पहले स्विगी (Swiggy) ने इसे शुरू किया था और अब जोमैटो (Zomato) ने भी ये फीस लगानी शुरू कर दी है.

हर ऑर्डर पर 2 रुपये की प्लेटफॉर्म फीस

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हाल ही में जोमैटो ने इस साल की पहली तिमाही के नतीजे आए हैं. इसके बाद अब कंपनी ने हर ऑर्डर पर 2 रुपये की प्लेटफॉर्म फीस चार्ज करनी शुरू कर दी है. इससे करीब 4 महीने पहले प्रतिद्वंद्वी प्लेटफॉर्म स्विगी ने भी प्लेटफॉर्म फीस लगानी शुरू की थी. हालांकि, अभी ब्लिंकइट पर कोई प्लेटफॉर्म फीस नहीं लगाई गई है. जोमैटो ने जो प्लेटफॉर्म फीस लगानी शुरू की है, वह हर ऑर्डर पर लगेगी. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि ग्राहक कितने रुपये का ऑर्डर कर रहा है. हर किसी को 2 रुपये की प्लेटफॉर्म फीस चुकानी होगी.

आखिर 2-2 रुपये जमा करके क्या मिलेगा जोमैटो को?

अधिकतर लोगों के मन में एक सवाल ये जरूर उठ रहा होगा कि आखिर 2-2 रुपये लेकर कंपनी को क्या मुनाफा हो जाएगा? जेपी मॉर्गन के एक नोट के अनुसार जोमैटो पर जून तिमाही में करीब 17.6 करोड़ ऑर्डर आए थे. इसका मतलब हुआ कि कंपनी को औसतन हर रोज 20 लाख ऑर्डर आते हैं. इस तरह देखा जाए तो कंपनी को हर रोज 40 लाख रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी. अगर महीने के हिसाब से देखा जाए तो कंपनी की 12 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी. मतलब हर तिमाही में करीब 36 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई. तो अब आप समझ ही गए होंगे कि 2-2 रुपये की फीस लगाकर जोमैटो कितना कमा सकता है.

हालांकि, अभी यह प्लेटफॉर्म फीस हर किसी के ऐप में नहीं दिख रही है. कुछ लोगों को यह प्लेटफॉर्म फीस दिखाई दे रही है तो कुछ को नहीं दिख रही है. इसकी वजह ये है कि अभी कंपनी ने इसे एक एक्सपेरिमेंट की तरह शुरू किया है. अगर कंपनी का ये पालयट प्रोजेक्ट सफल रहता है तो इसे लागू कर दिया जाएगा. जोमैटो के प्रवक्ता ने कहा है कि यह अभी एक एक्सपेरिमेंट फेज में है और उसी के हिसाब से तय होगा कि इसे आगे बढ़ाना है या नहीं. ऐसे में अभी तो जोमैटो हर दिन इस प्लेटफॉर्म फीस से कितना कमा रहा है नहीं कहा जा सकता, लेकिन अगर सबके लिए इसे लागू कर दिया जाएगा तो हर दिन 40 लाख रुपये तक की कमाई होना तय है.

ग्राहक क्यों देंगे 2 रुपये एक्स्ट्रा?

कुछ लोग ये भी सोच सकते हैं कि आखिर ग्राहक 2 रुपये एक्स्ट्रा क्यों देंगे? मौजूदा वक्त में जोमैटो का औसत ग्रॉस वैल्यू ऑर्डर लगभग 415 रुपये का है. अब अगर उससे इस 2 रुपये की तुलना करें तो यह महज 0.5 फीसदी है. अब जरा सोचिए, जो शख्स 415 रुपये का ऑर्डर कर रहा है, उसे 2 रुपये देने में क्या दिक्कत होगी. बहुत से लोगों को तो पता भी नहीं चलेगा कि उनके बिल में 2 रुपये प्लेटफॉर्म फीस भी है. वहीं जोमैटो के अलावा सिर्फ स्विगी ही बड़ा प्लेयर है, जो फूड डिलीवरी के सेक्टर में है. ऐसे में लोगों को 2 रुपये की फीस से कोई फर्क ही नहीं पड़ेगा और वह पहले ही तरह ही जोमैटो का इस्तेमाल करते रहेंगे. वहीं इससे जोमैटो की तगड़ी कमाई हो जाएगी.