सफलता सभी को नजर आती है, असफलता अक्सर कहीं अंधेरे में गुम हो जाती है. ये बात स्टार्टअप के बारे में भी एकदम सच है. आंकड़े बताते हैं कि 90 प्रतिशत स्टार्टअप असफल होकर बंद हो जाते हैं, और सिर्फ 10 में एक स्टार्टअप ऐसा होता है, जिसे आप सफल कह सकते हैं. ऐसे में सवाल है कि ज्यादातर स्टार्टअप असफल क्यों हो जाते हैं?

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इसकी सबसे बड़ी वजह है कि स्टार्टअप शुरू करने से पहले वास्तविक परिस्थितियों का सही अंदाज न लगा पाना. कहते हैं कि किसी भी कारोबार को शुरू करने से पहले उसकी सभी अच्छी बातें पता चल जाती हैं, जबकि कारोबार को शुरू करने के बाद उसकी सभी चुनौतियां या कमियां पता चलती हैं. आशावाद अच्छा है, क्योंकि उसके बिना कुछ हो नहीं सकता, लेकिन शुरुआत में असफलताओं के लिए तैयार रहना चाहिए. इसका ये मतलब नहीं कि आप हौसला छोड़ दें, इसका मतलब है कि आप स्मार्ट तरीके से मेहनत करने के लिए तैयार हो जाइए.

फॉर्च्यून मैगजीन की एक रिपोर्ट में स्टार्टअप के असफल होने के बारे विस्तार से बताया गया है. इसके मुताबिक स्टार्टअप बंद होने के टॉप 10 कारण इस तरह हैं-

1. आप जो बना रहे हैं, उसे कोई खरीदना नहीं चाहता (42%) 

2. कैश की कमी (29%)

3. टीम में तालमेल की कमी (23%)

4. प्रतिस्पर्धा में टिक न पाना (19%)

5. कीमत या लागत से जुड़े मसले (18%)

6. गुणवत्ता की कमी (17%)

7. बिजनेस मॉडल की कमी (17%)

8. कमजोर मार्केटिंग (14%)

9. ग्राहकों को नजरअंदाज करना (14%)

10. समयबद्धता की कमी (13%)

 

इन कारणों से ये पता चलता है कि उद्यमियों को किसी भी बात को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. 'हो जाएगा, कर लेंगे' ऐसा रुख ठीक नहीं. बढ़िया बिजनेस मॉडल और उस पर सख्त अनुशासन के साथ अमल जरूरी है.