सेल्स और मार्केटिंग किसी भी कंपनी का वो स्तंभ होता है, जिस पर पूरी कंपनी टिकी होती है. जाहिर है इस विभाग को संभालने वाली टीम भी खास होनी चाहिए. सेल्स की दुनिया रिजल्ट आधारित है. यहां किसी की भी इंट्री हो सकती है, बस वो खुद को साबित करके दिखाए. किसी प्रोडक्ट को बेचना आसान नहीं होता, क्योंकि कारोबार के इसी स्टेज पर आपको अपने ग्राहक की जेब से पैसे निकलवाने होते हैं.

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जानीमानी आईटी कंपनी ऑरेकल के सीईओ मार्क हुर्द ने एक आर्टिकल लिखकर बताया है कि कैसे एक बेहतर सेल्सपर्सन बना जा सकता है. उन्होंने लिखा कि ऑरेकल के शुरुआती दिनों में कंपनी के सह-संस्थापक लैरी एलिसन लोगों से पूछते थे कि - वो कंपनी में क्या करते हैं, सॉफ्टवेयर बनाते हैं, या उसे बेचते हैं. यानी सॉफ्टवेयर बनाना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण है उसे बेचना. अगर आपने बहुत अच्छा प्रोडक्ट बना लिया, लेकिन उसे बेच नहीं सके, तो सारी मेहनत बेकार है. मार्केटिंग को लेकर मार्क हुर्द के 5 टिप्स इस तरह है -

1. सुनिये

सेल्स करियर में सबसे महत्वपूर्ण बात है दूसरे को सुनना. ये वो बुनियाद है जिस पर भरोसा और एक लंबे समय तक निभाए जाने वाला रिश्ता बनाता है. बात सिर्फ अपना प्रोडक्ट बेच देने की नहीं है. बात है एक प्रोफेशनल सलाह देने की जिसमें आपके ग्राहक का हित हो.

2. धर्य रखिए

ये बात खासतौर से उन लोगों के लिए है, जो सेल्स में शुरुआत कर रहे हैं. अपनी योग्यता और ज्ञान को जरूरत से अधिक मत आंकिए. आपको सीखने में समय लगेगा. खासकर लोगों से संबंध बनाने में. तब तक धैर्य बनाए रखिए, जब तक आप संबंध और भरोसा न बना लें.

3. दब्बूपन नहीं स्मार्टनेस चाहिए

ऊपर की सलाह से अगर आप इस नतीजे पर पहुंच रहे हैं कि सेल्स एक दब्बूपने का काम है, तो फिर से सोचिए. अच्छे सेल्सपर्सन नए ग्राहकों को जोड़ने और टॉप प्रतिस्पर्धी से मुकाबला करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. ग्राहकों के फीडबैक लीजिए, मार्केट रिसर्च कीजिए और उन बिंदुओं का पता कीजिए, जहां आपकी कंपनी के उत्पाद ज्यादा फायदेमंद हैं. 

4. काम कठिन है, जूझते रहिए

सेल्स आसान काम नहीं है. बाधाएं और असफलताएं आएंगी. खासतौर से तब जबकि आप टॉप की किसी कंपनी से मुकाबला कर रहे होंगे. असली बात ये है कि आप विपरीत हालत से उबरते कैसे हैं.

5. अपने कंफर्टजोन से बाहर आइए

मैं उन लोगों को पसंद करता हूं जो नई चुनौतियों से डरते नहीं और नई चीज सीखने के लिए तैयार रहते हैं. जो लोग ये समझते हैं कि 'आरामदायक स्थिति प्रगति की दुश्मन है.' अपनी कमजोरियों का पता लगाइए और कुछ प्रशिक्षण की मदद से उन्हें अपनी ताकत में बदल दीजिए.