RBI Rate, Real Estate Sector: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अपनी बैठक में दो अहम फैसले किए, जिनका सीधा असर रियल एस्‍टेट बाजार पर पड़ने वाला है. जहां एक ओर इन फैसलों से आर्थिक माहौल को मजबूती मिलेगी, वहीं दूसरी ओर रियल एस्‍टेट क्षेत्र में तेजी आएगी और घर खरीदारों के लिए एक नया अवसर पैदा होगा. आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने शुक्रवार को ऐलान किया कि रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रहेगा. इससे पहले भी ब्‍याज दरों में कोई बड़ी बढ़ोतरी नहीं हुई थी, जिससे पहले से ही घर खरीदने का ख्‍वाब देखने वालों को कुछ राहत मिली थी. 

रियल एस्टेट वृद्धि की रफ्तार में नहीं आएगी रुकावट

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आरबीआई के इस फैसले से रियल एस्‍टेट की वृद्धि की रफ्तार में कोई रुकावट नहीं आएगी और बाजार में स्थिरता बनी रहेगी. इससे निश्चित तौर पर रियल एस्‍टेट खरीदारी को बढ़ावा मिलेगा और इससे जुड़ी कंपनियों के लिए भी लाभकारी साबित होगा. आरबीआई गवर्नर ने सीआरआर (कैश रिजर्व रेशियो) में 50 आधार प्‍वाइंट्स की कटौती की भी घोषणा की. इस फैसले से बैंकों को अधिक लिक्विडिटी मिलेगी, जिससे वे ग्राहकों को अधिक ऋण देने में सक्षम होंगे.  

आसान शर्तों पर घर खरीदने का मिलेगा अवसर

रियल एस्‍टेट को आरबीआई के फैसले से सीधा लाभ होगा क्‍योंकि अब लोगों के लिए आसान शर्तों पर घर खरीदने का अवसर मिलेगा. इससे उन खरीदारों को भी फायदा होगा, जिनके पास उधारी की पहुंच अब पहले से बेहतर होगी. इन दोनों फैसलों से रियल एस्‍टेट क्षेत्र में नई रफ्तार आएगी. ब्‍याज दरों में लगातार बढ़ोतरी और ऋण की कमी से जो रुकावट आई थी, वह अब दूर होगी. इससे जहां घर खरीदने के लिए खरीदारों को सस्‍ता ऋण मिलेगा, वहीं रियल एस्‍टेट कंपनियों के लिए भी यह अच्छा मौका साबित होगा. आरबीआई के ये निर्णय साफ तौर पर यह दर्शाते हैं कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में रियल एस्‍टेट क्षेत्र को प्रोत्‍साहन देने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं. अब समय है इस मौके को पहचानने और अपने सपनों के घर को हासिल करने का.

रियल एस्‍टेट सेक्‍टर बोला, मिलेगी मजबूती

गौड़ ग्रुप के सीएमडी और क्रेडाई नेशनल के चेयरमैन, मनोज गौड़ ने कहा कि हम एक बार फिर आरबीआई के रेपो रेट को स्थिर रखने के फैसले की सराहना करते हैं. अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 6.21% तक बढ़ गई, जो एक साल में पहली बार आरबीआई के लक्ष्य सीमा से ऊपर गई. ऐसे में एमपीसी का रेपो रेट पर स्थिरता बनाए रखने का फैसला स्वागत योग्य है। यह कदम यह दिखाता है कि केंद्रीय बैंक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो अंततः रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी फायदेमंद साबित होगा. रियल एस्टेट सेक्टर पूरे देश में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, और यह फैसला इस क्षेत्र में तेजी बनाए रखने में मदद करेगा. 

रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा स्थिर वातावरण

प्रदीप  अग्रवाल, फाउंडर और चेयरमैन, सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड ने आरबीआई नीति पर कहा, "रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने का सर्वोच्च बैंक का निर्णय आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने और विकास को बढ़ावा देने के लिए संतुलित और विवेकपूर्ण दृष्टिकोण को दर्शाता है. यह निरंतरता रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक स्थिर वातावरण प्रदान करती है, जिससे डेवलपर्स आत्मविश्वास के साथ योजना बना सकें और होमबायर्स को अनुकूल उधार दरों का लाभ मिल सके. 

नई उंचाइयों तक पहुंचेगा रियल एस्‍टेट बाजार

काउंटी ग्रुप के निदेशक अमित मोदी ने कहा, "आरबीआई द्वारा रेपो रेट को स्थिर रखने के फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर अपनी नई उंचाइयों तक पहुंचने में मदद मिलेगी. कुछ मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं के बावजूद, यह कदम भारत की मजबूत वृद्धि और पुनर्जीवित अर्थव्यवस्था को दर्शाता है. इसके अलावा, आरबीआई द्वारा घोषित 50 बेसिस पॉइंट की सीआरआर कटौती से बैंकों के लिए ₹1.16 लाख करोड़ की तरलता मुक्त होगी और धन आपूर्ति बढ़ेगी." 

पॉजिटिव बना हुआ है रियल्टी सेक्टर का डेवलपमेंट 

मिग्‍सन ग्रुप के एमडी यश मिगलानी ने बताया कि रियल्टी सेक्टर का डेवलपमेंट पॉजिटिव बना हुआ है, कंजम्पशन बढ़ रही है, और मेट्रो सिटीज के अलावा टीयर 2 और 3 सिटीज में भी अधिक से अधिक लोग मिड , प्रीमियम और लक्जरी रेजिडेंशियल सेगमेंट में इन्वेस्ट कर रहे हैं. डेवलपर्स ने,अपनी ओर से, नए लॉन्च की स्पीड बढ़ा दी है, जैसा पिछले कुछ क्‍वाटर्रस की रिपोर्ट से पता चलता है. भारत दृढ़ता से प्रगति की राह पर है.

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का शानदार प्रदर्शन जारी

अंसल हाउसिंग के निदेशक कुशाग्र अंसल ने कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखने का फैसला रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सराहनीय कदम है. मजबूत जीडीपी ग्रोथ और नियंत्रित महंगाई के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन शानदार बना हुआ है, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को निरंतर सफलता की ओर बढ़ने का अवसर मिलेगा. एसकेए ग्रुप के डायरेक्‍टर संजय शर्मा का कहना है कि आरबीआई ने लगभग दो साल से रेपो रेट को 6.50% पर स्थिर रखकर बायर्स की उम्मीदों को एक बार फिर संतुष्ट किया है. 

सीआरआर में कटौती से बढ़ेगी लिक्विडिटी

संजय शर्मा के मुताबिक पिछली मॉनिटरी कमेटी की बैठक के बाद आरबीआई के रुख को देखते हुए हम इस बार रेट कम होने की उम्‍मीद कर रहे थे. हालांकि अब इस निर्णय से न केवल संभावित खरीदारों के लिए ब्याज दरें स्थिर होंगी बल्कि जनता का विश्वास भी बरकरार है. उधर, आरबीआई ने सीआआर में 50 बेसिस प्‍वाइंट्स की कमी की है. इससे लिक्विडिटी बढ़ेगी जिसका लाभ रियल एस्‍टेट सेक्‍टर को भी होगा.

खरीदार और डेवलपर्स दोनों का फायदा

 बेसाइड कॉर्पोरेशन की डायरेक्टर कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन्स, अंबिका सक्सेना ने कहा कि आरबीआई का रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखना रियल एस्टेट के लिए अच्छा कदम है. इससे कर्ज की लागत स्थिर रहेगी, जिससे घर खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को फायदा होगा. बाजार में स्थिरता की वजह से लोगों का भरोसा बढ़ेगा और रियल एस्टेट में लंबे समय के निवेश को बढ़ावा मिलेगा.  

उधारी के खर्च को आसान बनाता है आरबीआई का फैसला

एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर के एमडी नीरज शर्मा ने कहा कि आरबीआई का रेपो रेट स्थिर रखना उधारी के खर्च को आसान और समझने लायक बनाता है, जो वित्तीय स्थिरता और बाजार के भरोसे के लिए जरूरी है. यह फैसला रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बहुत अहम है, क्योंकि इससे होम लोन की दरें किफायती रहती हैं, जिससे आम लोगों के लिए घर खरीदना आसान होता है और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की मांग बढ़ती है.

पूरे सेक्‍टर के लिए सराहनीय कदम

रहेजा डेवलपर्स के वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स) मोहित कालिया का कहना है कि आरबीआई का रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखना एक बार फिर से सेक्टर के लिए सराहनीय कदम है. यह स्थिरता महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता को प्रभावित करती है बल्कि सेक्टर की ग्रोथ पर भी असर डालती है. यह भी दर्शाता है कि सरकार खरीदारों की भावनाओं और उम्मीदों का ध्यान रखती है और सेक्टर की समग्र प्रगति का समर्थन करती है. 

आरबीआई का न्यूट्रल रुख मौद्रिक नीति में संतुलन का संकेत

राजदरबार वेंचर्स की डायरेक्टर,नंदनी गर्ग ने कहा कि आरबीआई का न्यूट्रल रुख मौद्रिक नीति में संतुलन और मजबूती का संकेत है. रेपो रेट को स्थिर रखकर केंद्रीय बैंक यह सुनिश्चित करता है कि कर्ज की लागत स्थिर बनी रहे, जो घर खरीदारों के लिए राहत की बात है. इससे रियल एस्टेट सेक्टर में लगातार विकास होगा, जिससे डेवलपर्स को अपने प्रोजेक्ट्स की योजना बनाने में आसानी होगी और खरीदारों को किफायती वित्तीय विकल्प मिलेंगे.

आर्थिक स्थिरता को दिखाता है फैसला

तिरस्या एस्टेट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर रविंद्र गांधी ने कहा,"रेपो रेट को बनाए रखने और तटस्थ रुख अपनाने का आरबीआई का फैसला रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए सकारात्मक खबर लेकर आया है, जो घर खरीदारों और डेवलपर्स दोनों के लिए लाभकारी है. यह फैसला उद्योग में पुनरुत्थान के उस दौर से मेल खाता है, जहां क्षेत्रीय विकास और बेहतर ऑफरिंग्स देखी जा रही हैं. यह भारत में आर्थिक स्थिरता को दर्शाता है, भले ही वैश्विक अनिश्चितताएं मौजूद हों. 

सात फीसदी की दर से बढ़ सकती है अर्थव्यवस्था

स्‍पेक्‍ट्रम मेट्रो के वाइस प्रेजीडेंट सेल्‍स एंड मार्केटिंग अजेंद्र सिंह ने बताया कि आरबीआई ने लगातार 11वीं बार रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा है. केंद्रीय एजेंसी ने मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है. हालांकि, हमारी राय में एजेंसी 25 आधार अंकों तक दर को संशोधित करने पर विचार कर सकती थी, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को और मदद मिलती. भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 25 में 7% की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो इसे ऐसे समय में सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक बनाती है, जहां वैश्विक स्तर पर विकास ज्यादातर सुस्त है.

रियल एस्‍टेट और उपभोक्‍ताओं की तरक्‍की होनी तय

भूमिका ग्रुप के सीएमडी, उद्धव पोद्दार ने कहा कि आरबीआई का रेपो रेट स्थिर रखने का फैसला स्थिति को मजबूत दिखाता है, लेकिन रियल एस्टेट इंडस्ट्री को दरों में कटौती से फायदा होगा, क्योंकि रेपो रेट घर खरीदने की कीमत और लोन चुकाने के तरीके को प्रभावित करता है, जो सीधे रियल एस्टेट सेक्टर की तरक्की से जुड़ा है. 

लग्जरी प्रॉपर्टी की बढ़ रही है मांग, आ सकेंगे नए और बेहतर प्रोजेक्ट्स

एमआरजी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर, रजत गोयल के अनुसार, आरबीआई द्वारा 6.5% पर रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक अहम कदम है. स्थिर कर्ज की लागत से खरीदारों का विश्वास बढ़ता है, खासकर ऐसे इलाकों में जहां लग्जरी प्रॉपर्टीज की मांग बढ़ रही है, जैसे कि गुरुग्राम. यह कदम डेवलपर्स के लिए एक स्थिर विकास की दिशा में मददगार साबित होगा, जिससे वे नए और बेहतर प्रोजेक्ट्स लेकर आ सकेंगे, जो ग्राहकों की बदलती जरूरतों के हिसाब से होंगे.

लंबे समय तक विकास में मददगार है आरबीआई

प्रतीक ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर, प्रतीक तिवारी कहते हैं कि महंगाई को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने लगातार 11वीं बार रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा है. यह फैसला बढ़ती हाउसिंग डिमांड के बीच स्थिरता बनाए रखता है. साथ ही, लोन रेट में कम उतार-चढ़ाव से खरीदारों और डेवलपर्स का विश्वास बढ़ेगा, जो लंबे समय तक विकास के लिए मददगार होगा. 360 रियल्टर्स के डायरेक्टर,संजीव अरोड़ा का कहना है कि आरबीआई ने एक बार फिर रेपो रेट को 6.50% पर स्थिर रखते हुए घर खरीदने वालों और डेवलपर्स को राहत दी है। रियल एस्टेट सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है, खासकर मिड-रेंज, प्रीमियम और लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट में बढ़ती दिलचस्पी के साथ। यह सकारात्मक कदम सेक्टर की इस बढ़त को बनाए रखने में मदद करेगा और सभी संबंधित पक्षों को फायदा पहुंचाएगा.

बायर्स को राहत देने वाला निर्णय

एचसीबीएस डेवलपमेंट्स के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टसर सौरभ सहारन का कहना है कि रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने के आरबीआई के फैसले से हाउसिंग मार्किट में अनुकूल राइज की उम्मीद है. बढ़ते हाउसिंग एक्सपेंस के बावजूद,अन चेंज्ड होम लोन दरें संभावित होम बायर्स को राहत प्रदान करती हैं. नतीजतन, स्टेबल इंटरेस्ट रेट बायर्स और डेवलपर्स दोनों को लाभान्वित करती हैं, जिससे सेक्टर में कॉन्फिडेंस और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिलता है. 

टियर 2 शहरों में लग्जरी हाउसिंग को मिलेगी गति 

एक्‍सेंशिया इन्‍फ्रा के डायरेक्‍टर मानित सेठी के अनुसाार रियल एस्टेट क्षेत्र हमेशा से देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देता आया है. हालांकि, हम 25 बेसिस पॉइंट्स की दर कटौती की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन रेपो रेट को लगातार 11वीं बार स्थिर रखना भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि के बीच अनुकूल साबित होगा. खासकर, जब टियर 2 शहरों में लग्जरी हाउसिंग को गति मिल रही है, तो यह स्थिरता लोन दरों को स्थिर बनाएगी और इस क्षेत्र में खरीदारों की रुचि को बनाए रखेगी. दूसरी ओर, सीआरआर में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती से बाजार में तरलता को बढ़ावा मिलेगा, जिससे क्षेत्र की वृद्धि और मजबूत होगी.

विकास का माहौल हो रहा तैयार

 रॉयल एस्टेट ग्रुप के कार्यकारी निदेशक, पियूष कंसल ने बताया कि जैसा कि व्यापक रूप से अनुमान लगाया गया था, आरबीआई ने लगातार 11वीं बार रेपो दर को अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है. यह स्थिरता खरीदारों और डेवलपर्स दोनों के लिए सहायक विकास का माहौल तैयार करती है और अधिक निवेश को प्रोत्साहित करती है. यह निर्णय टियर 2 और टियर 3 शहरों में क्षेत्र के विकास के अनुरूप भी है. 

शहरों में हाउसिंग सेगमेंट में शानदार वृद्धि 

लैंडमार्क ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन, संदीप छिल्लर का कहना है कि रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखना कोई आश्चर्य की बात नहीं है. हालांकि, मौजूदा रेपो रेट में कटौती से उन लोगों को बड़ा प्रोत्साहन मिलता, जो कम ईएमआई की उम्मीद में लोन लेने की योजना बना रहे हैं. हाउसिंग सेगमेंट में शहरों में शानदार वृद्धि हो रही है, खासकर लग्ज़री हाउसिंग सेगमेंट में. ज्यादा मांग और मजबूत बाजार भावना को देखते हुए, रियल एस्टेट सेक्टर अगले साल भी तेजी से बढ़ता रहेगा.

निवेशकों की भावनाओं को मिल रहा बल

सनड्रीम ग्रुप के सीईओ हर्ष गुप्ता ने कहा, "आरबीआई का रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर बनाए रखने का निर्णय रियल एस्टेट बाजार में आवश्यक स्थिरता प्रदान करता है. यह स्थिरता होम लोन की ब्याज दरों को प्रबंधनीय बनाए रखने में मदद करती है, जो आवासीय क्षेत्र में मांग को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, तटस्थ नीतिगत रुख मौजूदा आर्थिक दिशा पर विश्वास को दर्शाता है, जिससे वाणिज्यिक रियल एस्टेट में निवेशकों की भावना को बल मिलता है. 

लग्जरी हाउसिंग के विकास से खाता है मेल

सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर,मार्केटिंग एंड बिजनेस मैनेजमेंट, सलिल कुमार का कहना है कि आरबीआई का रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला सेक्टर की वृद्धि के अनुरूप है. रेजिडेंशियल और कमर्शियल सेगमेंट में बढ़ती मांग के साथ, यह फैसला खरीदारों को बिना बढ़ती लोन ब्याज दरों की चिंता किए प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. यह फैसला लग्ज़री हाउसिंग के विकास के साथ मेल खाता है और संभावित खरीदारों को राहत प्रदान करता है.

प्रोजेक्‍ट लांच के खुलेंगे रास्‍ते

पिरामिड इंफ्राटेक के अश्वनी कुमार कहते हैं कि सेक्टर में लंबे समय से हाई-एंड प्रॉपर्टीज की मांग में बढ़ोतरी देखी गई है. रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखने का फैसला सेक्टर की वृद्धि को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, जिससे कमर्शियल और रेजिडेंशियल दोनों सेगमेंट मजबूत होंगे और डेवलपर्स के लिए उभरते क्षेत्रों में प्रोजेक्ट लॉन्च करने के रास्ते खुलेंगे. 

अप्रैल 2016 के बाद से सबसे ऊंची दर

ट्रेवॉक के एमडी, गुरपाल सिंह चावला का कहना है कि हम आरबीआई के इस निर्णय का स्वागत करते हैं कि उसने 6.5% पर रेपो रेट को ग्यारहवीं बार लगातार स्थिर बनाए रखा है. यह दर अप्रैल 2016 के बाद से सबसे ऊंची है, और यह स्थिरता बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, खासकर अक्टूबर में मुद्रास्फीति के दबावों के बढ़ने के बाद. यह स्थिरता देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और रियल एस्टेट सेक्टर को लाभ पहुंचाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

आर्थिक विकास का संतुलन होगा सुदृढ्र

ग्रुप 108 के एमडी, संचित भूटानी का कहना है कि आरबीआई का रेपो रेट को स्थिर रखना महंगाई को कंट्रोल करने और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाने का एक सोचा-समझा कदम है, जो रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अहम है। एसडीएफ और एमएसएफ दरों को जैसे का तैसा बनाए रखना बाजार की स्थिरता को मजबूत करता है, जबकि वित्तीय वर्ष 2025 के लिए 4.5% महंगाई का अनुमान केंद्रीय बैंक के अच्छे नजरिए को दिखाता है. 

CRR की कटौत से कॉमर्शियल सेक्टर में बढ़ा विश्वास

ओकस ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, प्रकाश मेहता ने कहा कि 11वीं बार लगातार आरबीआई ने रेपो रेट को नहीं बदला और इस फैसले से इस क्षेत्र का विश्वास कायम रखा है. इसके साथ ही, सीआरआर में 50bps की कटौती से कमर्शियल सेक्टर में भी अधिक विश्वास बढ़ा है. कम ब्याज दरें इस क्षेत्र में और भी निवेशकों और व्यवसायों को आकर्षित करेंगी. यह फैसला न केवल पैसे से जुड़ी चिंताओं को कम करता है, बल्कि महंगाई को कंट्रोल में रखने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता भी दिखाता है. हम इस फैसले की सराहना करते हैं.

अनुकूल वातावरण को भी बढ़ावा मिलेगा

ट्राइसोल रेड के एमडी पवन शर्मा का कहना है कि रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने के लिए RBI का दृढ़ दृष्टिकोण वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह सुसंगत नीति न केवल मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने में मदद करती है, बल्कि निरंतर आर्थिक विकास के लिए अनुकूल वातावरण को भी बढ़ावा देती है. एक स्थिर ब्याज दर का माहौल निवेशकों के बीच विश्वास को प्रोत्साहित करता है, पूंजी के स्थिर प्रवाह को बढ़ावा देता है, और रियल एस्टेट क्षेत्र को दीर्घकालिक योजना के लिए आवश्यक पूर्वानुमान प्रदान करता है.