Rent Vs Buy में क्या है लोगों की पसंद, घर खरीदने पर कैसा है लोगों का नजरिया, जानिए क्या कहता है सर्वे
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक इंडिया के एक हालिया सर्वे 'बैंकिंग ऑन ब्रिक्स' में कुछ दिलचस्प आंकड़े निकल कर आए हैं जिसे 1629 शहरी घर खरीदारों के बीच किया गया है.
अब घर खरीदार पहले के मुकाबले अपनी प्रॉपर्टी खरीदारी को लेकर काफी स्पष्ट और जागरूक हैं, उन्हें पता है क्या खरीदना है और क्या नहीं. प्रॉपर्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक इंडिया के एक हालिया सर्वे 'बैंकिंग ऑन ब्रिक्स' में कुछ दिलचस्प आंकड़े निकल कर आए हैं जिसे 1629 शहरी घर खरीदारों के बीच किया गया. सर्वे में शामिल लोगों से घरों के प्रकार, ओनरशिप और रेंटल, प्रॉपर्टी खरीदने का कारण, फैसलों को प्रभावित करने वाले कारण,फाइनेंस विकल्प समेत कई तरह के सवाल पूछे गए. जिस पर आम शहरी घर खरीदारों ने अपनी राय रखी है.
लोगों को कैसे घर पसंद?
नाइट फ्रैंक के सर्वे के मुताबिक सर्वे में शामिल 52% लोग अपार्टमेंट को पसंद करते हैं, उसके बाद 19% को स्टूडियो अपार्टमेंट पसंद है तो वहीं 17% लोगों को इंडिपेंडेंट घर या विला पसंद है. गेटेड कम्युनिटी को महज 7% और प्लॉट या भूमि को 5% लोगों ने पसंद किया है जो कम लोकप्रिय माना जा रहा है.
Buy vs Rent में क्या पसंद?
सर्वे में शामिल 80% लोगों ने घर का मालिक बनना पसंद किया है, जबकि महज 19% ने किराए पर रहने का विकल्प चुना तो वहीं मात्र 1% लोग अनिश्चित रहे. कमाल की बात है कि ये भावना सभी उम्र के लोगों लगभग एक जैसी है: 79% बेबी बूमर्स, 80% Gen X और 82% मिलेनियल्स घर के मालिक बनने के पक्ष में हैं, जबकि Gen Z में बड़ा अंतर दिखाई दिया है, इनमें 71% खुद का घर पसंद करते हैं और 27% किराए पर रहने के पक्ष में हैं.
घर खरीदने की वजह?
उम्र या पीढ़ी के आधार पर घर खरीदने के कारणों में अंतर स्पष्ट नजर आ रहा है. बेबी बूमर्स यानि 57-75 साल की उम्र के लोग प्रॉपर्टी में निवेश के पक्ष में हैं तो वहीं मिलेनियल्स यानि 25-40 साल की उम्र के लोग अपनी संपत्ति को अपग्रेड करना पसंद करते हैं. बात अगर प्रॉपर्टी के इस्तेमाल और निवेश को लेकर की जाए तो 39% मिलेनियल्स और 36% Gen Z प्रॉपर्टी को इस्तेमाल के लिए खरीदते हैं. जबकि बेबी बूमर्स में 29% प्रॉपर्टी में निवेश और 15% रिटायरमेंट प्लान को प्राथमिकता दे रहे हैं.
कुल मिलाकर कर देखें तो, 37% लोग बेहतर घर की ओर अपग्रेड कर रहे हैं, जो मिड और लक्जरी घरों की ओर बढ़ते रुझान को दर्शा रहा है। इसके अलावा 32% इस्तेमाल के लिए पहली बार घर खरीदने वाले हैं, 25% निवेश कर रहे हैं, और 7% रिटायरमेंट के लिए या सेकेंड होम या फिर छुट्टी मनाने के लिए घर खरीदना चाह रहे हैं।
कई कारणों से निर्णय प्रभावित?
अब कई कारण हैं जो घर खरीदारों के निर्णय को प्रभावित करते हैं. इसमें लोकेशन को सबसे अधिक प्राथमिकता दी गई है. 50% लोग प्रॉपर्टी की लोकेशन को प्राथमिकता देते हैं. 45% का मानना है कि प्रॉपर्टी का साइज, कीमत या अफोर्डिबिली उनके निर्णय को प्रभावित करती है. 35% लोगों के लिए अच्छा बिल्डर होना जरूरी है,यानि बिल्डर की साख देखने के बाद ही फैसला करते हैं. 33% का मानना है कि प्रॉपर्टी उनके वर्कप्लेस के पास होनी होनी चाहिए. 32% लोग प्रोजेक्ट में दी गई एमिनिटीज को प्राथमिकता देते हैं. 29% लोग प्रॉपर्टी को फाइनेंसिंग ऑप्शन के आधार पर फाइनल करते हैं और महज 22% लोग प्रॉपर्टी की रीसेल वैल्यु को प्राथमिकता देते हुए अपने फैसले लेते हैं.
होम लोन पहली पसंद
सर्वे में शामिल ओवरऑल 79% लोग प्रॉपर्टी खरीदने के लिए होम लोन या मॉर्टगेज का सहारा लेना पसंद है, 9% लोग परिवार से वित्तीय मदद लेकर प्रॉपर्टी खरीदना पसंद सकते हैं तो वहीं 12% लोग अपने निवेश और बचत के सहारे प्रॉपर्टी खरदीते हैं. नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और MD शिशिर बैजल ने कहा, "भारत का रियल एस्टेट सेक्टर न केवल हमारी आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि GDP और रोजगार में महत्वपूर्ण योगदान देता है, बल्कि यह खरीदारों की बदलती प्राथमिकताओं और वित्तीय सहायता प्रणालियों को भी दर्शाता है. हमारा हालिया सर्वे घर के मालिकाना हक के लिए लगातार प्राथमिकता को उजागर करता है, सर्वे में शामिल 80% लोग घर खरीदने की इच्छा रखते हैं और प्रीमियम प्रॉपर्टी की ओर रुझान बढ़ रहा है, खासकर शहरी क्षेत्रों में. चूंकि BFSI सेक्टर इस ग्रोत को आसान बनाता है - होम लोन, निवेश के अवसर और जोखिम प्रबंधन उपकरण प्रदान करता है - उभरती तकनीक और बुनियादी ढांचे की उन्नति के साथ, हम एक लचीले रियल एस्टेट परिदृश्य की आशा करते हैं जो भारत के व्यापक विकास लक्ष्यों के साथ जुड़ा है."