RBI Monetary Policy, Real Estate Sector: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है. यह लगातार नौवीं बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. इस निर्णय का उद्देश्य अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखना और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना है। निर्णय के बाद रियल एस्‍टेट क्षेत्र के उद्यमी उत्‍साहित हैं. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह कदम अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और भविष्य की वृद्धि की दिशा को प्रभावित कर सकता है. वहीं, रियल एस्टेट डेवलपर्स का कहना है कि इस स्थिरता से ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं होगा, जिससे निर्माण और खरीदारी की लागत पर स्थिरता बनी रहेगी. 

नौवीं बार आरबीआई ने नहीं बदला है रेपो रेट, रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा फायदा

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आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा पर रियल एस्टेट डेवलपर्स का कहना है कि यह निर्णय वर्तमान में चल रही आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए विवेकपूर्ण है और इससे रियल एस्टेट सेक्टर में सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, विशेषकर आवासीय परियोजनाओं और निवेशकों के लिए. क्रेडाई के चेयरमैन और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ का कहना है कि लगातार नौवीं बार आरबीआई ने रेपो रेट नहीं बदला है. यह देश की आर्थिक बढ़ोतरी के लिए अच्छा है और इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में मदद करेगा। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को भी फायदा होगा। लेकिन, सस्ती आवास योजना का विकास अभी भी पीछे है और इसकी बहुत ज्यादा मांग है. हमें उम्मीद है कि आरबीआई भविष्य में इस पर ध्यान देगा.

RBI Monetary Policy, Real Estate Sector: घर खरीदना बना रह सकता है सस्ता, निवेशकों का बढ़ता है भरोसा

सीआईआई की एनआर कमेटी ऑन रियल एस्टेट के सह-अध्यक्ष और भारतीय अर्बन में सीईओ रेजिडेंशियल अश्विंदर आर. सिंह का कहना है कि आरबीआई का 6.5% पर दरें स्थिर रखने का निर्णय रियल एस्टेट के लिए अच्छा है. इससे घर खरीदना सस्ता बना रहता है और निवेशकों का भरोसा बढ़ता है. दरें न बढ़ाकर, आरबीआई चल रहे प्रोजेक्ट्स को समर्थन देता है और नए निवेशों को बढ़ावा देता है, जो कि हाउसिंग सेक्टर के विकास के लिए जरूरी है.

RBI Monetary Policy, Real Estate Sector: ब्याज दरों में आई है स्थिरता, घर खरीददारों के लिए एक अच्छा संकेत

काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी के अनुसार आरबीआई द्वारा रेपो रेट को नहीं बढ़ाने का फैसला समय की जरूरत था. हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी यह स्थिर रहे. देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए, यह निर्णय उन पहली बार घर खरीदने वालों के लिए खास था, क्योंकि इससे ब्याज दरों में स्थिरता आई है. जो लोग अभी भी घर खरीदने का मन बना रहे हैं, उनके लिए यह एक अच्छा संकेत है. इसके साथ ही, 23 जून 2024 से पहले खरीदी गई संपत्तियों के लिए नई टैक्स नीति का भी लाभ मिलेगा, जो देश के बड़े मध्य वर्ग के लिए एक सकारात्मक कदम है.

RBI Monetary Policy, Real Estate Sector: स्थिर होम लोन की दरें खरीददारों को देगी राहत

एसकेए ग्रुप के निदेशक श्री संजय शर्मा ने कहा, "आरबीआई का नौवीं बार लगातार रेपो रेट को 6.50% पर बनाए रखने का निर्णय रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में एक सराहनीय उछाल की उम्मीद जगाता है. आवास की कीमतों में वृद्धि के बीच, स्थिर होम लोन दरें घर खरीदारों को कुछ राहत देंगी. इसके अलावा, स्थिर ब्याज दरें खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को लाभान्वित करेंगी, जिससे उपभोक्ताओं का विश्वास और इस क्षेत्र में निवेश मजबूत होगा. आरबीआई का रेपो रेट स्थिर रखने का निर्णय नए परियोजनाओं की स्थापना और उभरते क्षेत्रों में विकास के विस्तार की दिशा में अग्रसर होगा."

RBI Monetary Policy, Real Estate Sector: बायर्स पर वित्तीय बोझ कम करने के लिए सकारात्मक कदम

स्‍पेक्‍ट्रम मेट्रो के वाइस प्रेजीडेंट सेल्‍स व मार्केटिंग अजेंद्र सिंह ने कहा कि लगातार नौवीं बार रेपो दर को 6.50 फीसदी पर बनाए रखने का आरबीआई का यह निर्णय बॉयर्स पर वित्तीय बोझ को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है. साथ ही इस बात का संकेत देता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह मजबूत है. आरबीआई का यह निर्णय कॉमर्शियल सेक्टर में संभावित बॉयर्स को अपनी प्रॉपर्टी खरीद के साथ आगे बढ़ने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए अच्छा कदम है.

RBI Monetary Policy, Real Estate Sector: स्थिर रेपो रेट घर खरीदाने वालों में पैदा करता है विश्वास

यश मिगलानी, एमडी मिगसन ग्रुप का कहना है कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट्स को नौवीं बार 6.5% पर बनाए रखने के निर्णय से रियल्टी क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.  ब्याज दरें स्थिर रहने से संभावित घर खरीदार अनुकूल ऋण वातावरण का लाभ उठा सकते हैं. ग्रुप 108 के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. अमि‍ष भूटानी कहते हैं कि आरबीआई ने नौवीं बार लगातार रेपो रेट को स्थिर बनाए रखकर एक सराहनीय कदम उठाया है. एक स्थिर रेपो रेट कमर्शियल रियल एस्टेट निवेशकों और घर खरीदने वालों दोनों में विश्वास पैदा करता है. यह स्थिरता रियल एस्टेट क्षेत्र की वृद्धि को सीधे प्रभावित करती है, जो भारत की जीडीपी और भविष्य की विकास संभावनाओं में महत्वपूर्ण योगदान देती है.

RBI Monetary Policy, Real Estate Sector: रियल एस्टेट में इन्वेस्टमेंट को मिलेगा बढ़ावा

कुशाग्र अंसल, डायरेक्टर अंसल हाउसिंग ने रेपो रेट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आरबीआई द्वारा नौवीं बार मौजूदा रेपो रेट को बरकरार रखने का फैसला मार्किट  के लिए एक स्वागत योग्य खबर है. जीडीपी के आंकड़ों में सुधार की उम्मीद है और रियल एस्टेट सेक्टर का जीडीपी में योगदान बढ़ रहा है, आरबीआई का यह कदम निस्संदेह रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देगा. हर्ष गुप्ता, सीईओ, सनड्रीम ग्रुप के अनुसार आरबीआई का रेपो रेट को 6.5% पर लगातार नौवीं बार स्थिर रखने का फैसला आर्थिक विकास और मुद्रास्फीति के बीच संतुलन बनाए रखने का संकेत है. 

RBI Monetary Policy, Real Estate Sector: स्थिर मौद्रिक नीति बाजारों और निवेशकों को देती हैं भरोसा 

हर्ष गुप्ता ने कहा है कि पिछले 25 सालों में यह दूसरी सबसे लंबी स्थिरता का समय है, जो मौजूदा आर्थिक हालात पर विश्वास को दिखाता है. जीडीपी वृद्धि 7.2% पर स्थिर रहने से, आरबीआई की नीति मजबूत आर्थिक माहौल को बढ़ावा देती है, जिससे निवेश और विकास को बढ़ावा मिलता है. यह स्थिर मौद्रिक नीति बाजारों और निवेशकों को भरोसा देती है, जिससे व्यावसायिक योजनाओं और दीर्घकालिक योजनाओं के लिए स्थिरता मिलती है.

RBI Monetary Policy, Real Estate Sector: रेपो रेट में बदलाव नहीं पॉजिटिव संकेत  

 ट्रेवॉक के मैनेजिंग डायरेक्टर सहज चावला का कहना है कि आरबीआई का रेपो रेट को जस का तस बनाए रखना और महंगाई पर ध्यान देना खरीदारों, बैंकरों और रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए राहत की खबर है. इससे बाजार में भरोसा बना रहता है और सभी को निवेश और योजना बनाने में मदद मिलती है। स्थिर रेट के चलते रियल एस्टेट सेक्टर में विकास की उम्मीद और मजबूत हो जाती है. रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा के अनुसार आरबीआई द्वारा लगातार नौवीं बार रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने का निर्णय रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए पॉजिटिव साइन देता है. 

RBI Monetary Policy, Real Estate Sector: रेपो रेट में बदलाव न होने से बढ़ेगी प्रॉपर्टी की डिमांड

बकौल नयन रहेजा, 'जैसे-जैसे लग्जरी हाउसिंग में तेजी आ रही है, यथास्थिति बनाए रखने से और अधिक प्रॉपर्टी डिमांड बढ़ेगी और मार्किट का भरोसा मजबूत होगा. दूसरी ओर, यह संभावित खरीदारों पर फाइनेंसियल प्रेशर को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. पिछले कुछ वर्षों में यह सेक्टर  पहले से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, और इस निर्णय से इस सेक्टर  के डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे डेवलपर्स के लिए उभरते क्षेत्रों में प्रोजेक्ट लॉन्च करने का रास्ता खुल जाएगा.'